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क्षारक क्या होता है ? अम्ल और क्षारक में क्या अन्तर होता है ? 

क्षारक क्या होता है?

Hello friends welcome to my blog , पदार्थो को उनके pH मान के आधार पर दो भागो में बाटा गया है।  जिन पदार्थो का pH मान 7 से काम होता है वे पदार्थ अम्लीय होते है।  जिन पदार्थो का pH मान 7 से अधिक होता है वे पदार्थ क्षारक होते है।  हम यहाँ मुख्यतः क्षारक का अध्ययन करने वाले है। ”अम्ल और क्षारक में क्या अन्तर होता है ?” और क्षार के गुणों , प्रकार , उपयोग का अध्ययन भी करेंगे। अम्ल और क्षारक से रिलेटेड बहुत सारे सवाल एग्जाम में पूछे जाते है। आज यहाँ इस आर्टिकल में सभी सवालो का जवाब  दिया जायेगा। आपने अपने दैनिक जीवन में कुछ ऐसे पदार्थो को छुआ होगा , इस्तेमाल किया होगा , जो छूने में चिकने होते है। कुछ ऐसे होते है जिनका स्वाद खट्टा होता है और कुछ ऐसे पदार्थ होते है जिनका स्वाद कड़वा होता है।  किसी पदार्थ का इस तरह का गुण प्रकट करना, उनके अम्लीय या क्षारक गुणों के कारण होता है।

आपने निम्बू , संतरा , दही , इमली , आदि कई ऐसे वस्तुए काम में ली होगी जिनका टेस्ट खट्टा होता है।  ऐसा इनके अम्लीय गुणों के कारण होता है।  कुछ पदार्थ ऐसे होते है जो साबुन जैसे चिकने होते है। यह उनके क्षारीय गुणों के कारण होता है। आइये जानते है क्षारक क्या होता है ,अम्ल और क्षारक में क्या अंतर होता है ? अम्लों के अध्ययन के बारे में , मै अपनी पिछली पोस्ट में बता चूका हूँ।  इसीलिए हम इस पोस्ट में केवल क्षारक के बारे में अध्ययन करेंगे। अगर अपने अम्लों के बारे में नहीं पढ़ा है तो यहाँ क्लिक कर के पढ़े-    अम्ल क्या होता है ? एसिड के उपयोग,गुण,प्रकार,आधुनिक अवधारणा का अध्ययन

 

Table of Contents

अम्ल और क्षारक में क्या अन्तर होता है ? क्षारक क्या होता है? गुणधर्मों का अध्ययन। 

अम्ल और क्षार एक दूसरे के पूरक होते है। इसलिए इस टॉपिक को ध्यान से समझने के लिए आपको हमारी पिछ्ली पोस्ट – अम्ल क्या होता है ?  एसिड के उपयोग,गुण,प्रकार,आधुनिक अवधारणा का अध्ययन को ध्यान से पढ़े। आप दोनों पोस्ट को ध्यान से रीड करो। अम्ल और क्षार से संबंधित आपके सारे डाउट क्लियर हो जायेंगे।

क्षार की खोज का इतिहास तथा परिभाषा :- History and definition of discovery of alkali

सन् 1659 में सिलवियन ने पहले अम्लों और क्षारकों में अन्तर किया था।  सन् 1774 में  रूल ने क्षारक नाम उस पदार्थ को दिया जो अम्लों के साथ मिलकर लवण बनाता है। आजकल क्षारक ऐसे आक्सीजन वाले पदार्थों को कहते हैं जो अम्लों के पूरक होते हैं। क्षार धातुओं, क्षारीयमृदा धातुओं और अन्य धातुओं के आक्साइड और वे सभी पदार्थ क्षारक हैं जो अम्लों के साथ मिलकर लवण बनाते हैं।

क्षारक ऐसे पदार्थ होते हैं, जो अम्ल के साथ मिलकर लवण एवं जल बनाते हैं। जैसे  जिंक ऑक्साइड (ZnO) ,सल्फ्यूरिक अम्ल  (H2SO4) के साथ मिलकर ज़िंक सल्फेट (ZnSO4) और जल (H2O) बनाता हैं। सोडियम हाइड्रोक्साइड – (NaOH) सल्फ़्यूरिक अम्ल (H2SO4) के साथ अभिक्रिया कर के सोडियम सल्फेट Na2SO4) और जल (H2O) बनाता है। धातुओं के आक्साइड सामान्यत: क्षारक हैं। परन्तु इसके कुछ अपवाद भी हैं।

क्षारक क्या होता है?
Calcium hydroxide powder [Ca(OH)2]

क्षारकों में धातुओं के आक्साइड और हाइड्राक्साइड होते है। परन्तु सुविधा के लिए कुछ तत्वों के  ऐसे समूह भी रखे गए हैं जो अम्लों के साथ अभिक्रिया करके लवण तो बनाते है परन्तु जल नहीं बनाते हैं। ऐसे क्षारकों में अमोनिया, हाइड्राक्सीलेमिन और फॉस्फीन हैं। द्रव अमोनिया घुल जाता है परन्तु यह फीनोल्फथैलीन से कोई रंग नहीं देता। अत: इसे क्षारक कहना थोड़ा  संदिग्ध लगता है।

यद्यपि  क्षारक की परिभाषा बड़ी असंतोषजनक है।  क्षारक (बेस) और क्षार (ऐल्कैली) पर्यायवाची शब्द नहीं हैं। सभी क्षार क्षारक हैं, परन्तु सभी क्षारक क्षार नहीं होते हैं। क्षार-धातुओं के ऑक्साइड , जैसे सोडियम ऑक्साइड, जल में घुलकर सोडियम हाइड्रोक्साइड बनाते हैं। ये प्रबल क्षारक होते हैं। क्षारीय मृदाधातुओं के ऑक्साइड , जैसे कैलिसयम ऑक्साइड , जल में कम विलेय और कम  क्षारीय होते हैं। अन्य धातुओं के ऑक्साइड जल में घुलते नहीं  है। उनके हाइड्रोक्साइड  बनाए जाते हैं।

धातुओं के ऑक्साइड और हाइड्रोक्साइड  क्षारक होते हैं। क्षार धातुओं के ऑक्साइड जल में शीघ्र घुल जाते हैं। कुछ धातुओं के ऑक्साइड जल में कम विलेय होते हैं और कुछ धातुओं के ऑक्साइड जल में बिल्कुल भी विलेय नहीं होते हैं। कुछ अधातुओं के हाइड्राइड, जैसे नाइट्रोजन और फास्फोरस के हाइड्राइड क्रमश: अमोनिया और फास्फीन में भी भस्म जाते हैं।

क्षारक क्या होता है ? WHAT IS BASE ?

क्षारक वे पदार्थ होते है जिनका स्वाद कड़वा होता है। ये स्पर्श में साबुन जैसे चिकने होते है। ये लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते है। मेथिल ऑरेंज को पीला तथा फिनॉफ्थैलीन को गुलाबी कर देते है। जैसे पोटैशियम हाइड्रोक्साइड (KOH) , मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड [Mg(OH)2] , सोडियम  हाइड्रोक्साइड (NaOH)आदि रासायनिक भाषा के अनुसार क्षारक वे पदार्थ होते है जो धात्विक योगिक या मूलक है , जो अम्ल से अभिक्रिया करते है। और उन्हें उदासीन करते है।  सामान्यत क्षारक धात्विक ऑक्साइड तथा धात्विक हाइड्रोक्साइड की तरह व्यवहार करते है।

क्षारकों की आधुनिक अवधारणा:- MORDEN CONCEPT OF BASES

”क्षारक क्या होता है” कई वैज्ञानिक ने इस पर रिसर्च किया। और उन्होंने अपनी अपनी परिभाषा दी।  लुइस, आरहेनियस, ब्रॉन्सटेड- लॉरी ने अपनी अपनी परिभाषा दी।  आइये जानते है ”क्षारक क्या है” की आधुनिक परिभाषा।

1. क्षारक की आरहेनियस अवधारणा :- आरहेनियस के अनुसार क्षारक वे पदार्थ होते है जो जल में अपघटित होकर हाइड्रोक्सील आयन [OH- (aq)] देते है। जैसे
NaOH (aq )   →     Na+(aq)  +  OH-(aq)

इस अभिक्रिया में सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) का  सोडियम आयन Na+ तथा हाइड्रोक्सिल आयन OH- में जल अपघटन हुआ है। मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड [Mg(OH)2] , कैल्शियम हाइड्रोक्साइड [Ca(OH)2], अमोनियम हाइड्रोक्साइड (NH4OH ) आदि धातु ऑक्साइड जल में अपघटित होकर हाइड्रोक्सिल आयन देते है।

2.ब्रॉन्सटेड लॉरी अवधारणा :- ब्रॉन्सटेड लॉरी के अनुसार , वे पदार्थ जो जलीय विलयन से प्रोटॉन ग्रहण करने में सक्षम है। अथार्त क्षारक प्रोटॉन ग्राही होते है। ऐसे पदार्थ क्षारक कहलाते है।

NH3 (aq) + H2O (aq)   →  NH4+(aq)    +    OH- (aq)

इस अभिक्रिया में अमोनिया ने जल से एक हाइड्रोजन आयन ग्रहण करके अमोनियम आयन में प्रवर्तित हो गया है।

3.क्षारक की लुइस अवधारणा :- लुइस के अनुसार वे पदार्थ क्षारक होते है जो इलेक्ट्रान दाता होते है। अथार्त वे स्पीशीज़ जो इलेक्ट्रान युग्म कर दान कर सकते है।  लुइस क्षार होते है।
BF3 + : NH3 →   BF3  : NH3

क्षारक कितने प्रकार के होते है ? HOW MANY TYPES OF BASE 

A. आयनीकरण की मात्रा के आधार पर क्षारक को दो भागो में बाँटा गया है। – 1.  प्रबल क्षारक , 2. दुर्बल क्षारक

  1.  प्रबल क्षारक :- इस प्रकार के क्षारक अपने जलीय विलयन में पूर्णतया आयनित हो जाते है।  जैसे सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) , पौटेशियम हाइड्रोक्साइड (KOH), बेरियम हाइड्रोक्साइड[Ba(OH)2] , आदि।  सामान्तया क्षारीय धातु तथा  क्षारीय मृदा धातु के ऑक्साइड और हाइड्रोक्साइड प्रबल क्षारक होते है।
  2.  दुर्बल क्षारक :- इस प्रकार के क्षारक अपने जलीय विलयन में पूर्णतया आयनित  नहीं होते है।  अथार्त आंशिक रूप से आयनित होते है। अतः इनके जलीय विलयन में अणु और आयन दोनों होते है।  जैसे :- अमोनियम हाइड्रोक्साइड(NH4OH) , आयरन हाइड्रोक्साइड, मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड [Mg(OH)2]आदि।

B. घुलनशीलता के आधार पर क्षारों को दो भागो में विभाजित किया गया है।  1. क्षारक , 2. एल्कली

  1. क्षारक :- ज्यादातर क्षार पानी में घुलनशील नहीं होते है। अघुलित रहते है।  क्षारक (base ) और क्षार ( Alkali ) दोनों एक नहीं है अथार्त पर्यायवाची नहीं है।  सभी क्षार क्षारक होते है परन्तु सभी क्षारक क्षार नहीं होते है।  क्षार धातुओं के ऑक्साइड जैसे सोडियम ऑक्साइड जल में घुलकर Hydroxide बनाते है।  अतः ये प्रबल क्षारकीय होते है।  क्षारीय मृदा धातुओं के ऑक्साइड जैसे कैल्शियम ऑक्साइड जल में कम विलय होता है अतः ये दुर्बल क्षारीय होते है।  इसी तरह अन्य धातुओं के ऑक्साइड भी जल में नहीं घुलते है।  तथा इनके hydroxide परोक्ष नीतियों से बनाये जाते है।
  2. एल्कली :- जो क्षार पानी में आसानी से घुल जाते है , उन्हें एल्कली क्षार कहा जाता है।  एल्कलाइन मेटल्स का एल्कली गुण एक बेसिक आयनिक साल्ट है।  जैसे सोडियम , पौटेशियम, लिथियम ,आदि एल्कली धातु है।  यहाँ तक की एल्कलाइन मृदा धातुओं को भी एल्कली कहते है।  जैसे लिथियम हाइड्रोक्साइड , सोडियम हाइड्रोक्साइड , पौटेशियम हाइड्रोक्साइड आदि एल्कली धातु हाइड्रोक्साइड है ।  परन्तु अमोनिया इसमें अपवाद रहता है।  अमोनिया एक नॉन मेटल hydride लवण होता है।  जो की एक क्षार होता है।

क्षारको के भौतिक गुण :- PHYSICAL PROPERTIES OF BASES 

  1. क्षारक स्वाद में कड़वे या तीखे होते है
  2. क्षारक का जलीय विलयन साबुन जैसा चीकना कर होता है।
  3. क्षारक लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते है।
  4. क्षारक अम्लों से क्रिया करके उसको नीला कर देते है।
  5. क्षारक मैथिल ऑरेंज को पीला और फिनॉलफ्थेलिन को गुलाबी कर देते है
  6. क्षारक का pH 7 से अधिक होता है।

क्षारको के रासायनिक गुण :- CHEMICAL PROPERTIES OF BASES

  1. क्षारक धातुओं के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस तथा उसके संगत लवण बनाते है।
    धातु + क्षारक   →  लवण + हाइड्रोजन गैस
    यद्यपि सभी क्षार धातुओं साथ इस प्रकार की अभिक्रियाएं नहीं देते है।
  2. क्षारको की अम्लों के साथ अभिक्रिया उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती है। जिसके फलस्वरूप संगत लवण तथा जल बनते है।
  3. क्षारक अधात्विक ऑक्साइडों से अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते है।
    क्षारक + अधात्विक ऑक्साइड        लवण + जल
    चूँकि यह अभिक्रिया अम्ल और क्षारक के बीच होने वाली अभिक्रिया जैसी होती है। अतः इससे  हम यह निष्कर्ष निकालते है कि अधात्विक ऑक्साइडों की प्रकृति अम्लीय होती है।
  4. क्षारक जल में घोले जाने पर हाइड्रोक्सिल आयन देते है
    NaOH(aq)        →          Na+(aq)       + OH-(aq)
    सभी क्षारक जल में घुलनशील नहीं होते है।  जल में घुलनशील क्षारक को क्षार कहते है।  जैसे NaOH, KOH , [Ca(OH)2], NH4OH . अतः सभी क्षार क्षारक है परन्तु सभी क्षारक क्षार नहीं होते है।
  5. तेल और गंधक क्षार में घुल जाते है।  क्षार जैसे जिंक , एल्युमीनियम , टिन, आदि के ऑक्साइड और हाइड्रोक्साइड अम्ल के साथ साथ गर्म सांद्र NaOH और KOH के विलयनों में भी घुल जाते है।अतः ये उभयधर्मी कहलाते है।
  6. प्रबल क्षार जैसे NaOH , KOH , आदि अपने जलीय विलयन तथा गलित अवस्था में विद्युत के अच्छे चालक है।  क्योकि इन अवस्थाओं में ये शीघ्रता से आयन उपलब्ध कराते है।
क्षारक क्या होता है?
potesium hydroxide pallets KOH

अम्ल और क्षारक में क्या अन्तर होता है ? WHAT IS DIFFERENT BETWEEN ACID AND BASE

अम्ल और क्षारक दोनों एक दूसरे के पूरक माने जाते है।  इन दोनों में बहुत अधिक अन्तर होता है।  आइये जानते है ”अम्ल और में क्या अन्तर होता है?”

  1. अम्ल स्वाद में खट्टे होते है जबकि क्षारक स्वाद में कड़वे या तीखे कसैला होता है।
  2. अम्ल का ph 7 से कम होता है जबकि क्षार का ph 7 से अधिक होता है।
  3. अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते है जबकि क्षारक लाल लिटमस पत्र को नीला करते है।
  4. आरहेनियस के अनुसार अम्ल जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन देते है जबकि क्षारक जलीय विलयन में हाइड्रोक्सिल आयन देते है।
  5. ब्रॉन्सटेड लॉरी के अनुसार अम्ल प्रोटॉन दाता होते है जबकि क्षारक प्रोटॉन ग्राही होते है।
  6. लुइस के अनुसार अम्ल इलेक्ट्रान युग्म ग्राही तथा क्षारक इलेक्ट्रान युग्म दाता होते है।
  7. अम्ल मैथिल ऑरेंज को लाल कर देते है जबकि क्षारक मैथिल ऑरेंज को पीला कर देते है
  8. क्षारक को छूने पर साबुन जैसे चिकने लगते है जबकि अम्ल में ऐसा गुण नहीं होता है।

अम्ल तथा क्षारक का तनुकरण कैसे करे ?

जल में अम्ल तथा क्षारक के घुलने की प्रक्रिया अत्यन्त ऊष्माक्षेपी होती है।  अतः सांद्र अम्ल या क्षारक को सदैव धीरे धीरे जल में हिलाते हुए मिलाना चाहिए।  क्योकि सांद्र अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न हुईऊष्मा के कारण मिश्रण  पात्र से बाहर निकल कर हमें जला सकता है।  या फिर काँच का  पात्र टूट सकता है।  अम्ल के विलयन को या क्षार के विलयन को तनुकृत करते समय क्रमशः हाइड्रोनियम आयन या हाइड्रोक्सिल आयन की सांद्रता में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है। इस प्रक्रिया को तनुकरण कहते है।

क्षारको का उपयोग :- USES OF BASES

  1. कैल्शियम हाइड्रोक्साइड  :- इसका उपयोग विरंजक पाउडर के निर्माण में , कंक्रीट और प्लास्टर में , चुने पोतने में, जल के मृदुकरण में , और अम्लीय मृदा को उपचारित करने में किया जाता है।  इसकी सहायता से चमड़े की बाहरी सतह पर उपस्थित बालों को भी साफ़ किया जाता है।
  2. मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड :- इसका उपयोग प्रतिअम्ल में और चीनी उद्योग में किया जाता है।
  3. सोडियम हाइड्रोक्साइड :- NaOH को कास्टिक सोडा भी कहते है।  इसका उपयोग धातुओं से ग्रीस हटाने में, कागज बनाने में , कठोर साबुन तथा अपमार्जक के निर्माण में किया जाता है।  यह टेक्सटाइल उद्योग में  भी काम आता है।  इसके अलावा इसका उपयोग पेट्रोलियम के शोधन में तथा घरो की साफ सफाई में भी काम आता है।
  4. पोटैशियम हाइड्रोक्साइड :- इसका उपयोग प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में किया जाता है।  यह मृदु साबुन , शैम्पू , तथा शेविंग क्रीम के निर्माण भी काम में लिया जाता है।  इसमें CO2 और SO2 को अवशोषित करने की क्षमता होती है।
  5. कैल्शियम ऑक्साइड :- इसका उपयोग शुष्क कारक के रूप में , विरंजक चूर्ण के निर्माण में , गारे में एक अवयव के रूप में लिया जाता है।  इससे मकानों की पुताई के लिए भी काम में लिया जाता है।
  6. मैग्नीशियम ऑक्साइड :- इसका उपयोग भट्टी में अगिन सह ईंटो के निर्माण में , रबड़ पूरक के रूप में , तथा बॉयलरों में काम में लिया जाता है
क्षारक क्या होता है?
MAGNESIUM OXIDE POWDER (Mgo)

अम्लों और क्षारको से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

पेट में अम्ल का क्या कार्य होता है ?

हमारे पेट यानि की मानव आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक एसिड ( HCl ) होता है।  जब भोजन हमारी आहारनाल से होता हुआ आमाशय में जाता है तो भोजन में उपस्थित हानिकारक जीवाणुओं तथा बैक्टीरिया को हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) नष्ट कर देता है।  तथा भोजन को पचाने में भी सहायक होता है।  साथ में भोजन में उपस्थित जटिल अवयवों का भी अपघटन करता है।

Also read :–  हाइड्रोक्लोरिक एसिड क्या है ? HCl के गुण,संरचना,उपयोग, बनाने की विधि का विवरण

सबसे प्रबल अम्ल कोनसा है ?

सबसे प्रबल अम्ल सुपरसाइड फ्लोरोएण्टीमोनिक एसिड ( fluoroantimonic acid ) होता है।  जिसका रासायनिक सूत्र HSBF6  होता है जिसका मोलेक्यूलर वेट 344.85  ग्राम / मोल होता है।  इससे ज्यादा कोई प्रबल अम्ल नहीं होता है।

इमली में कोनसा अम्ल पाया जाता है ?

इमली में टार्टरिक अम्ल पाया जाता है।

चींटी के डंक में कोनसा अम्ल पाया जाता है ?

लाल चींटी , बिच्छु , मधुमक्खी , भौंरे के डंक में फॉर्मिक एसिड होता है जिनके द्वारा डंक मरने पर दर्द होता है और सूजन आ जाती है

अम्लराज कैसे बनाया जाता है ?

हाइड्रोक्लोरिक एसिड तथा नाइट्रिक एसिड को परस्पर 3 : 1 में मिलाने से इस मिश्रण का निर्माण होता है।  इस मिश्रण को एकवारेजिया कहते है।  यह मिश्रण सिल्वर , गोल्ड , प्लैटिनम जैसे धातुओं को गलने में काम आता है।

संतरा , निम्बू , मौसमी में कोनसा अम्ल पाया जाता है ?

संतरा , निम्बू , मौसमी में सिट्रिक अम्ल पाया जाता है।  यह अम्ल स्किन की हेल्थ के लिए तथा आमाशय से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में काम आता है।

सेब में कोनसा अम्ल पाया जाता है ?

सेब में मैलिक एसिड पाया जाता है।

दूध में कोनसा अम्ल पाया जाता है ?

दूध में  लैक्टिक अम्ल पाया जाता है।

मिल्क ऑफ़ मैग्नीशियम किसे कहते है ?

मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड -Mg (OH )2 को मिल्क ऑफ़ मागनरसियम कहते है। इसका मॉलिक्यूलर वेट 58.3197 होता है

निष्कर्ष :-  आशा करता हूँ आपको अम्लों और क्षारो में अन्तर समझ आ गया होगा। ”क्षारक क्या होता है ?” ”अम्ल और क्षारक में क्या अन्तर होता है ” इनसे संबंधित बहुत सारे सवाल एग्जाम में पूछे जाते है। अतः आप अम्ल और क्षारक क्या होते है दोनों पोस्ट को अच्छे से पढ़ ले। और कमेंट करके बताये यह पोस्ट कैसे लगा। अम्ल तथा क्षार से संबंधित कोई प्रॉब्लम हो तो कमेंट करके जरूर बताये।

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