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अश्वगंधा के फायदे और नुकसान : health benefits of ashwagandha in hindi

अश्वगंधा के फायदे और नुकसान : health benefits of ashwagandha in hindi

अश्वगंधा के फायदे और नुकसान : health benefits of ashwagandha in hindi :- अश्वगंधा एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग लम्बे समय से होता रहा है। सभी जड़ी बूटियों में से अश्वगंधा सबसे अधिक प्रसिद्ध जड़ी बूटी मानी जाती है। प्राचीन समय में अनेक बीमारियों के उपचार में व शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए अश्वगंधा का सेवन किया जाता था। आज भी अनेक आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण में अश्वगंधा का उपयोग किया जाता है।

आज हम इस लेख में अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए (ashwagandha ke fayade for male) और अश्वगंधा के फायदे महिलाओं के लिए (ashwagandha ke fayade for female) जानेंगे। साथ ही हम अश्वगंधा के नुकसान व अश्वगंधा का सेवन करने के तरीके के बारे में जानेंगे। भारत में पांरपरिक रूप से अश्वगंधा का उपयोग आयुर्वेदिक उपचार के लिए किया जाता है। मार्केट में आसानी से अश्वगंधा की दवा, चूर्ण व कैप्सूल आदि मिल जाते है।

अश्वगंधा में अनेक औषधीय गुण होते है, जो शरीर को अनेक बीमारियों से बचाने में सहायता करती है। क्या आप जानते है कि अश्वगंधा क्या होती है ?, अश्वगंधा कहाँ पायी जाती है ? अश्वगंधा का सेवन कैसे किया जाता है ? महिलाओं व पुरुषो के लिए अश्वगंधा के फायदे क्या है ? मैं आपको health benefits of ashwagandha in hindi के बारे में विस्तार से बताऊंगा। आपको यह ashwagandha ke fayde अंत तक पढने है।

अश्वगंधा क्या होती है ?

अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। जिसका उपयोग प्राचीन काल से किया जा रहा है। यह आयुर्वेदिक दवाईयाँ बनाने में प्रयुक्त की जाती है। अश्वगंधा में कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते है। अश्वगंधा का यह गुण अनेक रोगो के निदान में काम आता है। अश्वगंधा की पत्तियों में घोड़े के मूत्र व पसीने जैसी गंध आती है। इसी वजह से इसका नाम अश्वगंधा पड़ा है। असली व नकली अश्वगंधा की पहचान भी ऐसी ही की जाती है।

असली अश्वगंधा के पौधों को मसलने पर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है। जबकि अश्वगंधा की ताजी जड़ में यह गंध पत्ती से अधिक तेज होती है। जंगल में पायी जाने वाली अश्वगंधा की तुलना में खेती करके उगाई गयी अश्‍वगंधा की गुणवता अच्‍छी होती है। जबकि तेल निकालने के लिए जंगल में पायी जाने वाली अश्‍वगंधा ही अच्छी मानी जाती है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि अश्वगंधा का सेवन करने से घोड़े जैसी ताकत व सेक्स पावर बढ़ती है।

मोटापा घटाने, बल और वीर्य विकार को ठीक करने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता है। इस जड़ी-बूटी से अश्वगंधा चूर्ण, पाउडर और कैप्सूल बनाये जाते है। अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा (Withania somnifera) होता है। साधारण भाषा में इसे इंडियन जिनसेंग और इंडियन विंटर चेरी भी कहा जाता है। इसे असगंध के नाम से भी जाना जाता है।

अश्वगंधा की जड़ों में 0.13 % से 0.31 % तक एल्केलाॅइड की सांद्रता पाई जाती है। इसमें महत्वपूर्ण विदानिन एल्केलाॅइड होता है, जो कि कुल एल्केलाॅइड का 35 % से 40 % होता है। इस जाति के पौधे सीधे, अत्यन्त शाखित, सदाबहार तथा झाड़ीनुमा 1.25 मीटर लम्बे पौधे होते हैं। पत्तियाँ रोमयुक्त अण्डाकार होती हैं। इसका फल बेरी जो कि मटर के समान दूध युक्त होता है। यह पकने पर लाल रंग का हो जाता है। जड़े 30-45 सेमी लम्बी 2.5-3.5 सेमी मोटी मूली की तरह होती हैं। इनकी जड़ों का बाह्य रंग भूरा तथा यह अन्दर से सफेद होती हैं।

अश्वगंधा के प्रकार

यह विदानिया कुल का पौधा है। विदानिया की विश्व में 10 तथा भारत में 2 प्रजातियाँ पायी जाती हैं। अश्वगंधा एक द्विबीज पत्रीय पौधा है। यह सोलेनेसी कुल का पौधा है। सोलेनेसी परिवार की पूरे विश्व में लगभग 3000 जातियाँ पाई जाती हैं। और 90 वंश पाये जाते हैं। इसमें से केवल 2 जातियाँ ही भारत में पाई जाती हैं। भारत में पाई जाने वाली 2 प्रकार की अश्वगंधा –

1. छोटी अश्वगंधा (असगंध)

इस प्रकार की अश्वगंधा का पौधा छोटा होता है, जिस वजह से इन्हें छोटी अश्वगंधा (असगंध) कहते है। जबकि इसकी जड़े बड़ी होती है। राजस्‍थान के नागौर जिले में यह बहुत अधिक पाई जाती है। वहाँ की जलवायु के प्रभाव के कारण इसमें विशेष गुण होते है। इसीलिए इसको नागौरी अश्वगंधा (असगंध) भी कहते हैं।

2. बड़ी या देशी अश्वगंधा (असगंध)

इस प्रकार की अश्वगंधा का पौधा बड़ा होता है। लेकिन इसकी जड़ें छोटी व  पतली होती हैं। यह बाग-बगीचों, खेतों और पहाड़ी स्थानों में सामान्य रूप में पाई जाती है। इसमें गंध घोड़े के पेशाब व उसके पसीने जैसी आती है। यह अपने विशेष गुणों के कारण जानी जाती है।

बाजार में अश्वगंधा की दो प्रजातियाँ मिलती हैं। पहली मूल अश्वगंधा Withania somnifera  (Linn.) Dunal है। यह 0.3-2 मीटर ऊंचा, सीधा, धूसर रंग का घनरोमश तना वाला पौधा होता है। दूसरी काकनज Withania coagulans (Stocks) Dunal है। यह  लगभग 1.2 मीटर तक ऊंचा, झाड़ीदार तना वाला पौधा होता है।

अश्वगंधा कहाँ पायी जाती है ?

मुख्य रूप से इसकी खेती भारत के सूखे इलाकों में होती है, जैसे – मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान व गुजरात। इसे बहुतायत संख्या में चीन और नेपाल में भी उगाया जाता है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में अश्वगंधा की खेती बड़े स्तर पर की जाती है। राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में इसे असगण्य या पाडलसिंह कहा जाता है।

अश्वगंधा के औषधीय गुण-(ashwagandha ke fayade) 

आयुर्वेद में अश्वगंधा को संपूर्ण शरीर के लिए फायदेमंद माना गया है। अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी स्ट्रेस, एंटीबैक्टीरियल एजेंट और इम्यून सिस्टम को बेहतर करने जैसे गुण शामिल है। इसके सेवन से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली बेहतर हो सकती है।

साथ ही मानसिक तनाव दूर करने में सहायक है। अश्वगंधा का उपयोग इम्यूनिटी को बढ़ाने, पुरुषों में यौन व प्रजनन क्षमता को बेहतर करने लिए किया जा सकता है। इसके अलावा अश्वगंधा के औषधीय गुण में एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव भी शामिल है। यह शरीर में फ्री रेडिकल्स को बनने से रोकता है। यह एंटी-एजिंग का कार्य भी करती है।

अश्वगंधा के पौष्टिक तत्व

अश्वगंधा में मॉइस्चर (7.45%), प्रोटीन, फैट, ऐश, ऊर्जा (245 Kcal), क्रूड फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम, कुल कैरोटीन, विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व होते है। ये सब शरीर को निरोग बनाते है। ये सभी तत्व शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है।

 अश्वगंधा के फायदे-Benefits of Ashwagandha in Hindi

आयुर्वेद में अश्वगंधा का उपयोग अश्वगंधा के पत्‍ते, अश्वगंधा चूर्ण (Ashwagandha Powder) के रुप में किया जाता है। जितने अश्वगंधा के फायदे (ashwagandha benefits in hindi) हैं उतने ही अश्वगंधा के नुकसान भी है। डॉक्टर की सलाह के बिना सेवन करने से शारीरिक नुकसान हो सकते है। अतः अश्वगंधा का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। (ashwagandha ke fayade)

1. तनाव कम करने में अश्वगंधा के फायदे 

अश्वगंधा में तनाव को कम करने के गुण होते है। अश्वगंधा में यह एंटी-स्ट्रेस प्रभाव सिटोइंडोसाइड्स (Sitoindosides) और एसाइलस्टरीग्लुकोसाइड्स (Acylsterylglucosides) नामक दो संघटक (compounds) की वजह से होता है। अश्वगंधा का यह गुण  तनाव से रहत दिलाने में सहायता करता है। तनाव की समस्या से कई बीमारियाँ हो सकती है। चूहों पर किए गए शोध के अनुसार अश्वगंधा लेने से चूहों के दिमाग में रासायनिक संकेत तनाव नहीं होता है। अतः अश्वगंधा में मौजूद एंटी-स्ट्रेस गुण तनाव कम कर सकती है और इससे होने वाली बीमारियों से बचा सकती है।

2. कोलेस्ट्रॉल कम करने में अश्वगंधा के फायदे 

अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम किया जा सकता है। यह HDL (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) की मात्रा को बढ़ाने में मदद कर सकता है। अश्वगंधा में हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव होता है। यह प्रभाव कोलेस्ट्रॉल को कम करने में कुछ मदद कर सकता है। एक शोध में कहा गया है कि अश्वगंधा में टोटल कोलेस्ट्रॉल के साथ ही LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) को भी कम करने में मदद कर सकता है। रिसर्च के अनुसार अश्वगंधा 30 दिन में अपना लिपिड लोवरिंग प्रभाव दिखा सकता है।

3. कैंसर से बचाव में अश्वगंधा के फायदे 

एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार अश्वगंधा में एंटी-ट्यूमर गुण होते हैं। ये गुण ट्यूमर को पनपने से रोकते हैं। अश्वगंधा कैंसर के इलाज के रूप में उपयोग होने वाली कीमोथेरेपी के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने में मदद कर सकता है। अतः अश्वगंधा के सेवन से कैंसर के खतरों को कम किया जा सकता है। लेकिन कैंसर होने पर इसे डॉक्टर की सलाह पर ही ले।

4. अनिद्रा दूर करने में अश्वगंधा चूर्ण के फायदे 

अश्वगंधा का सेवन वे लोग भी कर सकते है जो अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे है। यह जापान की एक यूनिवर्सिटी में सिद्ध हुआ है। इस शोध के अनुसार अश्वगंंधा के पत्तों में ट्राएथिलीन ग्लाइकोल नामक रसायन होता है। यह रसायन गहरी नींद लेने में सहायक होता है। अतः आप डॉक्टर की सलाह से अश्वगंधा का सेवन करके अनिद्रा की समस्या से मुक्त हो सकते है और नींद की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते है।

5. डायबिटीज में अश्वगंधा चूर्ण के फायदे 

लम्बे समय से आयुर्वेदिक औषधि अश्वगंधा का उपयोग डायबिटीज के उपचार में किया जाता रहा है। इसमें मौजूद हाइपोग्लाइमिक गुण ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में सहायक होता है। अश्वगंधा की जड़ और पत्तों को लेकर सन्न 2009 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मोल्यूकूलर साइंस ने डायबिटीज ग्रस्त चूहों पर एक शोध किया। इस शोध के अवलोकन में चूहों में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला। मनुष्य पर किये गए एक शोध में अश्वगंधा का सेवन करने के कुछ दिन बाद ब्लड में शुगर का स्तर कम आंका गया। अतः अश्वगंधा का सेवन करके डायबिटीज में सुधर किया जा सकता है।

6. यौन क्षमता (Sex Power) बढ़ाने में अश्वगंधा चूर्ण के फायदे 

प्राचीन समय से ही अश्वगंधा का सेवन यौन क्षमता में वृद्धि के लिए किया जाता रहा है। यह एक शक्तिवर्धक औषधि है। यह पुरुषों की यौन क्षमता को बेहतर करके वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करता है। साथ ही यह तनाव भी कम करता है। इसके सेवन से वीर्य की गुणवत्ता के साथ-साथ उसकी संख्या में भी वृद्धि होती है।

7. थायराइड के लिए अश्वगंधा चूर्ण के फायदे 

हाइपोथायराइड की स्थिति में अश्वगंधा का उपयोग थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करने में फायदेमंद रहता है। हाइपोथायराइड वह स्थिति है, जिसमें थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायरॉयड हार्मोन नहीं बनाती है। थायराइड में अश्वगंधा को लाभकारी माना गया है। थायराइड से मुक्ति पाने के लिए डॉक्टर की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन करे।

8. इम्यूनिटी बढ़ाने में अश्वगंधा चूर्ण के फायदे 

इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनाने के लिए अश्वगंधा अहम भूमिका निभा सकती है। अश्वगंधा के सेवन से शरीर की इम्युनिटी मजबूत बनती है। इससे सर्दी-खांसी की समस्या जल्दी नहीं होती है। इसमें मौजूद इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में बदलाव करता है।

9. याददाश्त बढ़ाने में अश्वगंधा चूर्ण के फायदे 

एक रिसर्च के अनुसार अश्वगंधा के सेवन से मस्तिष्क की कार्य क्षमता में वृद्धि देखने को मिली है। अश्वगंधा मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और याददाश्त पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। इसके उपयोग से नींद भी अच्छी आती है। इसके सेवन से मस्तिष्क को आराम मिलता है और यह सुचारु रूप से कार्य करता है।

10. मोतियाबिंद में अश्वगंधा पाउडर के फायदे

मोतियाबिंद रोग से अंंधे हो जाते हैं। अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। अतः अश्वगंधा आंखो के लिए बहुत अधिक लाभदायक होता है। विशेषज्ञों के शोध के अनुसार अश्वगंधा में मोतियाबिंद रोग से लड़ने की शक्ति होती है।

11. मांसपेशियों को मजबूत बनाने में अश्वगंधा पाउडर के फायदे

अश्वगंधा के सेवन से शारीरिक कमजोरी दूर होती है। यह हड्डियों के साथ-साथ मांसपेशियोंं को भी मजबूत बनाता है। अश्वगंधा चूर्ण खाने से शरीर की संरचना व ताकत बढ़ती है। इसके सेवन से दिमाग और मांसपेशियों के बीच बेहतर तालमेल बनता है। यह शरीर के निचले हिस्सों की मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करके उनमें शक्ति का संचार करता है। साथ ही यह पैरों की मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाता है।

12. हृदय रोग से बचाव के लिए अश्वगंधा पाउडर के फायदे

अश्वगंधा में कई तरह एंटीऑक्सीडेंट होते है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते है। इससे हृदय की गति अच्छी बनी रहती है और हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है। अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एपोप्टोटिक गुण हृदय को स्वस्थ रखने का काम करते है।अश्वगंधा में मौजूद हाइपोलिपिडेमिक गुण कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते है।

13. त्वचा की समस्याओं को दूर करने में अश्वगंधा के फायदे

त्वचा सम्बंधित विकारो को दूर करने लिए अश्वगंधा का उपयोग अधिक फायदेमंद रहता है। यह त्वचा में कोलेजन को बढ़ाता है, जिससे त्वचा की ग्लोविंग बढ़ती है और रूखी त्वचा समाप्त हो जाती है। अतः स्किन केयरिंग में अश्वगंधा का उपयोग किया जा सकता है। यह स्किन को मॉइस्टराइजिंग बनाता है। यह स्किन एलर्जी जैसे समस्याओं को दूर करता है।

14. बालो के लिए अश्वगंधा पाउडर के फायदे

झड़ते बालों की समस्या को दूर करने के लिए अश्वगंधा महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी मानी जाती है। यह मेलेनिन के नुकसान से बालों को बचाता है। एक शोध के अनुसार आनुवंशिक कारण व थाइरायड की वजह से झड़ रहे बालों को रोकने में अश्वगंधा मदद कर सकता है। अश्वगंधा के सेवन से बालों के मेलेनेन में वृद्धि होती है जिससे बालों का रंग कला बना रहता है। मेलेनिन एक प्रकार का पिगमेंट है, जो बालों के प्राकृतिक रंग को बनाए रखने में मदद करता है।

15. एंटीएजिंग में अश्वगंधा के फायदे

अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जिससे यह स्किन को स्वस्थ रखता है। एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स को कम करके बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे झुर्रियां व ढीली त्वचा से बचाव करता है। यह शरीर में नई ऊर्जा का संचार करता है। जिससे शरीर की थकन दूर होती है और ऊर्जावान व जवान बना रहता है।

अश्वगंधा के नुकसान-Side-Effects of Ashwagandha in Hindi

किसी भी चीज का उपयोग सीमित मात्रा में करने से ही फायदा मिलता है। अधिक मात्रा में सेवन करने से भरी क्षति का सामना करना पड़ सकता है। ठीक इसी तरह यदि आप अश्वगंधा का सेवन सीमित में करते है तो आपको इसका फायदा मिलता है, लेकिन जब आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करना शुरू कर देते है, तो इसके कुछ नुकसान आपको झेलने पड़ सकते है।

  1. ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोगो को अश्वगंधा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। लौ ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोगो को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  2. अश्वगंधा अनिद्रा दूर करने में फायदेमंद होता है। लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने से यह सेहत को नुकसान पहुँचा सकता है।
  3. अश्वगंधा का अधिक सेवन करने से पेट में दर्द व डायरिया जैसी समस्या होने लगती है।
  4. अश्वगंधा का अधिक सेवन करने से उल्टी, जी मिचलाने जैसी समस्या होने लगती है।
  5. अश्वगंधा का अधिक सेवन करने से व्यक्ति को बुखार, थकावट, दर्द की समस्या होने लगती है।
  6. मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति डायबिटीज की गोली का सेवन कर रहा है, तो उसे अश्वगंधा का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। यह शरीर में रक्त स्तर को नीचे कर देता है।
  7. गर्भवती महिलाओ को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें गर्भ को गिराने वाले गुण होते है।
  8. यदि आपP कम करने की दवा ले रहे है, तो आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  9. यदि आप थायराइड की दवा ले रहे है तो आपको अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  10. यदि आप नींद की गोली ले रहे है तो आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में गोली का प्रभाव कम या ज्यादा कर सकती है।

अश्वगंधा की तासीर

अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। यह शरीर में गर्मी उत्पन करती है। अश्वगंधा से पित बढ़ता है। यह कफ दोष व वाट दोष को कम कर देता है। पित की कमी को ठीक करने के लिए अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए। लेकिन जिसमे पहले से पित हो उसे इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक पित होने पर इसका सेवन करने से एसिडिटी व पेट ख़राब हो सकता है।

अश्वगंधा का सेवन कैसे करे? How to Use Ashwagandha in Hindi

मार्केट में अश्वगंधा विभिन्न रूपों में मिलती है। यह ज्यादातर पाउडर व चूर्ण के रूप में मिलती है। आप इसका सेवन दूध या पानी के साथ कर सकते है। आजकल इसके उपयोग को आसान बनाने के लिए मार्केट में अश्वगंधा के कैप्सूल भी मिल रहे है। जिसे आप दूध या पानी के साथ डायरेक्ट ले सकते है। इसके अलावा अश्वगंधा का सेवन करने से पहले आप एक बार डॉक्टर से सलाह प्राप्त कर ले।

FAQ

Q : अश्वगंधा कितने दिन में असर दिखाता है?
Ans : इस औषधि का असर एक सप्ताह में दिखने लगता है। यह बहुत ही असरकारी औषधि है।

Q : अश्वगंधा चूर्ण के क्या क्या फायदे हैं?
Ans : यह शरीर की थकान दूर करके शरीर में ताकत बढ़ाती है। यह मांसपेशियों को मजबूत बनती है। साथ ही यह सेक्स पावर बढ़ाने में भी सहायक है। यह शरीर के अनेक विकारो को दूर करके शरीर को निरोग बनाते है।

Q : अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन कैसे करे?
Ans : अश्वगंधा कैप्सूल दिन में दो बार 1-1 गोली कम से कम 1 महीने तक सेवन करें। इसके भोजन करने के 1 घंटे बाद गुनगुने पानी के साथ या फिर हल्के गर्म दूध के साथ ले।

Q : अश्वगंधा की तासीर कैसी होती है ?
Ans : अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। यह शरीर में गर्मी उत्पन करती है। अश्वगंधा से पित बढ़ता है। यह कफ दोष व वाट दोष को कम कर देता है। पित की कमी को ठीक करने के लिए अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए।

Q : अश्वगंधा के नुकसान क्या क्या है ?
Ans : ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोगो को अश्वगंधा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। लौ ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोगो को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अश्वगंधा अनिद्रा दूर करने में फायदेमंद होता है। लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने से यह सेहत को नुकसान पहुँचा सकता है। अश्वगंधा का अधिक सेवन करने से पेट में दर्द व डायरिया जैसी समस्या होने लगती है। अश्वगंधा का अधिक सेवन करने से उल्टी, जी मिचलाने, बुखार, थकावट, दर्द की समस्या होने लगती है।

Q : अश्वगंधा कितने प्रकार की होती है ?
Ans : यह विदानिया कुल का पौधा है। विदानिया की विश्व में 10 तथा भारत में 2 प्रजातियाँ पायी जाती हैं। अश्वगंधा एक द्विबीज पत्रीय पौधा है। यह सोलेनेसी कुल का पौधा है। सोलेनेसी परिवार की पूरे विश्व में लगभग 3000 जातियाँ पाई जाती हैं। और 90 वंश पाये जाते हैं। इसमें से केवल 2 जातियाँ ही भारत में पाई जाती हैं।

Q : अश्वगंधा के औषधीय गुण क्या है ?
Ans : श्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी स्ट्रेस, एंटीबैक्टीरियल एजेंट और इम्यून सिस्टम को बेहतर करने जैसे गुण शामिल है। इसके सेवन से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली बेहतर हो सकती है।

Q : अश्वगंधा कहाँ पायी जाती है ?
Ans : मुख्य रूप से इसकी खेती भारत के सूखे इलाकों में होती है, जैसे – मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान व गुजरात।

Q : अश्वगंधा के पौष्टिक तत्व कौन कौन से है ?
Ans : अश्वगंधा में मॉइस्चर (7.45%), प्रोटीन, फैट, ऐश, ऊर्जा (245 Kcal), क्रूड फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम, कुल कैरोटीन, विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व होते है।

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