आयोडीन हमारे भोजन का मुख्य तत्व है। इसकी कमी से शरीर में अनेक विकार उत्पन होते है। आज हम आयोडीन के बारे में जानेंगे- आयोडीन के फायदे (Iodine ke fayade), नुकसान, स्रोत और उपयोग-Benefits of Iodine in Hindi ,आयोडीन क्या है ?, आयोडीन की कमी कैसे पूरी करें ?, आयोडीन की कमी के लक्षण, आयोडीन का मुख्य स्रोत क्या है ,आयोडीन के उपयोग , इन सब विषयो के बारे में आज हम जानेंगे। आयोडीन की कमी से हमारे शरीर का विकास रुक जाता है। अपने आयोडीन युक्त नमक का नाम सुना होगा और इसे खाया भी होगा। अक्सर डॉक्टर आयोडीन युक्त नमक खाने की सलाह शरीर में आयोडीन की कमी की पूर्ति के लिए देता है। अपने घेंघा रोग का नाम सुना होगा , यही आयोडीन की कमी से ही होता है
आयोडीन क्या है ?(Iodine kya hai ?)
आयोडीन एक रासायनिक तत्त्व है। यह हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है। हमारे शरीर की महत्वतूर्ण क्रियाएँ आयोडीन पर निर्भर रहती हैं। आयोडीन हमारे भोजन के प्रमुख पोषक तत्वों में से एक है। इसकी कमी से दिमाग़ और शरीर के विकास से जुड़ी कई बीमारियाँ होती हैं। आयोडिन की कमी के कारण बच्चों का बौद्धिक स्तर 10 से 15 प्रतिशत तक कम हो सकता है। आयोडीन की कमी से थायरॉयड ग्रंथि का विकास रुक जाता है जिससे इस ग्रंथि में सूजन आ जाती है। आयोडीन को ”अवकारक लवण” के नाम से भी जाना जाता है।
शरीर के लिए आयोडीन ज़रूरी क्यों है ?
हमारे शरीर में ऐसी बहुत सी क्रियाएँ होती है जिनके लिए आयोडीन (Iodine ke fayade ) की जरूरत पड़ती है। आयोडीन की कमी से घेंघा रोग हो जाता है। घेंघा रोग में थायरॉयड ग्रंथि में सूजन आ जाती है। घेंघा होने पर शरीर में चुस्ती-स्फूर्ति नहीं रहती है। रोगी को सुस्ती व थकावट महसूस होने लगती है। जिस वजह से सामान्य व्यक्ति के मुकाबले उसमें काम करने की शक्ति भी कम हो जाती है।इसके अलावा शरीर व मस्तिष्क दोनों की सुचारु रूप से वृद्धि, विकास व संचालन के लिए आयोडीन आवश्यक है। इन क्रियाओ के संचालन के लिए आयोडीन जरुरी होता है।
आयोडीन की कमी से नवजात शिशु के शरीर व दिमाग की वृद्धि व विकास में रूकावट आ सकती है। इसीलिए डॉक्टर हमेशा गर्भवती महिलाओं को आयोडीन युक्त नमक व खाना खाने की सलाह देता है ताकि बच्चे के विकास पर आयोडीन की कमी (Iodine ke fayade ) का किसी प्रकार का प्रभाव न पड़े। यदि गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी होती है तो इसका प्रभाव होने वाले शिशु पर भी पड़ सकता है। साथ ही उम्र बढ़ने के साथ उसकी मानसिक व शारीरिक हालत ख़राब हो सकती है। अतः छोटे बच्चों, नौजवानों व गर्भवती महिलाओं के लिए आयोडीन बहुत जरूरी है।
आयोडीन एक ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन बनाने के लिए आवश्यक होता है। थायरॉक्सिन हार्मोन शरीर के समग्र विकास को नियंत्रित करता है। थायरॉक्सिन हार्मोन श्वास लेने, हृदय गति, शरीर के वजन और मांसपेशियों की शक्ति सभी क्रियाओ को बेहतर कार्य के लिए नियंत्रित करता है। आयोडीन की कमी से नींद आने लगती है। जिससे मरीज ध्यान लगाकर काम नहीं कर पाता है। साथ में जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द के साथ डिप्रेशन होने लगता है। अतः अपने शरीर की क्रियाओ के सुचारु रूप से नियंत्रण के लिए शरीर में आयोडीन की कमी नहीं होनी चाहिए। वयस्कों को प्रति दिन 150 माइक्रोग्राम (एमसीजी) और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रति दिन 200 एमसीजी आयोडीन (Iodine ke fayade ) की आवश्यकता होती है।
आयोडीन के स्रोत
हमारे शरीर को रोगो से बचाने हेतु व शारीरक विकास के लिए आयोडीन की जरूरत होती है। आयोडीन एक माइक्रोपोषक तत्व है। शरीर को इसकी अल्प मात्रा में जरूरत होती है। थायरॉक्सिन हार्मोन के स्राव के लिए आयोडीन एक आवश्यक पोषक तत्व है। आयोडीन की कमी को दूर करने के लिए हमें अनाज, ताजा खाद्य पदार्थ, दाल, समुद्री खाना, मछली का सेवन करना चाहिए। ये आयोडीन के अच्छे स्रोत माने जाते है। मांस व अंडे में भी कम मात्रा में आयोडीन पाया जाता है। इसके अलावा दूध, दही,मुनक्का, आलू , ब्राउन राइस , लहसुन, पालक, चुकंदर, शलगम, मशरूम, आयोडीन युक्त नमक आदि का भी सेवन करना चाहिए। ये सब आयोडीन के अच्छे स्रोत माने जाते है।
आयोडीन की कमी के लक्षण तथा बीमारियाँ
आयोडीन (Iodine ke fayade ) एक माइक्रोपोषक तत्व है। अतः शरीर को इसकी अल्प मात्रा में ही जरूरत होती है। अगर आयोडीन की यह अल्प मात्रा ही शरीर को नहीं मिल पाती है तो शरीर में आयोडीन सम्बंधित अनेक विकार उत्पन हो सकते है। अतः आयोडीन की कमी से अनेक बीमारियाँ उत्पन होती है। आयोडीन की कमी से तेज़ी से वज़न बढ़ना, ड्राई स्किन,धड़कनों का असामान्य हो जाना, बालों का झड़ना, स्लो मेटाबॉलिज़्म, थायराइड ग्रंथि में सूजन, अत्यधिक थकान, पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं, कमज़ोर मेमरी जैसी लक्षण दिखाई देने लगते है। मासिक धर्म में अधिक खून आना आयोडीन की कमी के सामान्य लक्षण हैं।
- आयोडीन की कमी से यादाश्त कमजोर हो सकती है जिससे आपको कार्य करने में समस्या उत्पन होगी।
- गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी से जन्म लेने वाले शिशु पर दुष्प्रभाव पड़ता है। शिशु का गर्भपात हो सकता है या मृत्त शिशु का जन्म हो सकता है। शिशु का विकास रुक जाता है।
- आयोडीन की कमी से घेंघा रोग हो जाता है।
- WHO के अनुसार पूरी दुनिया में मानसिक रोगो का कारण आयोडीन की कमी का होना भी एक प्रमुख कारण है।
- आयोडीन की कमी से महिलाओं में मासिक धर्म जैसे समस्याएं उत्पन हो जाती है। जिससे अत्यधिक थकान, शारीरिक कमजोरी, हृदय की धड़कन बढ़ना जैसी समस्याएं उत्पन हो जाती है।
- बच्चो में आयोडीन की कमी से दांतों का विकास नहीं होता है। उनका मानसिक विकास रुक जाता है जिससे वह बच्चा मंदबुद्धि की तरह बर्ताव करता है।
- आयोडीन की कमी से सामान्य से अधिक ठंड लगती है। और ह्रदय की धड़कन भी असामान्य हो जाती है।
आयोडीन की अत्यधिक मात्रा से नुकसान
हमारे शरीर के विकास और थायरॉक्सिन हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन की जरूरत होती है। शरीर में इसकी अल्प मात्रा की जरूरत होती है। जिससे शरीर को कई स्वास्थ्य सम्बंधित लाभ मिलते है। यदि हम आयोडीन की अधिक मात्रा में सेवन करते है तो यह हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकता है।
- आयोडीन की अधिक मात्रा में सेवन से उल्टी, दस्त, पेट दर्द जैसी समस्या हो सकती है।
- इसके अधिक सेवन से मुँह व गले में जलन हो सकती है जिससे आपको खाना खाने में समस्या हो सकती है।
- इसके अधिक सेवन से थायरॉक्सिन हार्मोन बनने की प्रक्रिया खराब हो जाती है। जिससे थायरॉयड ग्रंथि की कार्यप्रणाली पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
- इसके अधिक सेवन से स्वाद ग्रंथि की कार्यप्रणाली पर भी प्रभाव पड़ता है। जिससे मुँह का स्वाद खराब हो जाता है।
- इसके अधिक सेवन से बेहोशी और घबराहट जैसी समस्या उत्पन हो सकती है। जिससे पुरे शरीर की कार्यप्रणाली खराब हो जाती है।
- इसके अधिक सेवन से बुखार, खांसी, सांस सम्बंधित बीमारी जैसी बीमारी हो सकती है।
- इसके अधिक सेवन से थायराइड सम्बंधित रोग हो सकते है। इस रिसर्च के अनुसार इससे कैंसर भी हो सकता है।
आयोडीन के फायदे तथा उपयोग-Benefits of Iodine in Hindi
आयोडीन हमारे शरीर के विकास और थायराइड हार्मोन के स्राव के लिए बहुत जरुरी है। शरीर को इसकी अल्प मात्रा ही काफी होती है। आयोडीन की कमी और इसकी अधिक मात्रा से लगभग समान दुष्परिणाम देखने को मिल सकते है। अतः शरीर में आयोडीन की आपूर्ति के लिए आयोडीन युक्त भोजन करना चाहिए। आयोडीन के अनेक फायदे है। मानव के अच्छे विकास व शरीर की उपापचय क्रियाओ को नियंत्रित करने के लिए आयोडीन जरूरत होती है। इसके आल्वा आयोडीन के और भी अन्य लाभ होते है। आइए जानते है आयोडीन के फायदे।
1. थायराइड स्वास्थ्य के लिए आयोडीन के फायदे
आयोडीन के सेवन से थायराइड ग्रंथि से थायराइड हार्मोन का निर्माण होता है। यह हार्मोन थायराइड ग्रंथि की कार्यप्रणाली को संतुलित करता है। आयोडीन के सेवन से थायराइड ग्रंथि की उपापचयी क्रियाये नियंत्रित होती है। यदि शरीर में आयोडीन की मात्रा कम या ज्यादा हो जाती है तो यह ग्रंथि बढ़ जाती है। और गले में बाहर की तरफ एक मोटी गांठ के रूप में लटक जाती है। जिसे घेंघा रोग कहा जाता है। इसके अलावा कुछ हार्मोन जैसे थायरॉक्सिन हार्मोन व tri iodothyronin हार्मोन भी आयोडीन के सेवन से स्राव होते है। ये हार्मोन शरीर की ह्रदय गति ब्लड प्रेशर, और शरीर के वजन से नियंत्रित करते है।
2. थायराइड कैंसर को कम करने में आयोडीन के फायदे
शरीर में आयोडीन की कमी या अधिकता से थायराइड कैंसर होने का खतरा बना रहता है। अतः थायराइड कैंसर से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में आयोडीन या आयोडीन से युक्त भोजन करना चाहिए। यदि आप थायराइड कैंसर से ग्रसित हो जाते है तब भी आयोडीन का सेवन करना चाहिए। आयोडीन को ही थायराइड कैंसर के उपचार में काम लिया जाता है। रेडियोएक्टिव आयोडीन थायराइड कैंसर के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। यदि आप थायराइड कैंसर से ग्रसित है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले और उचित ट्रीटमेंट ले।
3. फाइब्रोसाइटिक स्तन रोग में आयोडीन के फायदे
फाइब्रोसाइटिक स्तन रोग में महिला के स्तनों में गांठ पड़ जाती है। इस रोग में महिला को स्तनों में दर्द,भारीपन व असहजता जैसे लक्षण महसूस होने लगते है। फाइब्रोसाइटिक स्तन रोग पीरियड्स के समय व गर्भवती महिलाओं में मुख्य रूप से देखने को मिलता है। अतः आयोडीन के सेवन से फाइब्रोसाइटिक स्तन रोग से राहत मिलती। यदि फाइब्रोसाइटिक स्तन रोग से सम्बंधित कोई गंभीर समस्या हो तो किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करे।
4. गर्भवती महिलाओं के लिए आयोडीन के फायदे
गर्भवती महिलाओं के लिए आयोडीन को काफी जरूरी माना जाता है। गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए आयोडीन एक अच्छा माइक्रोपोषक तत्व है। यदि एक गर्भवती महिला आयोडीन का सेवन करती है तो उसका होना वाला बच्चा स्वस्थ व सम्पूर्ण शारीरिक विकास के साथ जन्म लेता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी आयोडीन का सेवन करना चाहिए। नवजात शिशु अपनी माँ के दूध से भी आयोडीन ग्रहण करता है। अतः गर्भवती महिलाओं को अपने शिशु के विकास के लिए आयोडीन का सेवन करना चाहिए।
5. शिशु के विकास में आयोडीन के फायदे
गर्भवती महिलाओं के आयोडीन सेवन करने से भ्रूण के मस्तिष्क का विकास होता है। इसके अलावा आयोडीन शिशु के वजन को भी संतुलित करके रखता है जिससे कम या अधिक वजन के शिशु के जन्म लेने के खतरे को भी कम करता है। एक रिसर्च के मुताबिक शिशु में आयोडीन की कमी से मस्तिष्क संबंधी विकलांगता हो सकती है। इसके लिए महिला को गर्भावस्था के शुरुआत में पर्याप्त मात्रा में आयोडीन का सेवन करना होगा। यदि गर्भावस्था के शुरुआत में आयोडीन का सेवन किया जाता है तो शिशु की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में यह काफी मददकार साबित होता है।
6. घेंघा रोग के खतरे को कम करने में आयोडीन के फायदे
जब शरीर में आयोडीन की कमी होती है तो यह सबसे पहले थायराइड ग्रंथि को प्रभावित करता है। इसमें थायराइड ग्रंथि फूलकर गले के निचे बहार की तरफ मोटी गांठ के रूप में लटक जाती है। अतः जब हमारे भोजन में आयोडीन की मात्रा कम होती है तब यह योग उत्पन होता है। आयोडीन की कमी को दूर करके इस रोग से बचा जा सकता है।
7. पानी को कीटाणुरहित करने में आयोडीन के फायदे
आयोडीन का उपयोग बेहतर स्वास्थ्य के लिए तो होता ही है। इसके अलावा पानी को कीटाणुरहित करने के लिए भी आयोडीन का उपयोग किया जा सकता है। जब हमें मिलने वाला पानी सही नहीं लगे तब आप उस पानी को कीटाणुरहित करने के लिए आयोडीन का उपयोग कर सकते है। गर्भवती महिलाएं, आयोडीन के प्रति संवेदनशील और थाइरोइड की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को आयोडीन डिसइंफेक्टेंट पानी का सेवन नहीं करना चाहिए।
8. संक्रमण से बचाव में आयोडीन के फायदे
संक्रमण से बचने के लिए आयोडीन का उपयोग किया जा सकता है। पॉविडोन आयोडीन एक एंटीसेप्टिक और रोगाणुरोधी एजेंट के रूप में कार्य करता है। अतः इसका उपयोग कटने हल्के-फुल्के घाव व जलन को ठीक करने में किया जा सकता है।
9. शरीर में ऊर्जा संचय में आयोडीन का उपयोग
शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाये रखने के लिए आयोडीन का उपयोग किया जा सकता है। यह शरीर में कैलोरी का अच्छे से उपयोग करता है। आयोडीन शरीर में अतिरिक्त वसा को एकत्रित नहीं होने देता है। अतः आयोडीन के उपयोग से शरीर में वजन संतुलित होता है।
10. अन्य स्वास्थ्य लाभ में आयोडीन का उपयोग
आयोडीन स्किन, दांतो, बालो, रोगप्रतिरोधकता बढ़ाने में व शरीर को स्वस्थ रखने में बहुत फायदेमंद है। आयोडीन की कमी से बल झड़ने लगते है। आयोडीन के उपयोग से बालो की जड़े मजबूत होती है। अतः बालों के स्वास्थ्य के लिए यह एक महत्वपूर्ण तत्व है। इसके अलावा यह स्किन को भी ग्लोइंग बनाता है। इसके अलावा आयोडीन हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी स्वस्थ रखता है। यह पुरे शरीर में विटामिन c की तरह एंटीऑक्सीडेंट को उत्तेजित करता है। जो स्किन को स्वस्थ रखने के साथ ह्रदय को भी स्वस्थ रखता है।
FAQ
Q: आयोडीन युक्त नमक क्या है ?
Ans.: यह सामान्य नमक की तरह ही होता है। नमक में थोड़ी सी मात्रा में आयोडीन मिलाया जाता है। आयोडीन युक्त नमक ऊपर से सामान्य नमक जैसा ही दिखता है। अतः आयोडीन युक्त नमक को सामान्य नमक की तरह ही काम में लिया जाता है। सामान्य नमक व आयोडीन युक्त नमक के स्वाद और रूप-रंग में कोई अंतर नहीं होता है।
Q: आयोडीन का क्या कार्य है?
Ans.: आयोडीन एक माइक्रोपोषक तत्व है। यह शरीर में थायरोक्सिन (थायरॉयड) हार्मोन के स्राव के लिए आवश्यक है। थायरॉइड हार्मोन ही शरीर के सम्पूर्ण विकास को नियंत्रित करता है। आयोडीन श्वास, हृदय गति, शरीर के वजन, मांसपेशियों की शक्ति आदि के संचालन के लिए आयोडीन जरुरी होता है। इसके अलावा आयोडीन घेंघा रोग को नियंत्रित करने के लिए भी आवश्यक है। जब शरीर में आयोडीन की कमी होती है तो नींद आने लगती है।
Q: आयोडीन की कमी से क्या क्या रोग होते हैं?
Ans.: आयोडीन की कमी से थकान, कब्ज, वजन बढ़ना, स्किन का ड्राई होना, बालों का गिरना, मांसपेशियों में दर्द होना, घेंघा रोग का खतरा, उल्टी दस्त, भुखार, आदि रोगो का जन्म होता है। इसकी कमी से शरीक का विकास रुक जाता है।
Q: आयोडीन का स्रोत क्या है?
Ans.: आयोडीन के अच्छे स्त्रोत में अनाज, दालें, दूध, मछली और समुंद्री खाना शामिल हैं। इसके अलावा मांस और अंडों में भी कुछ मात्रा में आयोडीन होता है। आलू, दूध, मुनक्का, दही, ब्राउन राइस, लहसुन, मशरूम, पालक, शलगम, शक्करकंद और आयोडीन नमक भी अच्छे स्रोत माने जाते हैं।
Q: आयोडीन का सबसे अच्छा स्रोत क्या है?
Ans.: आयोडीन का सबसे अच्छा स्रोत आयोडीन युक्त नमक है।
Q: भोजन में आयोडीन की मात्रा कम होने से कौन सा रोग होता है?
Ans.: आयोडीन की कमी से घेंघा,गर्भपात, शारीरिक विकास में रूकावट, मृत बच्चा पैदा होना, काम करने में थकान, विकलांगता, मंद-बुद्धि, बोनापन, बाल झड़ना जैसे रोग हो सकते है।
Q: टाटा नमक में आयोडीन क्यों होता है?
Ans.: शरीर में आयोडीन की कमी दूर करने के लिए और आयोडीन की कमी से होने वाले रोगो को नियंत्रित करने के लिए नमक में आयोडीन मिलाया जाता है। यह हानिकारक कीटाणुओं को भी मारता है।
Q: आयोडीन की कमी से कौन सी बीमारी होती है ?
Ans.: आयोडीन की कमी से घेंघा रोग हो जाता है जिसमे गला फूल जाता है। आयोडीन की कमी के कारण थायरायड ग्रन्थि में सूजन आ जाती है। अतः थायरायड ग्रन्थि फूलकर बाहर की तरफ लटक जाती है।
Q: आयोडीन की अधिकता से कौन सा रोग होता है?
Ans.: आयोडीन की अधिकता से कमजोरी होना, वजन बढ़ना, थकान महसूस होना, त्वचा में रूखापन, बाल झड़ना, दम घुटना, नींद अधिक आना, मासिक धर्म अनियमित होना, हृदय गति धीमी होना, यादाश्त कमजोर होना, चेहरे व गले पर सूजन और मांसपेशियों में जकड़न जैसी समस्याएं उत्पन होती है।
Q: आयोडीन कहाँ से प्राप्त होता है?
Ans.: आयोडीन अनाज, दालें, दूध, मछली और समुंद्री खाना, मांस और अंडों में होता है। आलू, दूध, मुनक्का, दही, ब्राउन राइस, लहसुन, मशरूम, पालक, शलगम, शक्करकंद और आयोडीन नमक भी अच्छे स्रोत माने जाते हैं।
Q: आयोडीन क्या है in Hindi?
Ans.: आयोडीन एक रासायिक तत्व है जो शारीरिक संतुलन के लिए अल्प मात्रा में चाहिए होता है। हमारे शरीर की महत्वतूर्ण क्रियाएँ आयोडीन पर निर्भर होती है।
Q: भारत में आयोडीन की कमी से प्रभावित क्षेत्र कौन से हैं ?
Ans.: आयोडीन की सबसे अधिक कमी हिमालय की तराई में बसे नगरों व गाँवों में है। उत्तरी भारत व उत्तरपूर्व का इलाका आयोडीन की कमी से प्रभावित है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, आँन्घ्र प्रदेश, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, गोवा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, दिल्ली जैसे राज्य आयोडीन की कमी से ग्रसित है। लगभग भूरे भारत में आयोडीन की कमी से ग्रसित लोग मिल रहे है।
Q: क्या आयोडीन युक्त नमक जानवरों को दिया जा सकता है ?
Ans.: जी बिल्कुल, आप आयोडीन युक्त नमक जानवरो को भी दे सकते है। इससे उनके स्वास्थ्य में सुधार आएगा। और साथ में उत्पादकता भी बढ़ेगी। अगर हम जानवरों को आयोडीन युक्त नमक खिलाते हैं तो मरे हुए बच्चे पैदा होने और गर्भस्राव की संभावना कम हो जाती है। जिन पशुओं को आयोडीन युक्त नमक दिया जाता है, उनका दूध भी आयोडीन से भरपूर होता है।
Q: आयोडीन नमक में ही क्यों मिलाया जाता है ?
Ans.: शरीर को आयोडीन की अल्प मात्रा की जरूरत होती है। आयोडीन का सेवन प्रतिदिन करना होता है। नमक का सेवन प्रतिदिन 10 से 15 ग्राम किया जाता है। अतः नमक के माध्यम से हमें रोजना आयोडीन मिलता रहता है। इसीलिए नमक में आयोडीन मिलाया जाता है। इसे आप गोली के रूप में भी ले सकते है पर गोली आपको जिंदगी लेनी होगी जो शायद आपके लिए संभव न हो।
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