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चंगेज खान का इतिहास : विश्व के सबसे महान सेनापति व क्रूर शासक की जीवनी

चंगेज खान का इतिहास : विश्व के सबसे महान सेनापति व क्रूर शासक की जीवनी

चंगेज खान एक महान मंगोल शासक था, जो कि अपने जन्म से मुस्लिम नहीं था। वह इतिहास का सबसे क्रूर, निर्दय शासक था। चंगेज ने अपनी क्रूरता, बर्बरता, संगठन शक्ति और आक्रामक सम्राज्य विस्तार नीति से विश्व के अधिकांश हिस्सों पर अधिकार कर लिया था। वह युद्ध नीति में बहुत माहिर था। Changej khan युद्ध से पहले ही दुश्मन के हौसले को कमजोर करके शत्रु सेना को कुचलने में माहिर था।

आज इस लेख में आपको चंगेज खान का जीवन परिचय, जीवनी ( Changej khan ki jiwani ), कहानी और चंगेज खान का इतिहास ( Changej khan ka itihas ) बताया जा रहा है। इस लेख में आपको बताया जायेगा कि कैसे उसने इतना विशाल साम्राज्य खड़ा किया। आपको बता दे कि चंगेज एक बेहतरीन घुड़सवार और तीरंदाज के रुप में भी प्रसिद्ध था। बचपन में ही चंगेज के पिता कि हत्या कर दी गई थी।

जिस वजह से वह कठोर, निर्दय और निडर बन गया था। वह निर्दयी व क्रूर शासक होने के साथ-साथ एक बेहद अनुशासित, शक्तिशाली, चतुर मंगोल सेनापति व शासक था। उसने अपनी कुशल रणनीति से सन्न 1206 से 1227 के बीच यूरोप और एशिया के ज्यादातर भूभागों को जीत कर अपने मंगोल सम्राज्य का विस्तार किया था। आज Changej khan की गिनती विश्व के महान शासकों में होती है।

चंगेज खान का इतिहास – Changej khan History in hindi

Changej khan के सामने पूरी दुनिया को जीतने वाले सिकंदर और जूलियस सीजर जैसे महान शासक भी फीके पड़ते थे। चंगेज खान इतना निर्दय था कि वह और उसकी सेना जिस भी जगह से गुजरती थी, वह जगह बर्बाद हो जाती थी। वह शहरों और प्रांतो को रोंदता हुआ आगे बढ़ता था। उसने अपने पुरे शासनकाल में करोड़ो लोगो को मौत के घाट उतारा था।

Changej khan को शहरी जीवन से सख्त नफरत थी, जिस वजह से वह उन्हें लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ता था। चंगेज ने और उसकी निर्दय सेना ने कई शहरों को खौफनाक दृश्यों में बदल दिया था। हर कोई चंगेज के नाम से डरने लगा था। उसने अपना खौफ इस तरह फैलाया था कि मानो मौत का दूसरा नाम चंगेज खान हो। आइये जानते है चंगेज खान का इतिहास ( Changez Khan history in hindi ), चंगेज खान की जीवनी ( Changez Khan Biography in hindi ) के बारे में विस्तार से।

चंगेज खान का जन्म और प्रारंभिक जीवन – Changez Khan Biography in hindi

चंगेज खान का जन्म सन 1162 के आसपास आधुनिक मंगोलिया के उत्तरी भाग में ओनोन नदी के निकट हुआ था। उसके तीन सगे भाई व एक सगी बहन थी और दो सौतेले भाई भी थे। चंगेज़ खान की दांयी हथेली पर पैदाइशी खूनी धब्बा था। चंगेज का वास्तविक नाम तेमुजिन या तेमूचिन था। मंगोल भाषा में तिमुजिन का मतलब लौहकर्मी होता है।

बचपन से ही चंगेज खान गुस्सैल प्रकृति का था। एक बार उसके छोटे भाई ने उसकी मछली चोरी कर ली थी, जिस वजह से उसने अपने भाई की हत्या कर दी थी। अनाथ होने की वजह से बचपन से ही उसे काफी संघर्ष करना पड़ा था। कबीले के सरदार का पुत्र होने की वजह से उसने युद्ध की कलाओं को बारीकियों से सीख लिया था।

चंगेज के पिता का नाम येसूजेई था जबकि उसकी माँ का नाम होयलन था। चंगेज के पिता कियात कबीले के सरदार थे। येसूजेई ने विरोधी कबीले की होयलन का अपहरण कर विवाह किया था। चंगेज खान का बचपन बेहद मुश्किलों में बीता था। (Changej khan ki jiwani )

जब वह मात्र 10 साल का था, तब कबीलों की लड़ाई में उसके पिता की जहर देकर हत्या कर दी गई थी। जिस वजह से उसका बचपन बहुत मुस्किलो में गुजरा। अपने पिता की मौत देखकर वह बहुत निडर और मजबूत बनकर उभरा। उस समय उसके अंदर का सारा खौफ ख़त्म हो चूका था।

बाद में तेमूचिन की माँ ने बालक तेमूजिन और उसके भाई-बहनो व सौतले भाईयों बहनों का पालन-पोषण बहुत कठिनाई से किया। इसके बाद उसने अपनी मजबूत संगठन शक्ति के बल पर खानाबदोश समुदायों को एकत्रित किया और एक बड़ी शक्ति के रुप में अपना परिचय दिया।

चंगेज खान की शादी – Changej khan marriage 

चंगेज खान की शादी छोटी सी उम्र में ही हो गई थी। जब वह 12 साल का था, तब उसकी शादी बोरते के साथ में कर दी गई थी। शादी के कुछ समय बाद ही उसकी पत्नी बोरते का एक विद्रोही कबीले द्वारा अपहरण कर लिया गया था। जिसके बाद अपनी पत्नी को छुड़ाने के लिए उन्हें काफी संघर्ष व लड़ाईयां करनी पड़ी थी।

चंगेज इन विकट परिस्थितियों में भी दोस्त बनाने में सक्षम रहा। इस दौरान उन्होंने कई मित्र बनाये। जिनमें बोघूरचू उसका प्रथम मित्र था और वह आजीवन उसका विश्वसनीय मित्र बना रहा था। चंगेज का सगा भाई जमूका भी उसका एक विश्वसनीय साथी था। उसने अपने पिता के वृद्ध सगे भाई तुगरिल उर्फ़ ओंग खान के साथ पुराने रिश्तों की पुनर्स्थापना की। अपने मित्रो की सहायता से ही उसने अपनी पत्नी बोरते को छुड़वाया था।

अपने पिता की मृत्यु का बदला लेना

जब चंगेज छोटा था, तब उसके पिता को जहर देकर मार दिया जाता है। इसके बाद उसने अपने पिता की मौत का बदला लेने की ठानी। जब वह युवावस्था में था, तब उसने खानाबदोश जातियों को एकत्रित किया। इसके बाद चंगेज खान ने कुछ कबीलों को नष्ट करके अपने  पिता येसुजेई की मृत्यु का बदला लिया।

कुछ इतिहासकार बताते है कि चंगेज खान के पिता को उसके ताऊ ओंग खान और शक्तिशाली तार्तार कैराईट ने मारा था। जिसके बाद क्रोधित चंगेज ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए सन्न 1203 ईसवी में ओंग खान के खिलाफ युद्ध छेड़ा था। सन्न 1206 ईसवी में उन्होंने अपने सगे भाई और सबसे बड़े दुश्मन जमूका हराया और स्टेपी क्षेत्र का सबसे ताकतवर और शक्तिशाली योद्धा बनकर उभरा था।

चंगेज खान का धर्म

चंगेज खान का असली नाम तेमूचिन था। वह एक मंगोल शासक था। ज्यादातर लोग चंगेज के नाम के आगे खान लगे होने की वजह से उन्हें मुसलमान मान लेते है, जबकि मुस्लिम धर्म से उनका कोई वास्ता नहीं है। चंगेज खान के धर्म को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं है।

चंगेज का सभी धर्मो के प्रति रवैया एक जैसा था। उसकी सेना में बौद्ध, मुस्लिम, ईसाई सभी धर्मों को मानने वाले थे। उसने किसी एक धर्म को नहीं अपनाया। वह सभी धर्मो का सम्मान करता था। उस समय लड़ाई धर्म की नहीं बल्कि सियासी लड़ाई थी। (Changej khan history )

नेहरू के अनुसार जब मंगोलों की ताकत बढ़ने लगी थी, तब वेक्टीकन के पादरियों ने उन्हें ईसाई बनाने का प्रयास किया था। लेकिन कुछ इतिहासकार बताते है कि चंगेज खान बौद्ध धर्म का अनुयायी था। चंगेज ने अपने कुशल नेतृत्व से कबीले में अच्छी छवि बना ली थी। कबीले के लोग उन्हें सरदार मानने लगे थे।

बाद में उन्हें कागान की उपाधि दी गई, जो आगे चलकर खान में बदल गई। कागान का अर्थ होता है – सम्राट जैसा सरदार। जब कई कबीलो ने चंगेज की दासता स्वीकार कर ली, तब उन्हें चंगेज खान की उपाधि मिली। बाद में दुनिया के एक बड़े भूभाग पर चंगेज खान ने अधिकार कर लिया था।

चंगेज खान का शासनकाल

जिस उम्र में इंसान शांतिपूर्वक जीवन की चाहत रखता है, उस उम्र में चंगेज खान ने अपने साम्राज्य का विस्तार करना प्रारम्भ किया था। कुछ इतिहासकार बताते है कि वह 51 वर्ष की उम्र में सेनापति बना था। इसी उम्र में उसने विश्व को जीतना शुरू किया था।

जमूका चंगेज खान का भाई व साथी था, बाद में वह उसका दुश्मन बन गया। सन् 1180 से 1190 तक वह ओंग ख़ान का मित्र बना रहा, जिसका फायदा उसने जमूका जैसे प्रतिद्वंदियों को हराने के लिए किया। जमूका को हराने के बाद चंगेज में बहुत आत्मविश्वास आ गया था।

बाद में उसने अन्य कबीलों के खिलाफ़ युद्ध छेड़ दिया था। चंगेज के पिता की हत्या में शक्तिशाली तार्तार कैराईट और ओंग खान शामिल था। सन् 1203 में चंगेज ने ओंग ख़ान के खिलाफ युद्ध छेड़कर अपनी पिता की मृत्यु का भी बदला लिया था। (Changej khan History in hindi)

सन् 1206 इस्वी में उन्होंने जमूका और नेमन जैसे शत्रुओ को हराकर स्टेपी क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली शासक बनकर उभरा। चंगेज की बढ़ती ताकत को देखते हुए मंगोल के कबीलाईयो ने चंगेज खान को कबीले का सरदार घोषित किया। ( Changej khan Biography )

सरदार की उपाधि मिलने के बाद चंगेज ने मंगोलों को संगठित करके एक सेना तैयार की। जिसके बाद उसने सबसे पहले चीन पर विजय प्राप्त करने की इच्छा प्रकट की। उस समय चीन तीन भागों में बता हुआ था – उत्तर पश्चिमी प्रांत में तिब्बती मूल के सी-लिया लोग, जरचेन लोगों का चीन राजवंश जो उस समय आधुनिक बीजिंग के उत्तर वाले क्षेत्र में शासन कर रहे था तथा शुंग राजवंश जिसके अंतर्गत दक्षिणी चीन आता था।

सन् 1209 में सी लिया के लोगो को हराकर चीन के उत्तर पश्चिमी प्रांत पार अधिकार स्थापित किया। सन् 1213 में चीन की महान दीवार पर कब्ज़ा कर लिया गया। इसके बाद सन् 1215 में पेकिंग नगर को लूट लिया गया। बाद में चिन राजवंश के खिलाफ़ सन् 1234 तक युद्ध चला, लेकिन अपने सैन्य अभियान की प्रगति को देखकर Changej khan अपने विश्वशनीय साथियों की देखरेख में युद्ध को बीच में छोड़कर वापिस अपने देश मंगोलिया लौट गया।

सन् 1218 में करा खिता की पराजय के बाद मंगोल साम्राज्य अमू दरिया, तुरान और ख्वारज़्म राज्यों तक विस्तृत हो गया।  सन् 1219-1221 के बीच कई बड़े राज्यों जैसे ओट्रार, बुखारा, समरकंद, बल्ख़, गुरगंज, मर्व, निशापुर और हेरात ने मंगोल सेना के सामने आत्म-समर्पण कर दिया था।

जिन नगरों ने Changej khan की दासता स्वीकार नहीं की, उन नगरों को कुचल दिया गया और उन्हें भरी लूटपाट करके विध्वंस कर दिया जाता था। इस दौरान मंगोलों ने बेपनाह बर्बरता का परिचय दिया और लाखों – करोडो लोगों का वध कर दिया- चंगेज खान का इतिहास

इस प्रकार चंगेज खान ने विश्व के लगभग 3 करोड़, 30 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल पर राज किया था। वह इतने बड़े भूभाग पर शासन करने वाला पहला शासक बना। चंगेज खान के बाद आज तक कोई भी शासक विश्व के इतने बड़े भूभाग पर अधिकार करके शासन नहीं कर सका। उसने अपना खौफ व मृत्यु का भय दिखाकर इतने बड़े क्षेत्र पर विजय प्राप्त की थी।

चंगेज खान को विश्व का सबसे बर्बर और क्रूर शासक कहा जाता था। वह जिस भी स्थान से गुजरता था, वहां भीषण तबाही करते हुए आगे बढ़ता था। वह निर्दयतापूर्वक मासूम बच्चों, युवाओं और महिलाओं को मार देता था। उसके इस घिनोने कार्य से सब कांपते थे। अधिकांश कबीलो ने चंगेज के खौफ से ही समर्पण कर दिया था।

चंगेज ने ईरान में अपने विजय अभियान के दौरान भीषण रक्त-पात किया था। उसने लगभग 75 फीसदी आबादी को ख़त्म कर दिया था। उसने लाशों और तबाही का ऐसा मंजर खड़ा कर दिया था, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।

चंगेज ने निर्दयतापूर्ण उज्बेकिस्तान के सबसे बड़े शहर बुखारा और समरकंद को जलाकर रख कर दिया था। इस तबाही में लाखो लोग जलकर राख हो गए थे। चारो तरफ चंगेज खान का ही खौफ था। सब लोग उसके खौफ में जी रहे थे – चंगेज खान का इतिहास

लाखो महिलाओं को चंगेज खान की वासना शिकार होना पड़ा था। वह जहां भी जाता था, वहां पर महिलाओ का शोषण व बलात्कार जरूर करता था। चंगेज खान ने लगभग 4 करोड़ लोगो को मौत के घाट उतारा था। पूरे विश्व में चंगेज खान का इतना खौफ था कि उसका नाम सुनकर भी लोग सहम उठते थे।

चंगेज खान का सैन्य-युद्ध कौशल

दुनिया का सबसे क्रूर और बेरहम शासक Changez Khan अपनी चतुराई, कुशल युद्धनीति व चपलता के लिए जाना जाता था। वह जिस भी राज्य में अपना सम्राज्य स्थापित करना चाहता था, उस राज्य को अपने कुशल युद्ध नेतृत्व से जीत लेता था। वह बहुत चतुराई व कुशलता से युद्ध लड़ता था। इसके अलावा वह अपने सैनिकों को विशेष ट्रेनिंग देता था।

उसकी युद्ध सेना में तेज दौड़ने वाले और बलिष्ट  घोड़ों का इस्तेमाल होता था। वह अपने सभी घोड़ों को भी युद्ध के लिए तैयार रखता था। वह अपने किसी भी सैनिक असहाय नहीं होने देता था। यदि किसी सैनिक का घोड़ा मर जाता था, तो वह तुरंत दूसरा घोड़ा अपने सैनिक के पास भेजता था।

मंगोल शासक Changez Khan ने कई ऐसी लड़ाईयां भी लड़ी थी जिसमें उसका सैन्य बल शत्रु सेना से कम था। लेकिन अपने मजबूत संगठन शक्ति, युद्ध कौशल और अनुशासन से वह युद्ध जीत लेता था। कुछ इतिहासकार बताते है कि बर्बर व निर्दयी शासक चंगेज खान की सफलता का राज उसकी सेना की चपलता व युद्ध कौशल है।

कहते है कि Changez Khan की सेना का मकसद केवल दुनिया को जीतना था। चंगेज के पास बेहतरीन घुड़सवार थे और वह युद्ध में आग के गोलों का इस्तेमाल करता था। इन सब की मदद से वह दुनिया के अधिकांश भूभाग को जीत पाया था – चंगेज खान का इतिहास

चंगेज खान ने भारत पर आक्रमण क्यों नहीं किया ?

चंगेज खान एक शक्तिशाली व निर्दय शासक था। वह जिस भी देश पर आक्रमण करता, उस देश पर अपना अधिकार कर लेता था। इतना शक्तिशाली होने के बाउजूद उसने भारत पर आक्रमण नहीं किया था। हालाँकि उसने भारत पर आक्रमण करने की मनसा बनाई थी, लेकिन विषम परिस्थितियों की वजह से वह बीच रास्ते से ही पुनः मंगोल लोट गया था।

दरअसल Changez Khan ने गजनी और पेशावर पर अधिकार कर लिया था। गजनी वर्तमान का अफगानिस्तान और पेशावर वर्तमान का पाकिस्तान है। उस समय वहाँ का शासक ख्वारिज्म वंश का शासक अलाउद्दीन मोहम्मद था, जिसे चंगेज ने कैस्पियन सागर की ओर खदेड़ दिया था। जहां पर सन्न 1220 में उसकी मृत्यु हो गई थी। अलाउद्दीन मुहम्मद का उत्तराधिकारी जलालुद्दीन मंगवर्नी था।

जलालुद्दीन मंगवर्नी मंगोलों के आक्रमण से भयभीत होकर गजनी चला गया। बाद में Changez Khan ने उसका पीछा किया और सिन्धु नदी के तट पर उसको हरा दिया था। इसके बाद जलालुद्दीन सिंधु नदी पार करके भारत में आया और दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश से सहायता मांगी। लेकिन इल्तुतमिश ने शक्तिशाली चंगेज़ ख़ान के भय से उसको सहयता देने से इंकार कर दिया।

Changez Khan की योजना थी कि वह सिंधु नदी को पार कर भारत पर आक्रमण करते हुए असम के रास्ते मंगोलिया की ओर प्रस्थान करेगा। लेकिन सिंधु नदी के दूसरी तरफ विषम भौगोलिक स्थितियों की वजह से वह क्षेत्र काफी गर्म था। इस प्रकार अत्यधिक गर्मी, प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से वह बीच रास्ते ही लौट गया।

साथ ही अपने शासको द्वारा ज्ञात अशुभ संकेतों के कारण भी वह लौट गया था। इस प्रकार चंगेज ने जलालुद्दीन मंगवर्नी के पीछे अपनी सेना की एक टुकड़ी वहीं छोड़ दी थी और खुद मंगोल चला गया। इस प्रकार भारत एक भीषण तबाही व लूटपाट से बच गया था – चंगेज खान का इतिहास

चंगेज खान की मृत्यु और उसका मकबरा

विश्व का सबसे क्रूर व शक्तिशाली शासक चंगेज खान की मृत्यु 1227 ईसवी में हुई थी। लेकिन अभी तक चंगेज खान की मृत्यु (Changez Khan ki mratyu) के सही करने का पता नहीं चला है। कुछ इतिहासकार बताते है कि चंगेज खान की मृत्यु (Changez Khan ki mratyu) घोड़े से गिरने की वजह से हुई थी। इसके अलावा चंगेज नहीं चाहता था कि उसकी कब्र के बारे में दुनिया को पता नहीं चले।

उसके साथियों ने चंगेज के शव को दफनाकर मकबरे वाले क्षेत्र में हजार घोड़ों को दौड़ाकर जमीन को बराबर कर दिया था। जिसके बाद सभी सैनिकों को मार दिया गया था। आज तक उनके मकबरे के बारे में पता नहीं चल सका है। हालाँकि उनके नाम से एक मकबरेनुमा इमारत अवश्य मिलती है- चंगेज खान का इतिहास

उम्मीद करते है मेरे द्वारा दी गई “चंगेज खान का इतिहास ( Changez Khan history in hindi )” जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। आपको चंगेज खान की जीवनी ( Changez Khan ki jiwani in hindi ) कैसी लगी, कमेंट में अपने विचार अवश्य दे। आपको बता दे कि चंगेज खान दुनिया का सबसे निर्दय शासक था। वह महिलाओ, बच्चो व बुजुर्गो किसी को भी नहीं छोड़ता था। सबको मार देता था। वह महिलाओ को निर्वस्त्र करके उनका चुनाव करता था। जो महिला उसे पसंद आती, उसका वह शोषण करता था। जो उसे पसंद नहीं आती थी, उसे वह अपने सेनिको के लिए छोड़ देता था।

FAQ

Q :  चंगेज खान के पिता की हत्या किसने की थी ?
Ans :  चंगेज खान के पिता की हत्या उसके ताऊ ओंग खान और शक्तिशाली तार्तार कैराईट ने जहर देकर कर दी थी।

Q :  चंगेज खान का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
Ans :  चंगेज खान का जन्म सन 1162 के आसपास आधुनिक मंगोलिया के उत्तरी भाग में ओनोन नदी के निकट हुआ था।

Q :  चंगेज खान की पत्नी का नाम क्या था ?
Ans :  बोरते

Q :  चंगेज खान के पिता कौन थे ?
Ans :  चंगेज के पिता का नाम येसूजेई था, जो की कियात कबीले के सरदार थे।

Q :  चंगेज खान की माँ का नाम क्या था ?
Ans :  होयलन

Q :  चंगेज खान का असली नाम क्या था ?
Ans :  तेमूचिन

Q :  चंगेज खान की मृत्यु कब हुई थी ?
Ans :  1227 ई.वी. में

Q :  चंगेज खान का धर्म कोनसा था ?
Ans :  चंगेज सभी धर्मो का बराबर सम्मान करते थे। वह बौद्ध धर्म का अनुयायी था।

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