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नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय Neeraj Chopra Biography In Hindi

नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय

अपनी मेहनत व काबिलियत से रातों-रात अपनी पहचान बनाने वाले नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय , Javelin Thrower Neeraj Chopra Biography In Hindi :- 7 अगस्त 2021 को टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता में भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Javelin Thrower Neeraj Chopra ki jiwani )ने गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम विश्व इतिहास में दर्ज किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि नीरज एक Javelin Throw के अलावा एक फौजी भी है। वह  इंडियन आर्मी में सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं। भाला फेंक प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीतने के बाद उन्हें देशवासियों से बहुत प्यार व मन सम्मान मिला। भारत सरकार से भी उन्हें तरह तरह के सम्मान मिला है। टोक्यो ओलंपिक में Javelin Throw से अपनी पहचान बनाने वाले नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय , आइये जानते है विस्तार से Javelin Thrower Neeraj Chopra Biography In Hindi,(Niraj chopada ka jiwan parichay)

नीरज चोपड़ा का संक्षिप्त जीवन परिचय

पूरा नाम (Full Nmae ) नीरज चोपड़ा
जन्म दिनांक (Date of Birth) 24 दिसंबर 1997
जन्म स्थान (Birth Place) पानीपत, हरियाणा
उम्र ( Age , 2021 तक) 24 वर्ष
पिता का नाम सतीश कुमार
माता का नाम  सरोज देवी
पेशा (Profession) भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट,army
स्कूल (School) NA
कॉलेज (College) डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़
रूचि ( Hobbies) घूमना
शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification ) स्नातक
पुरुस्कार (Awards) अर्जुन पुरस्कार
धर्म (Religion) हिन्दू
पदार्पण (Debut) 5th September 2013
नागरिकता (Nationality) भारतीय
कोच उवे होन

नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय-Neeraj Chopra Biography In Hindi

आज हम इस लेख में नीरज की सफलता की कहानी, नीरज चोपड़ा सक्सेस स्टोरी, नीरज चोपड़ा की जीवनी (Niraj chopada ka jiwan parichay), success story of niraj chopada in hindi के बारे में अध्ययन करेंगे।

नीरज चोपड़ा का जन्म तथा परिवार ,प्रारम्भिक जीवन

Javelin Throw नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को  हरियाणा राज्य के पानीपत शहर के खंडरा गांव में हुआ था। नीरज के पिता का नाम सतीश कुमार है और माता का नाम सरोज देवी है। नीरज के 2 बहन और 2 भाई है। अतः ये कुल 5 भाई बहन है जिनमे नीरज सबसे बड़े है। इनके पिता हरियाणा राज्य के पानीपत जिले के एक छोटे से गांव खंडरा के किसान हैं। इनकी माताजी एक गृहणी है। नीरज जी अभी तक अविवाहित है। जैवलिन थ्रो में  नीरज की रुचि तब आयी जब वह केवल 11 वर्ष के थे। वह पानीपत स्टेडियम में जय चौधरी को प्रैक्टिस करते हुए देखा करते थे।

11 वर्ष की उम्र में नीरज थोड़े मोटे थे। तब इनके पिताजी ने उन्हें वजन काम करने के लिए पानीपत के एक जिम में दाखिला दिलाया। वह रोजाना वजन कम करने के लिए दौड़ता था। नीरज अपनी एक्सरसाइज के दौरान पेशेवर भाला फेंकने वाले बिंझोल के जयवीर को अभ्यास करते हुए देखा करते थे। यहां से उन्हें भला फेकने में रूचि उत्पन हुयी। उन्होंने जयवीर के साथ प्रशिक्षण शुरू किया। जब वह 14 साल के थे, तब वह पंचकुला में एक स्पोर्ट्स नर्सरी में शिफ्ट हो गए। यहाँ उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के एथलीटों के साथ प्रशिक्षण लिया। सन्न 2012 में उन्होंने लखनऊ में अपना पहला जूनियर राष्ट्रीय स्वर्ण जीता।

नीरज चोपड़ा की शिक्षा

नीरज का जन्म पानीपत में हुआ था , इसीलिए उन्होंने अपनी स्कूल तक की पढ़ाई पानीपत , हरियाणा से की थी। अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने चंडीगढ़ में एक BBA कॉलेज ज्वाइन किया और यही से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

नीरज चोपड़ा के कोच

जीवन में सफलता हासिल करने के लिए एक गुरु , एक मार्गदर्शक , एक कोच की जरूरत पड़ती है। सर्वज्ञाता भगवान को भी गुरु (कोच) की जरूरत पड़ी थी। उसी तरह नीरज ने भी अपनी रूचि को पेंशन में बदलने के लिए एक कोच बनाया जो उन्हें Javelin Throw में सर्वश्रेष्ठ बना सके। उन्होंने उवे होन के मार्गदर्शन में अपना प्रशिक्षण शुरू किया। उवे होन जर्मनी देश के पेशेवर जैवलिन एथलीट रह चुके हैं। इनसे ट्रेनिंग लेने के बाद ही नीरज चोपड़ा ने इतना अच्छा प्रदर्शन करन शुरू किया है। अतः नीरज चोपड़ा के कोच का नाम ”उवे होन” है। वर्तमान में नीरज चोपड़ा के कोच गैरी गैरी कैल्वर्ट हैं।

नीरज चोपड़ा का खेल (भाला फेंक एथलीट) जीवन

नीरज (Javelin Thrower Neeraj Chopra ki jiwani )ने 12 साल की उम्र में भाला फेंकने का प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। उन्होंने जयवीर चौधरी को भाला फेंकते हुए देखर अपना प्रशिक्षण शुरू किया था। वर्ष 2011 से 2015 तक उन्होंने पंचकुला में ताऊ देवी लाल स्टेडियम में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एसएआई) केंद्र में जेवलिन थ्रो के कौशल को ओर परिपक्क्व किया। नीरज ने साल 2014 में अपने लिए पहला भाला ख़रीदा जिसकी कीमत 7 हजार रूपए थी। आगे इन्होने इंटरनेशनल लेवल के प्रशिक्षण के लिए ओर भी कई भाले ख़रीदे।

साल 2012 – 68.46 मीटर का रिकॉर्ड, अंडर-16 नेशनल जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। 2. IAAF वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप 2013 के नेशनल यूथ चैंपियनशिप में दूसरा स्थान हासिल किया था। 3. साल 2015 में इंटर-विश्वविद्यालय चैंपियनशिप में 81.04 मीटर का रिकॉर्ड बनाया। साल 2012 में लखनऊ में आयोजित हुए अंडर-16 नेशनल जूनियर चैंपियनशिप में नीरज ने 68.46 मीटर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। साल 2013 में नेशनल यूथ चैंपियनशिप में नीरज ने दूसरा स्थान हासिल किया था। उसके बाद उन्होंने आईएएएफ वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में भी अपना स्थान बनाया।

2015 में नीरज चोपड़ा (Niraj chopada ka jiwan parichay) ने इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में 81.04 मीटर भाला फेंककर एज ग्रुप का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इसी तरह 2016 में भी उन्होंने एक रिकॉर्ड अपने नाम किया जिससे उन्हें आगे बहुत फायदा मिला। साल 2016 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में 86.48 मीटर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। यह उपलब्धि उन्होंने बायडगोसज्च्ज़, पोलैंड में आयोजित 2016 आइएएएफ U20 विश्व चैंपियनशिप में प्राप्त की थी। इस मेडल के साथ उन्होंने एक विश्व जूनियर रिकॉर्ड भी बनाया। नीरज अपनी कड़ी मेहनत व लगन के फलस्वरूप लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा था।

सन्न 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों में भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए 82.23 मीटर तक भाला फेंक कर नीरज ने स्वर्ण पदक जीता था। ऐसे प्रदर्शन के बावजूद भी वह साल 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में स्थान पाने में असफल रहा क्योंकि प्रवेश प्राप्त करने के लिए अंतिम तिथि 11 जुलाई थी। इस समय वह भारतीय सेना के राजस्थान राइफल्स में कार्यरत थे। अगले ही साल 2017 में नीरज ने 85.23 मीटर का भाला फेंककर 2017

एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में सम्पन्न हुए 2018 राष्ट्रमण्डल खेलों में नीरज ने  86.47 मीटर भाला फेंककर स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। और इसी तरह एक के बाद एक मिल सफलता के परिणामस्वरूप उन्होंने ने साल 2021 में टोक्यो ओलंपिक में Javelin Throw में गोल्ड मेडल जीता।

नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक 2020-21

बुधवार को टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो कर एथलीट नीरज चोपड़ा ने फाइनल में अपनी जगह बनाई। और भारत की तरफ से ट्रैक एंड फील्ड में ओलंपिक का पहला मेडल दिलाने के लिए अपनी दावेदारी को प्रस्तुत किया। वह 86.65 मीटर की दुरी के साथ क्वालिफिकेशन में टॉप रहे और ओलंपिक फाइनल में अपनी पोजीशन बनाने वाले पहले इंडियन जेवलिन थ्रो प्लेयर बने। और नीरज के द्वारा देशवासियों को एक गोल्ड मेडल की आस मिली।

7 अगस्त (शनिवार ) शाम 4:30 बजे फाइनल मैच आयोजित किया गया। इस मैच में नीरज ने शानदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। इस तरह नीरज ने भारत के इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया। नीरज ने फाइनल मुकाबले में 6 राउंड में से पहले 2 राउंड में ही 87.58 की सबसे ज्यादा डिस्टेंस का रिकॉर्ड सेट कर दिया था। जिसे अगले 4 राउंड में कोई भी खिलाड़ी तोड़ नहीं सका। अपने प्रयास सेट की गयी दुरी से नीरज प्रथम स्थान पर बने रहे। और स्वर्ण पदक अपने नाम दर्ज किया।

नीरज चोपड़ा के रिकॉर्ड

  1. साल 2012 में अंडर 16 नेशनल जूनियर चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक कर46 मीटर का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया। इस रिकॉर्ड के लिए उन्हें गोल्ड मेडल दिया गया था।
  2. साल 2013 में नेशनल यूथ चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने आईएएएफ (IAAF) वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में अपना स्थान फिक्स किया।
  3. साल 2015 में इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में04 मीटर थ्रो फेंककर रिकॉर्ड बनाया।
  4. साल 2016 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में48 मीटर भाला फेंक कर नया रिकॉर्ड बनाया और एक ओर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
  5. साल 2016 में नीरज चोपड़ा ने दक्षिण एशियाई खेलों में पहले राउंड में ही23 मीटर थ्रो फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
  6. साल 2018 में कॉमनवेल्थ खेल में नीरज चोपड़ा ने47 मीटर भाला फेंक कर रिकॉर्ड बनाया और जिसके लिए उन्हें गोल्ड मेडल मिला।
  7. साल 2018 में ही उन्होंने जकार्ता एशियन गेम में06 मीटर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीता।
  8. नीरज चोपड़ा ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले पहले भारतीय जैवलिन थ्रोअर का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
  9. एक ही साल में एशियन गेम और कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले नीरज चोपड़ा दूसरे प्लेयर है। इससे पहले यह रिकॉर्ड साल 1958 में मिल्खा सिंह द्वारा बनाया गया था।
  10. साल 2021 में टोक्यो ओलंपिक-2021 में58 मीटर भाला फेंक कर भारत के लिए गोल्ड मेडल हासिल किया।

नीरज चोपड़ा को मिले हुए पुरस्कार

साल मैडल पुरस्कार
2012 राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप गोल्ड मेडल
2013 राष्ट्रीय युवा चैंपियनशिप रजत पदक
2016 तीसरा विश्व जूनियर अवार्ड
2016 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप रजत पदक
2017 एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप गोल्ड मेडल
2018 एशियाई खेल चैंपियनशिप स्वर्ण गौरव
2018 अर्जुन पुरस्कार

 

नीरज चोपड़ा का इतिहास में नाम

इतिहास में उन ही लोगो का नाम दर्ज होता है जो अपने पैशन के लिए पागल होते है। जिन्हे अपने सपनो को पूरा करने का जूनून होता है। अक्सर कहा जाता है कि समझदार व ज्ञानी लोग इतिहास पढ़ते है और पागल लोग इतिहास रचते है। यहाँ पागल से मतलब अपने सपनो व लक्ष्य के लिए जुनूनी व्यक्ति को कहा गया है। नीरज चोपड़ा की कहानी (Javelin Thrower Neeraj Chopra ki jiwani ) भी कुछ इस तरह की है।

  1. नीरज ने भारत को पहली बार ओलंपिक में भाला फेंक (Javelin Throw ) में स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) दिलाया है। इससे पहले Javelin Throw में भारत को कोई मेडल नहीं मिला था।
  2. भारत को 13 साल बाद ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक (gold medal) जीतने वाले पहले भारतीय नीरज चोपड़ा हैं।
  3. नीरज ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में भारत के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथिलीट बन गये हैं।
  4. भारत ने आज से 121 साल पहले एथलेटिक्स में पहला पदक जीता था। इसके बाद आज नीरज चोपड़ा ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास में अपना नाम दर्ज किया है।
  5. सन 2008 में निशानेबाजी में अभिनव बिंद्रा ने भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद दूसरी बार नीरज चोपड़ा भाला फेंक में स्वर्ण पदक अपने नाम करने वाले दुसरे भारतीय खिलाडी बन गये हैं।

नीरज चोपड़ा वेतन और नेटवर्थ

नीरज के वेतन व नेटवर्थ के बारे में अभी तक कोई सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध नहीं है। एक अनुमान के आधार पर इनकी कुल संपत्ति 5 मिलियन डॉलर के आसपास आँकी गयी है। इसके अलावा नीरज को विभिन्न पुरस्कारों से भी अच्छी-खासी इनकम हो जाती है। वर्तमान के समय में वह जेएसडब्ल्यू (JSW) स्पोर्ट्स टीम में शामिल है। हाल ही में , नीरज चोपड़ा को स्पोर्ट्स ड्रिंक की फेमस कंपनी गोटोरेड ने ब्रांड एंबेसडर के रूप में  सिलेक्ट किया गया है।

नीरज चोपड़ा आर्मी ऑफिसर

नीरज चोपड़ा ने अपने करियर की शुरुआत एक आर्मी जवान से की थी। वह एक एथिलीट बनने से पहले भारतीय सेना में एक सूबेदार के रूप में कार्यरत थे। वह राजस्थान राइफल्स में कार्यरत थे। वह आर्मी में जूनियर कमीशनर ऑफिसर भी रह चुके है। मात्र 19 साल की उम्र में वह राजपूताना राइफल्स चलाया करते थे।

नीरज चोपड़ा को दिए गए ईनाम

अपने कुशल प्रशिक्षण से व मेहनत से नीरज ने लगातार सफ्ता हासिल की है , जिसके बदले में उन्हें अनेक प्रकार के ईनाम दिए गए है। उन्होंने भाला फेंक प्रतियोगिता में अनेक ईनाम व मेडल प्राप्त किये है। जब नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, तब नीरज के साथ पूरा देश ख़ुशी की लहार में झूम उठा था। प्रधानमंत्री मोदी जी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, एवं विभिन्न राज्य के मंत्रीयो ने नीरज को बधाई दी। इस जीत की ख़ुशी में उन्हें अलग अलग जगहों से ईनाम देने की घोषणा की गयी।

  1. पंजाब सरकार ने नीरज चोपड़ा को देश के लिए गोल्ड मैडल जीतने हेतु 2 करोड़ रुपए नगद राशि देने की घोषणा की है।
  2. हरियाणा सरकार ने नीरज को 6 करोड़ रूपये नकद ईनाम देने के साथ में सरकारी नौकरी और आधी कीमत पर जमीन देने का ऐलान किया है।
  3. नीरज को गोरखपुर नगर निगम की ओर से 1 लाख रूपये का ईनाम दिया गया और उनका भारत लौटने पर भव्य स्वागत भी किया गया।
  4. इसके अलावा पंजाब सरकार ने यह भी घोषणा की है कि ओलंपिक पदक विजेता खिलाडियों के नाम पर पंजाब के विभिन्न स्कूलों एवं सडकों का नाम रखा जायेगा।
  5. BCCI ने नीरज चोपड़ा को 1 करोड़ रूपये का नगद ईनाम देने की घोषणा की है।
  6. इंडिगो कंपनी ने नीरज चोपड़ा को 1 साल के लिए अनलिमिटेड फ्री ट्रेवल देने की घोषणा की है।
  7. IPLटीम चेन्नई सुपर किंग्स फ्रैंचाइज़ी के मालिक ने नीरज को 1 करोड़ रूपये का ईनाम देने का वादा किया है।

चोट ने मुश्किलों में डाला

साल 2019 नीरज चोपड़ा के लिए बेहद मुश्किलों भरा हुआ था। कंधे की चोट के कारण वह खेल नहीं पाया और सर्जरी के बाद कई महीने तक उन्हें आराम करना पड़ा। अंत में साल 2020 के आते-आते कोरोना के चलते हुए अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ नहीं हो पाईं। कोविद-19 की वजह से समूचे विश्व की गति रुक गयी थी। जिससे ओलम्पिक खेलो को भी स्थगित किया गया। नीरज के लिए घायल होना पहली बार नहीं था , अक्सर पहले भी खेल के दौरान उन्हें चोट लग जाया करती थी। जिससे उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी।

साल 2012 में जब वह बास्केटबॉल खेल रहे थे ,तब उनकी कलाई टूट गई थी। उनकी वह कलाई टूटी जिनसे वह  थ्रो करते हैं। नीरज ने कहा था कि एक बार उन्हें लगा था कि शायद वह अब खेल नहीं पाएंगे। लेकिन नीरज की मेहनत और उनकी टीम की कोशिश से वह उस बुरे समय से उभर आये। साल  2015 तक नीरज ने खुद को ट्रेन किया। वर्त्तमान समय में उनके पास  विदेशी कोच हैं , बायोमैकेनिकल एक्सपर्ट हैं। एक से बढ़कर एक अच्छी सुविधा मिल रही है।

खेल के लिए नॉनवेज खाना शुरू किया

नीरज बच्चपन से ही शाकाहारी रहे है। परन्तु अब अपने खेल की वजह से  नॉनवेज भी खाने लगे हैं। एक खिलाडी के खाने पीने का बहुत ध्यान रखा जाता है। उन्हें खाने में वही दिया जाता है जो उनकी सेहत को नुकसान न पहुँचाती हो। एक खिलाड़ी को डायट के हिसाब से चलना ही पड़ता है। लेकिन नीरज गोलगप्पों को अपना पंसदीदा जंक फूड मानते हैं। उन्हें लम्बे बाल रखना पसंद है इसीलिए शायद उन्हें सोशल मीडिया पर लोग मोगली के नाम से भी बुलाते है।

नीरज चोपड़ा की रूचि

जैवलिन थ्रो नीरज का पैशन है। इसके अलावा वह बाइक चलाने का भी शौक रखते है। उन्हें हरियाणवी रागिनियों का ,पंजाबी गाने और बब्बू मान बहुत पसंद है। ये संगीत हमेशा उनकी प्लेलिस्ट में रहते हैं। इसके अलावा नीरज को घूमने का शौक बहुत है।  साथ ही उन्हें गोलगप्पे खाना बेहद पसंद है। वर्त्तमान में नीरज चोपड़ा 2024 के पेरिस ओलंपिक पर नजर जमाये बैठे है।  और जी जान से मेहनत कर रहे है।

FAQ

Q : नीरज चोपड़ा वर्ल्ड रैंकिंग कितनी है ?

Ans : टोक्यो ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा की वर्तमान में विश्व रैंकिंग जैवलिन थ्रो की कैटेगरी में चौथे स्थान पर है।

Q : जेवलिन थ्रो के लिए ओलंपिक रिकॉर्ड कितने का है ?

Ans : 90.57 मीटर

Q : नीरज चोपड़ा की उम्र कितनी है ?

Ans : 23 साल

Q : नीरज चोपड़ा कौन है ?

Ans : भारतीय एथलीट भाला फेंक खिलाड़ी

Q : नीरज चोपड़ा की हाइट कितनी है ?

Ans : 5 फुट 10 इंच

Q : नीरज चोपड़ा की जाति क्या है ?

Ans : हिन्दू रोर मराठा

Q : नीरज चोपड़ा की सैलरी कितनी है ?

Ans : 1 से 5 मिलियन डॉलर के आसपास

Q : नीरज चोपड़ा का ओलिंपिक 2021 का बेस्ट थ्रो कितना है ?

Ans : 87.58 मीटर

Q : नीरज चोपड़ा के कोच कौन है ?

Ans : नीरज चोपड़ा के मुख्य कोच का नाम उवे होन है जो की जर्मनी के पूर्व पेशेवर जैवलिन एथलीट है।

Q : नीरज चोपड़ा का जन्म कहाँ हुआ था

Ans : पानीपत , हरियाणा में

Q : नीरज चोपड़ा का जन्म कब हुआ ?

Ans : 24 दिसंबर 1997

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