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योग करने के फायदे- Health Benefits Of Yoga In Hindi

योग करने के फायदे

योग करने के फायदे – Health Benefits Of Yoga In Hindi :- आज के इस में हम योग करने के फायदे (Yoga karane ke fayade) के बारे में जानेंगे। आज का हमारा मुख्य बिंदु रहेगा – योग क्या होता है ?, योग करने के फायदे, योग करने के नियम, योग करने का सही समय के बारे में। योग एक प्राचीन भारतीय जीवन-पद्धति है। जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम किया जाता है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है।

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में योग या व्यायाम करने के लिए समय किसको मिलता है। सभी लोग मोह-माया के जाल में फसकर पैसे के पीछे भाग रहे है। किसी को भी अपनी हेल्थ की चिंता नहीं है। वर्तमान में अधिकांश लो अनफिट है। हर किसी को कोई न कोई शारीरिक पीड़ा मिलेगी। यदि आप वजन में कमी,एक मजबूत एवं लचीला शरीर, सुन्दर चमकती त्वचा, शांतिपूर्ण मन, अच्छा स्वास्थ्य चाहते हैं, तो आपको योग करना ही पड़ेगा। योग को केवल कुछ आसनो द्वारा आंशिक रूप से समझा जाता हैं, परंतु इसके लाभ का आंकलन केवल योग करने के बाद ही किया जा सकता है। योग एक समुन्द्र है जिसके अनेक लाभ है।

योग क्या होता है ?

योग की परिभाषा सभी धर्मों में अलग अलग बताई गयी है। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द ‘युज’ से हुई है, जिसका अर्थ जुड़ना है। मूल रूप से योग के दो अर्थ निकलते है। 1. जुड़ना और 2. समाधि। गीता में श्रीकृष्ण ने एक स्थल पर कहा है, ‘योगः कर्मसु कौशलम्‌’ – जिसका अर्थ है  कर्मों में कुशलता ही योग है। किन्तु यह वाक्य योग की परिभाषा नहीं है। कुछ विद्वानों का यह मानना है कि जीवात्मा और परमात्मा के मिल जाने को योग कहते हैं। इस बात को स्वीकार करने में बौद्धमतावलम्बी भी बड़ी आपत्ति खड़ी करती है। जो परमात्मा की सत्ता को स्वीकार नहीं करती है। वे योग का समर्थन करते हैं।

यही बात सांख्यवादियों के लिए भी कही जा सकती है, जो ईश्वर की सत्ता को असिद्ध मानते हैं। पतंजलि के अनुसार योग की परिभाषा ‘योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः’, है। जिसके अनुसार चित्त की वृत्तियों के निरोध का नाम योग है। अब इस वाक्य के दो अर्थ हो सकते हैं, – चित्तवृत्तियों के निरोध की अवस्था का नाम योग है या इस अवस्था को लाने के उपाय को योग कहते हैं। परन्तु इस परिभाषा पर कई विद्वानों को आपत्ति है।योग करने के फायदे- Health Benefits Of Yoga In Hindiयोग को समझने के लिए कई विख्यात दार्शनिकों, ज्ञानियों और योगियों ने अपने अनुसार योग को परिभाषित किया है। यह केवल व्यायाम नहीं है, बल्कि विज्ञान पर आधारित शारीरिक क्रिया है। इसमें मस्तिष्क, शरीर और आत्मा का एक-दूसरे से मिलन होता है। साथ ही मानव और प्रकृति के बीच एक सामंजस्य भी बनता है। यह जीवन को सही तरीके से जीने का एक मार्ग है।

  1. पातञ्जल योग दर्शन के अनुसार – चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है।
  2. सांख्य दर्शन के अनुसार – पुरुष एवं प्रकृति के पार्थक्य को स्थापित कर पुरुष का स्वरूप में अवस्थित होना ही योग है।
  3. विष्णुपुराण के अनुसार – जीवात्मा तथा परमात्मा का पूर्णतया मिलन ही योग है।
  4. भगवत गीता के अनुसार – दुःख-सुख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि द्वन्दों में सर्वत्र समभाव रखना योग है।
  5. भगवत गीता के अनुसार – कर्त्तव्य कर्म बन्धक न हो, इसलिए निष्काम भावना से अनुप्रेरित होकर कर्त्तव्य करने का कौशल योग है।
  6. आचार्य हरिभद्र के अनुसार – मोक्ष से जोड़ने वाले सभी व्यवहार योग है।
  7. बौद्ध धर्म के अनुसार – कुशल चित्त की एकाग्रता योग है।

योग के प्रकार – Types of Yoga in Hindi

योग एक है लेकिन योग के प्रकार अनेक है। मसलन सांख्य योग, ज्ञान योग, भक्ति योग,लय योग, हठ योग, राजयोग, सहज योग, क्रिया योग, ध्यान योग, समाधि योग, पतंजलि योग, हिरण्यगर्भ योग, मृत्युंजय योग, नाद बिंदु योग, योग को आप किसी भी नाम से पुकारे लेकिन योग अपने आप में संपूर्ण है। योग के साथ यदि कोई विशेषण या कोई नाम जुड़ा है तो वह संपूर्ण योग नहीं है। वह योग में से निकली एक छोटी सी धारा है।  योग एक समुद्र है और योग से निकली छोटी-छोटी धाराएं नदियों की तरह है। मुख्य रूप से योग 6 प्रकार के होते हैं।

  1. हठ योग
  2. राज योग
  3. कर्म योग
  4. भक्ति योग
  5. ज्ञान योग
  6. तंत्र योग

1. हठ योग (hath yoga) करने से योग करने के फायदे

यह प्राचीन भारत की साधना पद्धति है। हठ में “ह” का अर्थ हकार यानी दाई नासिका स्वर होता है, जिसे पिंगला नाड़ी कहते हैं। वहीं “ठ” का अर्थ ठकार यानी बाई नासिका स्वर होता है, जिसे इड़ा नाड़ी कहते हैं। जबकि संस्कृत में “ह” का अर्थ है “सूर्य” और “ठ” का अर्थ  “चंद्रमा” से है। हठ योग के जरिए इन दोनों नाड़ियों के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास किया जाता है। इसे करने से मस्तिष्क को शांति मिलती है और स्वास्थ्य बेहतर होता है। प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनि हठ योग किया करते थे। हठ योग दो महत्वपूर्ण सिद्धांत पर आधारित है।

  1. ध्यान – ध्यान में ऐसी स्थिति (आसन) को ढूंढना होता है, जो आपके लिए सबसे आरामदायक है। इसमें आप ध्यान करते समय लंबे समय तक टिक सकते हैं।
  2. शरीर के भीतर ऊर्जा में सुधार – योग, शरीर में ऊर्जा के प्रवाह में सुधार करता है। इसे करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।

2. राज योग (Raj yoga) करने से योग करने के फायदे

योग की सबसे अंतिम अवस्था समाधि को ही राजयोग कहा जाता है। इसे सभी योगों का राजा माना गया है। राज योग हठ योग के समान ही होता है। लेकिन यह योग के अन्य रूपों की तुलना में थोड़ा अधिक कठिन होता है। क्योंकि इसमें अन्य योगासन की तुलना में अधिक अनुशासन और नियंत्रण की आवश्यकता होती है। राज योग मन और शरीर की एकाग्रता, ध्यान और अनुशासन पर केंद्रित है। इसमें सभी प्रकार के योगों की कोई-न-कोई विशेषता जरूर है। यह ऐसी साधना है, जिसे हर कोई कर सकता है। महर्षि पतंजलि ने इसका नाम अष्टांग योग रखा है और योग सूत्र में इसका विस्तार से उल्लेख किया है। उन्होंने इसके आठ प्रकार बताए हैं, जो इस प्रकार हैं

  1. नैतिक अनुशासन
  2. आत्म संयम
  3. एकाग्रता
  4. ध्यान
  5. सांस नियंत्रण
  6. मुद्रा
  7. संवेदी अवरोध
  8. परमानंद

3. कर्म योग (Karma Yoga) करने से योग करने के फायदे

कर्म योग का अर्थ निस्वार्थ क्रिया से है। कर्म योग करने के लिए मनुष्य और मानवता की सेवा करने के लिए स्वयं को आत्मसमर्पण करना होगा। कर्म योग हिंदू धर्म पर आधारित है और इसे भगवत गीता द्वारा स्थापित किया गया था। श्रीकृष्ण ने भी गीता में कहा है “योग” ‘कर्मसु कौशलम्’ यानी कुशलतापूर्वक काम करना ही योग है। कर्म योग का अर्थ है कि हम वर्तमान में जो कुछ भी अनुभव करते हैं, वो हमारे पूर्व कर्मों पर आधारित होता है। इस प्रकार के योग का मुख्य उद्देश्य मन और हृदय को शुद्ध करना, नकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक सोच से छुटकारा पाना है। कर्म योग के माध्यम से मनुष्य किसी मोह-माया में फंसे बिना सांसारिक कार्य कर सकता है।

4. भक्ति योग (Bhakti Yoga) करने से योग करने के फायदे

भक्ति का अर्थ है “दिव्य प्रेम” और योग का अर्थ “जुड़ना” है। यह कर्म योग के समान ही है। इंसान सभी जीवित प्राणी के लिए समय समर्पित करता है। साथ ही क्षमा और सहिष्णुता का अभ्यास करता है। ईश्वर, सृष्टि, प्राणियों, पशु-पक्षियों आदि के प्रति प्रेम, समर्पण भाव और निष्ठा को ही भक्ति योग माना गया है।

भक्ति योग किसी भी उम्र, धर्म, राष्ट्र, निर्धन व अमीर व्यक्ति कर सकता है। कोई भी किसी न किसी को अपना ईश्वर मानकर उसकी पूजा करता है। बस उसी पूजा को भक्ति योग कहा गया है। यह भक्ति निस्वार्थ भाव से की जाती है, ताकि हम अपने उद्देश्य को सुरक्षित व ईमानदारी से पा सके। भक्ति के 9 सिद्धांत हैं, जिनका पालन किया जाता है।

  1. श्रवण
  2. प्रशंसा
  3. स्मरण
  4. पडा-सेवा
  5. पूजा
  6. वंदना
  7. दास्य
  8. सखा
  9. आत्म-निवेदना

5. ज्ञान योग (Gyan Yoga) करने से योग करने के फायदे

ज्ञान योग दिमाग से नकारात्मक ऊर्जा को मुक्त करता है। इस प्रकार के योग के माध्यम से ज्ञान को प्राप्त किया जाता हैं। ज्ञान योग को बुद्धि का मार्ग बताया गया है। यह ज्ञान और स्वयं से परिचय करने का माध्यम है। इसके द्वारा अज्ञान को दूर किया जाता है। कहा जाता है कि आत्मा की शुद्धि ज्ञान योग से ही होती है। चिंतन करते हुए शुद्ध स्वरूप को प्राप्त कर लेना ही ज्ञान योग कहलाता है। योग के ग्रंथों का अध्ययन कर बुद्धि का विकास किया जाता है। ज्ञान योग को सबसे कठिन माना गया है। ज्ञान योग के तीन मुख्य सिद्धांत है। ये सिद्धांत योगी को अपने जीवन के बारे में वास्तविक ज्ञान प्राप्त करने में सहायता करते है।

  1. आत्मबोध
  2. अहंकार को हटाने
  3. आत्मानुभूति

6. तंत्र योग  (Tantra Yoga ) करने से योग करने के फायदे

तंत्र का अर्थ  “विस्तार” होता है। तंत्र योग का उद्देश्य अपने दिमाग का विस्तार करना होता है, ताकि चेतना के सभी स्तरों तक पहुँचा जा सकें। यह वास्तविक आत्मा को जागृत करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इस योग के अनुसार मानव शरीर में सात चक्र होते हैं। जब ध्यान के माध्यम से कुंडली को जागृत किया जाता है, तो शक्ति जागृत होकर मस्तिष्क की ओर जाती है और वह सभी सातों चक्रों को क्रियाशील करती है। इस प्रक्रिया लय योग कहा जाता है।

योग करने के फायदे- Health Benefits Of Yoga In Hindi

इसमें मनुष्य बाहर के बंधनों से मुक्त होकर अंदर उत्पन होने वाले शब्दों को सुनने का प्रयास करता है, जिसे नाद कहा जाता है। इस प्रकार के अभ्यास से मन की चंचलता खत्म होती है और एकाग्रता बढ़ती है। तंत्र योग विवाहित जोड़ों के लिए अपनी कामुकता को बढ़ाने और उनके रिश्ते में विशेष प्रकार के जुड़ाव के लिए होता है। यह योग सेक्स के बारे में नहीं है, लेकिन यह इसका एक हिस्सा है।

योग करने के फायदे (Yoga karane ke fayade)

योग करने से शरीर को मुख्य रूप से तीन स्तर फायदे ((Yoga karane ke fayade)) मिलते है।

1. पहले स्तर में यह मनुष्य को स्वास्थ्यवर्धक बनाता है और उसमें ऊर्जा भरने का काम करता है। शरीर को फुर्तीला और ताजगी प्रदान करता है।
2. दूसरे स्तर में यह मस्तिष्क व विचारों पर अपना प्रभाव दिखता है। यह मनुष्य के नकारात्मक विचारो को दूर करता करता है। योग के द्वारा हमारे तनाव, चिंता या मानसिक विकार दूर होते है।
3. तीसरे स्तर में मनुष्य चिंताओं से मुक्त हो जाता है। योग के इस अंतिम चरण तक पहुंचने के लिए मनुष्य को कठिन परिश्रम करने की जरूरत होती है। अतः विभिन्न योग के स्तर का लाभ अलग अलग स्तर पर मिलता है। आइये जानते है योग करने के फायदे (Yoga karane ke fayade) के बारे में विस्तार से।

  1. सम्पूर्ण स्वास्थ्य : पूर्ण रूप से स्वस्थ तब माना जाता है, जब आप न केवल शारीरिक रूप से अपितु मानसिक एवं भावात्मक रूप से स्वस्थ होते हैं। यह केवल योग से ही संभव है। योग हमे बैठने का तरीका, प्राणायाम तथा ध्यान संयुक्त रूप से सिखाता हैं। योग का नियमित रूप से अभ्यास करने वाले लोगो को असंख्य लाभ प्राप्त होते हैं।
  2. रक्त प्रवाह : शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही बनाये रखने के लिए योग काफी मदगार सिद्ध होता है। जब शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है, तो सभी अंग बेहतर तरीके से कार्य करते हैं। योग करने से पूरे शरीर के रक्त प्रवाह में सुधार होता है। हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं के स्तर में भी सुधर होता है। योग करने से शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है। जिससे वे सुचारु रूप से कार्य करते है।
  3. प्रतिरोधक क्षमता : योग करने से बीमारियों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से शरीर विभिन्न अंग प्रभावित होते है। योग करने से प्रतिरोधक क्षमता में सुधार हो सकता है।
  4. नई ऊर्जा में वृद्धि : दिनभर की थकान दूर करने के लिए आप योग का सहारा ले सकते है। कुछ मिनट का योग आपको पूरे दिनभर ताजगी और ऊर्जा से भरा रखता हैं। जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने और कार्य करने के लिए शरीर में ऊर्जा का बना रहना जरूरी है। अतः योग का लाभ शरीर को ऊर्जावान बनाए रखना भी है। योग करने से थकावट दूर होती है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।
  5. ब्लड प्रेशर में सुधार : वर्तमान जीवन शैली में अधिकांश लोग ख़राब ब्लड प्रेशर के शिकार है। यदि आप इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते है, तो योग का सहारा लेना बेहतर होगा। योग करने से उच्च रक्तचाप को संतुलन में लाया जा सकता है।
  6. श्वसन प्रणाली में सुधार : एक ख़राब श्वसन प्रणाली से शरीर में अनेक विकार उत्पन हो सकते है। एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए श्वसन प्रणाली का ठीक होना आवश्यक है, ताकि शरीर के सभी अंगो तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुँच सके। योग करने से हमें जीवन में सांस के महत्व के बारे में पता चलता है। कई योगासन सांसों पर ही आधारित हैं। जब हम योग करते हैं, तो फेफड़े पूरी क्षमता के साथ कार्य करने लगते हैं। योग से सांस लेना आसान हो जाता है।
  7. अच्छी नींद में सहायक : दिनभर कार्य करने के बाद रात को अच्छी नींद लेना जरूरी होता है। ताकि शारीरिक थकान दूर हो सके। योग से मानसिक तनाव दूर होता है। अतः योग करने से अच्छी नींद आती है।
  8. कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार : योग करने से LDL और HDL के स्तर में सुधार आता है। योग करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का संतुलन बना रहता है। एक वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि नियमित योग करने से वेरी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन ( ख़राब कोलेस्ट्रॉल) की मात्रा में कमी और हाई डेंसिटी कोलेस्ट्रॉल (गुड कोलेस्ट्रॉल) में वृद्धि देखि गयी है। अतः योग से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।
  9. मेटाबॉलिज्म में सुधार : मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया के माध्यम से शरीर को भोजन के जरिए ऊर्जा मिलती है। जब पाचन तंत्र, लिवर और किडनी अच्छी तरह कार्य करते हैं, तो मेटाबॉलिज्म भी ठीक तरह से कार्य करता है। अतः योग के द्वारा मेटाबॉलिज्म में सुधार किया जा सकता है।
  10. पेट से संबंधित बीमारियों से छुटकारा : यदि आपको गेस्ट्रोलॉजी की समस्या है, तो आप योग के माध्यम से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। पेट में दर्द, ऐंठन और गैस या फिर पाचन तंत्र में इंफेक्शन या सूजन की समस्या है, तो आपको योग का सहारा लेना चाहिए। योग के द्वारा इन समस्याओं से स्थायी रूप से मुक्ति पा सकते है।
  11. दर्द सहने की क्षमता में वृद्धि : जब आप योग करना शुरू करते है, तो आपका शरीर मजबूत व सुडोल बनता है। साथ ही आपके शरीर के जोड़ भी मजबूत बनते है। यदि आपके शरीर में कही भी विशेष कर जोड़ों में दर्द हो रहा हो तो उसे सहने की क्षमता भी योग से ही प्राप्त होती है। अतः नियमित योग करने से दर्द को सहने की शारीरिक क्षमता बढ़ने लगती है।
  12. कमर दर्द में सुधार : लगातार बैठकर कार्य करने से कमर या पीट में दर्द होने लगता है। इस दर्द से छूटकरा योग के द्वारा पाया जा सकता है। नियमित योग करने से कमर दर्द से छुटकारा मिल सकती है। योग करने से हड्डी की लचक (फ्लेक्सिबिलिटी) बढ़ती है।
  13. योग से ट्राइग्लिसराइड्स में कमी : ट्राइग्लिसराइड्स हमारे ब्लड में पाया जाने वाला एक प्रकार का फैट है। यह हृदय रोग व स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसे कम करने के लिए नियमित रूप से योग करना जरूरी है।
  14. ब्रोंकाइटिस : श्वसन नली में सूजन आने से साँस लेने से तकलीफ होती है। इस अवस्था को ब्रोंकाइटिस कहा जाता है। योग इस सूजन को दूर करता है। योग से श्वसन नली के खुलने में मदद मिल सकती है। इससे ब्रोंकाइटिस में राहत मिलती है।
  15. लाल रक्त कोशिकाओं में वृद्धि : हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ये फेफड़ों से ऑक्सीजन शरीर के सभी अंगो तक पहुँचाती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से एनीमिया रोग तक हो जाता है। अतः योग के द्वारा लाल रक्त कोशिकाओं में वृद्धि की जा सकती है।
  16. माइग्रेन से मुक्ति : योग से मस्तिष्क के सभी विकार दूर होते है। यदि माइग्रेन का मरीज योग करता है, तो सिर में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। योग से मस्तिष्क तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुँचाती है।
  17. अर्थराइटिस (गठिया) से मुक्ति : अर्थराइटिस (गठिया) होने पर जोड़ों में सूजन और दर्द शुरू हो जाता है। इस स्थिति में कार्य करने में तकलीफ होती है। ऐसी स्थिति में आप योग का सहारा ले सकते है। योग से अर्थराइटिस (गठिया) से मुक्ति पायी जा सकती है।
  18. हृदय रोग से बचाव : योग के जरिए हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। योग से उन विकारो को दूर किया जा सकता है, जो हृदय को नुकसान पहुँचाते है। अतः योग से हृदय रोग से बचा जा सकता है।
  19. बढ़ती उम्र का असर कम होना : योग करने से बढ़ती उम्र का असर दिखता नहीं है। आजकल के खानपान की वजह से लोगो के चेहरे पर सलवटे पड़ने लगती है। कम उम्र में भी लोग बूढ़े लगने लगते है। इस तरह की समस्या को दूर करने के आप योग कर सकते है। योग से चेहरे पर पड़ने वाली झुर्रियों को कम किया जा सकता है।
  20. योग से तनाव में कमी : मानसिक तनाव मनुष्य को तोड़ के रख देता है। तनाव पूर्ण जिंदगी में मनुष्य का जीना मुश्किल हो जाता है। आप योग के द्वारा स्थायी रूप से तनाव से बाहर निकल सकते हो। योग करने से नयी ऊर्जा का संचार होता है।
  21. शारीरिक क्षमता का बढ़ना : नियमित रूप से योग करने से हड्डियां व मांसपेशियां मजबूत होती हैं। शरीर का आकार बेहतर होता है और शारीरिक क्षमता बेहतर होती है। साथ ही शरीर में उत्पन दर्द, मांसपेशियों में आये विकार और कमजोर हड्डियां भी योग से तंदरुस्त होते है। योग करने से मांसपेशियों की गतिविधि में सुधार होता है। यह मजबूत बनती हैं और इनमें लचीलापन आता है।
  22. एकाग्रता : योग एकाग्रता बढ़ाने में बहुत अधिक फायदेमंद हो सकता है। नियमित रूप से योग करने से कार्य करने में मन लगता है। योग से सभी मुश्किल दूर हो जाती है।
  23. वजन का संतुलित होना : बढ़ते वजन को व्यायाम से ही नहीं बल्कि योग से भी काम किया जा सकता है। यदि आप नियमित योग को करते है तो निश्चित ही कुछ महीनो में आपका वजन नियंत्रित हो जायेगा। वजन कम करने के लिए योग आसान और बेहतरीन तरीका है।
  24. सुडौल शरीर का बनना : योग शरीर को सकारात्मक ऊर्जा से सिंचित करता है। और मानसिक व आत्मिक रूप से व्यक्ति को मजबूत बनता है। योग से मांसपेशियां मजबूत बनती है जिससे शरीर सुडोल बनता है। योग करने से कोर भी मजबूत बनता हैं, जिससे कोर मे लचीलापन आता है और स्वस्थ रहता हैं। चूँकि पुरे शरीर का भार कोर पर ही टिका होता है।
  25. अच्छी याददाश्त का होना : योग से मानसिक विकार व तनाव दूर होते है जिससे मस्तिष्क को आराम मिलता है। ऐसे में मस्तिष्क की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है। अतः योग से याददाश्त में बढ़ोतरी होती है। योग से व्यक्ति का स्वभाव शांत व विनम्र बनता है। योग मस्तिष्क में ऊर्जा का संचार होता है जो नकारात्मक भावों को दूर करती है।
  26. सकारात्मक विचार : योग से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और नकारात्मक भाव दूर होते है। मस्तिष्क तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुँचती है। योग करने से जीवन को लेकर विचार सकारात्मक हो जाते हैं। योग से न सिर्फ मानसिक विकारों व नकारात्मक सोच से दूर हो पाएंगे, बल्कि जीवन की तमाम दुविधाओं का सामना करने की क्षमता भी पैदा हो जाएगी।

योग करने का सही समय

अभी हमने योग करने के फायदे, योग की परिभाषा, योग के प्रकार के बारे में जाना है। अब हमें जानना है कि योग करने का सही समय कौनसा होता है। योग में समय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। योग विज्ञान में दिन को चार हिस्सों में बांटा गया है – ब्रह्म मुहूर्त, सूर्योदय, दोपहर व सूर्यास्त।

योग करने के फायदे- Health Benefits Of Yoga In Hindi

इनमें से ब्रह्म मुहूर्त और सूर्योदय को योग के लिए सबसे बेहतर माना गया है। योग के आसन ब्रह्म मुहूर्त में करने से सबसे ज्यादा फायदा मिलता है। चूँकि इस समय में वातावरण में शुद्ध हवा व शुद्ध ऑक्सीजन की मात्रा होती है। इस समय योग करने से शरीर को शुद्ध हवा मिलती है जिससे शरीर को नयी ऊर्जा मिलती है। चूँकि ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 3 से 4 बजे तक का माना गया है। अतः जिनको आध्यत्मिक ज्ञान प्राप्त करना होता है, वो लोग इस समय योग करते है।

आप सूर्योदय के समय भी योग कर सकते हैं। इससे शरीर दिनभर ऊर्जावान रहता है। योग करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखे कि आपका पेट खाली हो। इसके अलावा आप सूर्यास्त के बाद भी योग कर सकते हैं। परन्तु आपका पेट खाली होना चाहिए।

योग करने के नियम

  1. योग को सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद करना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में योग करना अधिक फायदेमंद होता है।
  2. योग हमेशा खाली पेट किया जाता है। अतः योग करते समय आपका पेट बिलकुल खाली होना चाहिए।
  3. योग की शुरुआत हमेशा ताड़ासन से ही करनी चाहिए।
  4. योग करने से पहले थोड़ा हल्का वॉर्मअप करना चाहिए ताकि शरीर योग के लिए तैयार हो जाये।
  5. यदि आप शाम को योग करते है, तो भोजन करने के लगभग तीन-चार घंटे बाद ही करें। योग करने के आधे घंटे बाद ही आपको कुछ खाना है।
  6. यदि आप पहली बार योग करने जा रहे है तो आपको प्रशिक्षक की मदद लेनी चाहिए। साथ ही पहली बार में हल्के योग के आसन करने चाहिए।
  7. योग करने के लिए हमेशा आरामदायक कपड़े पहने चाहिए।
  8. जिस जगह पर आप योग कर रहे है, वह जगह साफ और शांत होनी चाहिए।
  9. योग करते समय नकारात्मक विचारों को अपने मन से निकालने का प्रयास करें।
  10. योग के समय ठंडा पानी नही पीना चाहिए क्योंकि योग करते समय शरीर गर्म होता है। ठंडे पानी की जगह आप हल्का गुनगुना पानी ही पिएं।
  11. योग हमेशा धैर्य से करें और किसी भी आसन में अधिक जोर नही लगाना है। अपनी क्षमता के अनुसार ही योग करें।
  12. गर्भवती महिलाएं प्रशिक्षक या डॉक्टर की सलाह से ही योग करे।
  13. हमेशा योगासन के अंत में शवासन जरूर करें। इससे तन और मन पूरी तरह शांत हो जाता है। शवासन करने से ही योग का पूर्ण लाभ मिलता है।

FAQ

Q : योगासन का क्या अर्थ है?
Ans : योगासन का अर्थ शक्ति और अवस्था है। अलग अलग धर्मगुरुओं ने योगासन की परिभाषा विभिन्न प्रकार से दी है। योगासन दो शब्दों से मिलकर बना है “योग” और “आसान“। यहाँ योग का अर्थ समाधि से है, जबकि आसान का अर्थ शारीरिक स्थिति से है। इसमें लोग अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार सरलतम स्थति में योग करते हैं।

Q : योग का असर कितने दिन में होता है?
Ans : यदि आप नियमित तरीके से प्रतिदिन योग करते है, तो इसका असर 5-6 दिन में दिखने लग जाता है। वैसे आपको इसका असर 2-3 दिन बाद ही दिखने लगता है परन्तु योग करने के फायदे आपको 5-6 दिन में दिखना शुरू हो जाते है।

Q : सुबह सुबह योग करने से क्या फायदा होता है?
Ans : सुबह अर्थात ब्रह्म मुहर्त में योग करने से आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ता है। साथ ही शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। श्वसन क्रिया भी सुचारु रूप से कार्य करती है। योगासन से तनाव दूर होता है और शरीर के विषाक्त तत्व नष्ट होते हैं।

Q : क्या योग सभी व्यक्ति कर सकते हैं?
Ans : योग बच्चो से लेकर वृद्ध व्यक्ति तक कर सकते है। योग में आयु की कोई सीमा नहीं है। ऐसा नहीं है की पतले व फिट लोग ही योग कर सकते है। अनफिट व मोटे लोग भी योग कर सकते है। बल्कि अनफिट व मोटे लोगो के द्वारा योग करने से वे जल्दी फिट व निरोग होंगे।

Q : सुबह कितने बजे उठकर योग करना चाहिए?
Ans : योग के नियम के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठना लाभप्रद होता है। अतः योग के लिए 4 बजे का समय सबसे अच्छा है। लेकिन यदि आप सुबह जल्दी नहीं उठ पाते है। तो आप 6 बजे भी योग कर सकते है।

Q : योग हमारे जीवन में क्यों आवश्यक है?
Ans : शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने के लिए योग आवश्यक है। आध्यात्मिक ज्ञान व मानसिक संतुलन बनाये रखने के लिए भी योग जरुरी है।

Q : योग शुरू कैसे करें?
Ans : योगासन सही तरीके से करने के लिए आपका आरामदायक होना जरूरी है। योग शुरू करने से पहले दिमाग, मन और शरीर तीनों चीजों का रिलेक्स होना आवश्यक है। योग हमेशा आरामदायक कपड़ो में करे।

Q : योग के कितने प्रकार होते हैं?
Ans : योग मुख्य रूप से 6 प्रकार के होते हैं। राज योग, कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग, हठ योग, तंत्र योग।

Q : योग हमारे जीवन को कैसे बदल सकता है?
Ans : योग से हमारा शरीर निरोग व मानसिक रूप से मजबूत बनता है। एक स्वस्थ शरीर से ही जीवन खुशहाली आती है। योग करने के अनेक लाभ है, जिससे जीवन में अनेक कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण हो जाते है।

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