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सबसे सुखी प्राणी कौन है : अपनी तुलना दूसरों से न करें

सबसे सुखी प्राणी कौन है अपनी तुलना दूसरों से न करें

Hello Friends इस लेख में आपको सबसे सर्वश्रेष्ठ व सुखी प्राणी की कहानी (Story of Crow in hindi ) बताई जा रही है। इस कहानी से अपनी तुलना दूसरों से न करने की शिक्षा मिलती है। इस कहानी का सारांश जानने के लिए आपको यह कहानी अंत तक पढ़नी है।

आजकल लोग अपनी तुलना दुसरो से करते है और सोचते है कि सामने वाला कितना खुश नसीब इंसान है। आज का इंसान दुसरो के सुख-दुःख के बारे में काफी सोच-विचार करता है। जिस वजह से वह अपनी कीमत भूल जाता है।

इस कहानी के माध्यम से यह समझाया जा रहा है कि हर इंसान की अपनी एक अहमियत होती है। हर इंसान को अपनी खूबी के बारे में सोचना चाहिए। अपनी तुलना दुसरो के साथ में करने के चक्कर में खुद की किमत नहीं भूलनी चाहिए।

सबसे सुखी प्राणी कौन हैअपनी तुलना दूसरों से करें

एक जंगल में एक कौवा रहता था। वह बहुत खुश रहता था। क्योंकि उस कौवे की ज्यादा इच्छाएं नहीं थीं। वह अपनी जिंदगी से संतुष्ट था और अपना जीवन मस्ती के साथ जी रहा था। लेकिन एक दिन उसने जंगल में किसी हंस को देख लिया।

कौवा हंस को देखते ही सोचने लगा कि यह प्राणी कितना सुन्दर है। इतना सुन्दर प्राणी मैंने कभी नहीं देखा। यह कितना साफ और सफ़ेद है। यह जंगल में सबसे सुन्दर व सफ़ेद प्राणी है। यह मुझसे भी ज्यादा सुखी प्राणी है। मेरे काले रंग के सामने हंस बहुत सुन्दर लग रहा है। यह जंगल में सबसे सुखी पक्षी है।

सुखी कौवे की कहानी – Story of Crow in hindi

कोवा अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए हंस के पास गया और पूछा – भाई आप तो बहुत सुन्दर और सफ़ेद हो, इसलिए आप तो बहुत खुश होंगे। कौवे के इस सवाल पर हंस ने जवाब दिया – हाँ भाई मैं पहले बहुत खुश रहता था। लेकिन मैं तब तक ही खुश था, जब तक मैंने तोते को नहीं देखा था।

तोते को देखने के बाद मुझे लगने लगा कि वह धरती का सबसे सुंदर प्राणी है। हम दोनों के शरीर का रंग तो एक ही रंग से बना है। लेकिन तोते के शरीर पर दो-दो रंग है। उसके गले में लाल रंग का घेरा और शरीर सूर्ख हरे रंग का बना था। सच में तोता बेहद खूबसूरत था।

अब कोवा हंस की बातें सुनकर तोते को सबसे सुंदर प्राणी मानने लगा। कोवा अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए तोते के पास गया और पूछा –  भाई आप दो-दो रंग पाकर बड़े खुश होगे ? कौवे की बात पर तोते ने कहा – हाँ मैं तब तक बहुत खुश था जब तक मैंने मोर को नहीं देखा था।

मेरे पास तो दो ही रंग हैं लेकिन मोर के शरीर पर तो कई तरह के रंग हैं। अब कोवा असमंजस में पड़ गया। वह सोचने लगा कि सबसे ज्यादा खुश प्राणी कौन है ? सबसे सुखी प्राणी का पता लगाने के लिए कौवे ने निर्णय लिया। अब वह मोर से मिलने के लिए निकल पड़ा।

सबसे सुखी प्राणी कौन है ?

कौवे ने मोर को जंगल में बहुत ढूंढा लेकिन उसे पूरे जंगल में एक भी मोर नहीं मिला। फिर वह मोर को ढूंढते-ढूंढते चिड़ियाघर में पहुँच गया। कौवे ने देखा मोर को देखने के लिए बहुत से लोग आए हुए हैं और उसके आसपास अच्छी खासी भीड़ है। लोग मोर के साथ सेल्फी ले रहे है।

सब लोगों के जाने के बाद कौवे ने मोर से पूछा – भाई आप दुनिया के सबसे सुंदर व रंगबिरंगे प्राणी हो। आपको देखने के लिए लोग दूर दूर से आते है और आपके साथ फोटो भी लेते है। यह सब देख के आपको बहुत अच्छा लगता होगा। आप तो दुनिया के सबसे खुश नसीब प्राणी होगे ?

कौवे की यह बात सुनकर मोर को बहुत दुःख हुआ और मोर ने दुखी होते हुए कहा – भाई अगर मैं सुंदर हूँ भी तो क्या फर्क पड़ता है। लोग मुझे चिड़ियाघर में कैद करके रखते हैं। लेकिन तुम्हें तो कोई भी चिड़ियाघर में कैद करके नहीं रखता है।

तुम अपनी मर्जी से कही भी घूम-फिर सकते हो। इसलिए दुनिया के सबसे संतुष्ट और खुश प्राणी तो तुम्हें होना चाहिए। तुम्हे कोई भी कैद करके नहीं रखता है। तुम एक आजाद प्राणी हो, जो खुले आसमान में उड़ सकता है। खुली हवा में साँस ले सकता है।

मोर की बात सुनकर कौवा हैरान रह गया। कौवे को उसके जीवन की अहमियत कोई दूसरा बता रहा था। कौवा समझ गया था कि अपनी तुलना दुसरो से नहीं करनी चाहिए। सभी प्राणियों के जीवन में कोई न कोई समस्या होती है। सुखी कौवे की कहानी – Story of Crow in hindi

आज के समय में लगभग सभी लोग ऐसा करते है। हम अपनी खुशियों और गुणों की तुलना दूसरों से करते हैं। हम अपनी तुलना ऐसे लोगो से करते है, जिनका रहन-सहन का माहौल हमसे बिलकुल अलग होता है।

हमारी जिंदगी में बहुत सारी ऐसी चीज़ें होती हैं, जो केवल हमारे पास हैं। लेकिन हम उसकी अहमियत समझकर खुश नहीं होते है। दूसरों की छोटी सी ख़ुशी भी हमें बड़ी लगती है, जबकि हम अपनी बड़ी खुशियों को भी महत्व नहीं देते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि अपनी तुलना दुसरो से नहीं करनी चाहिए। अपनी खुशियों को महत्व देना चाहिए। दुसरो की खुशियों को देखकर जलना नहीं चाहिए। अपने पास जो भी चींजे है उन्ही में खुश रहना चाहिए। यदि आपको यह कहानी “सबसे सुखी प्राणी कौन है : अपनी तुलना दूसरों से न करें ” अच्छी लगी हो तो कमेंट करके बताये।

यदि आपको यह कहानी ( सुखी कौवे की कहानी – Story of Crow in hindi )  अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ में अवश्य शेयर करें और कमेंट करके बताये कि आपको यह कहानी कैसी लगी। आशा करता हूँ आप अपनी तुलना दुसरो से नहीं करोगे और अपने जीवन को अच्छे से निर्वाह करोगे।

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