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सेक्स एजुकेशन बच्चो के लिए क्यों जरुरी है ? Sex Education in hindi

सेक्स एजुकेशन बच्चो के लिए क्यों जरुरी है ? Sex Education in hindi

हेलो फ्रेंड्स, आज का लेख अलग विषय पर है, जिसके बारे में चर्चा करने से सब डरते है। आज मैं आपको सेक्स एजुकेशन ( Sex Education ) के बारे में बताने वाला हूँ जिसके बारे में खुलकर कोई बात नहीं करना चाहता है। इस लेख में आपके साथ योन शिक्षा से जुडी हर बात पर चर्चा की जाएगी। यहां आपको ” सेक्स एजुकेशन का महत्व क्या है और यह बच्चो के लिए क्यों जरुरी है ?” के बारे में बताया जा रहा है।

Table of Contents

सेक्स एजुकेशन का महत्व क्या है और यह बच्चो के लिए क्यों जरुरी है ?

बच्चों के शारीरिक विकास के साथ साथ उनका मानसिक रूप से विकसित होना भी जरुरी है। शारीरिक विकास के लिए स्वस्थ्य खान-पान चाहिए जबकि मानसिक विकास के लिए स्कूल में पढ़ाया जाने वाला किताबी ज्ञान जरुरी होता है। लेकिन सम्पूर्ण मानसिक विकास के लिए यह ज्ञान पर्याप्त नहीं है। बच्चों को मानसिक रूप से विकसित करने के लिए यौन शिक्षा ( Sex Education ) भी जरूरी है।

खासकर बच्चो का किशोरावस्था में पहुँचने के बाद शारीरिक परिवर्तनों को बेहतर तरीके से समझने के लिए आज के समय में सेक्स एजुकेशन बहुत जरुरी है। बच्चो को यौन क्रिया और उससे जुड़े नुकसान के बारे में पता होना चाहिए। ताकि बच्चो का मानसिक विकास हो सके।

भारतीय समाज में आज भी लोग यौन शिक्षा के बारे में बात नहीं करते है। बात करना तो दूर इसके ऊपर पर्दा डालने के कोशिश करते है। लोग बच्चो के सामने सेक्स की बातें नहीं करना चाहते है। सेक्स एजुकेशन कोई पढ़ने का विषय नहीं है और न ही इसे पढ़कर कोई महान बन सकता है। यह एक गन्दा विषय है इसके बारे में बात ना करें तो ही अच्छा है – लोगो की ऐसी सोच है आज के समय में सेक्स एजुकेशन के बारे में।

लेकिन मैं आपको इस लेख में यौन शिक्षा का महत्व, सेक्स एजुकेशन क्यों जरुरी है ? यौन शिक्षा के फायदे, यौन शिक्षा से संबंधित समस्याएँ, यौन शिक्षा देने का तरीका, बच्चों को सेक्स एजुकेशन कैसे दें? आदि के बारे में बताएंगे। यदि बच्चो को सही समय पर सेक्स के बारे में सही जानकारी नहीं दे, तो बढ़ती उम्र और किशोरावस्था में शारीरिक बदलाव होने पर इंटरनेट पर सेक्स के बारे में जानकारी जुटाने लगते है। जहां पर आधी-अधूरी जानकारी मिलती है।

ऐसे में बच्चो को कई सेक्स सम्बंधित समस्याओं और गलत आदतों का सामन करना पड़ सकता है। इससे बच्चो की लाइफ ख़राब हो सकती है। साथ ही उनका वैवाहिक जीवन भी खतरे में पड़ सकता है। समाज में ऐसे पढ़े-लिखे लोग बहुत कम है जो यह चाहते है कि आज के समय में यौन शिक्षा बहुत जरुरी है।

यौन शिक्षा – Sex Education 

यौन शिक्षा एक विस्तृत संकल्पना है जो मानव यौन अंगों, जनन, संभोग या रति क्रिया, यौन स्वास्थ्य, जनन-सम्बन्धी अधिकारों और यौन-आचरण सम्बन्धी शिक्षा से सम्बन्धित है। माता-पिता व अभिभावक, मित्र-मण्डली, विद्यालयी पाठ्यक्रम, सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता के कार्यक्रम आदि यौन शिक्षा (Sex Education ) के प्रमुख साधन हैं।

साल 2005 में एडोलसेंट एजुकेशन प्रोग्राम भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। लेकिन अध्यापक, बच्चों के माता पिता व नीति निर्माताओं ने आपत्ति जताई। भारी विरोध के बाद साल 2007 में यह प्रोग्राम प्रतिबंधित कर दिया गया। सिर्फ राजस्थान, गुजरात और केरल ने इसके बाद यौन शिक्षा की अलग संस्करण की स्थापना की। यह कार्यक्रम कुछ चुनिंदा सरकारी और निजी स्कूलों में लागू किया गया।

अब समाज को समझना पड़ेगा कि यह विषय हिचकिचाने का नहीं है और न ही हिचकिचाने से काम चलेगा। अगर बच्चों को सही समय पर यौन शिक्षा नहीं दी गई तो लिंग आधारित हिंसा, लिंग असमानता, प्रारंभिक और अनपेक्षित गर्भधारण, HIV और अन्य यौन संचारित संक्रमण बढ़ते जाएंगे और रोकना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में जरूरी है कि स्कूल में सिर्फ अध्यापक ही नहीं बल्कि माता-पिता भी झिझक को दूर करके अपने बच्चो से इस विषय पर बात करें।

यौन शिक्षा क्या है ? What is Sex Education ?

Sex Education For Children In Hindi बच्चो के लिए यौन शिक्षा क्या है और यह क्यों जरुरी है। सेक्स एजुकेशन एक ऐसा विषय है जिस पर कोई चर्चा नहीं करना चाहता है। आज भी कई लोग सेक्स का नाम सुनते ही शर्म से आंखें झुका लेते हैं। माता -पिता अपने बच्चो के सामने सेक्स के बारे में बात करने से डरते है।

उन्हें डर रहता है कही बच्चे बिगड़ न जाये या फिर यह एक बेकार विषय है, इस पर बात न करें तो ही अच्छा है। शायद उन्हें नहीं पता होता है कि आज के समय में सेक्स एजुकेशन बच्चो के लिए कितनी जरुरी है। जिस प्रकार हर बच्चे को मूलभूत शिक्षा दी जाती है, ठीक उसी तरह हर बच्चे को यौन शिक्षा देना भी जरूरी है।

दरअसल सेक्स एजुकेशन सभी उम्र के लोगों के लिए जरुरी है। फिर चाहे वह पुरुष हो या महिला। आज कई देशों में यौन शिक्षा बाकी विषय की तरह एक महत्वपूर्ण विषय बना दिया गया है। यौन शिक्षा में सेक्स से जुड़ी एक-एक साधारण और गंभीर बातों पर चर्चा की जाती है। यौन शिक्षा के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है।

किस तरह से सम्भोग करना हमारे समाज में लीगल माना गया है। इसकी क्या- क्या सीमाए तय की गई हैं। इन सभी बातों की जानकारी यौन शिक्षा में व्यवस्थित रूप से दी जाती है। सेक्स एजुकेशन में किशोरावस्था में होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी दी जाती है और इन परिवर्तनों को कैसे समझे और इनका सामना कैसे करें ? इन सब के बारे में यौन शिक्षा में बताया जाता है।

अगर आप बच्चो को यौन शिक्षा के बारे में नहीं बताएंगे तो वे अपनी बढ़ती उम्र के हिसाब से मीडिया या इंटरनेट के माध्यम से गलत और भ्रामक जानकारी हासिल करेंगे और यह जानकारी उनके भविष्य को गलत दिशा में ले जा सकती है।

इसलिए बच्चों को उनकी उम्र व मानसिक समझ के हिसाब से यौन क्रिया और यौन अंगों की क्रियाशैली व महत्त्व को समझाना ही यौन शिक्षा ( Sex Education ) है। आज के समय में बच्चो के साथ जिस तरह से यौन हिंसा हो रही है उस हिसाब से बच्चों के बेहतर विकास और भविष्य के लिए Sex Education बहुत जरुरी है।

सेक्स एजुकेशन बच्चो के लिए क्यों जरूरी है ?

बच्चों के लिए यौन शिक्षा क्यों जरूरी है ? या सेक्स एजुकेशन बच्चो के लिए क्यों जरूरी है ? आज यह जानना बहुत जरुरी है। आज के समय को देखते हुए बच्चो के लिए यौन शिक्षा बहुत जरुरी है। सेक्स एजुकेशन या यौन शिक्षा का मतलब सेक्स या संभोग करने से नहीं है।

यौन शिक्षा का अर्थ आपके यौन स्वास्थ्य और यौन समस्या से जुड़ा हुआ है। आधी अधूरी जानकारी के कारण बहुत से लोगों को यौन समस्या का सामना करना पड़ता है। शरीर के बाकी हिस्सों की तरह यौन स्वास्थ्य भी हमारे स्वास्थ्य का जरूरी हिस्सा है। आइये जानते है सेक्स एजुकेशन बच्चो के लिए क्यों जरूरी है ? या फिर बच्चों के लिए यौन शिक्षा क्यों जरूरी है ?

  1. यौन शिक्षा के द्वारा बच्चो को अपने गुप्तांग या जननांग की कार्य क्षमता और महत्व के बारे में जानकारी मिलती है।
  2. सेक्स एजुकेशन में बच्चो को सेक्स से जुड़ी सभी भावनात्मक बातों के बारे में जानकारी दी जाती है।
  3. यौन शिक्षा के द्वारा बच्चो को बेहतर शारीरिक संबंध के बारे में जानकारी मिलती है। जिससे उन्हें गलत कार्यो में लिप्त होने से बचाया जा सकता है।
  4. यौन शिक्षा में भाग लेने वाले बच्चों में यौन क्रिया के प्रति जागरूकता आती है, जिससे बच्चो में असुरक्षित सम्भोग के प्रति रुझान कम होने लगते है।
  5. Sex Education में शरीर के यौन संबंधित अंगो के बारे में सभी जानकारी को खुलकर दी जाती है।
  6. यौन शिक्षा में बच्चों के जन्म से जुड़ी कई प्रकार की जानकारी दी जाती है, जो उनके मानसिक विकास के लिए बहुत जरुरी है।
  7. यौन शिक्षा से बच्चों को इस बात की जानकारी मिलती है कि सम्भोग करने की सही उम्र क्या है ? सही उम्र से पहले सम्भोग करने से क्या क्या नुकसान हो सकते है और इससे हमारे भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
  8. इस शिक्षा के द्वारा बच्चों को सम्भोग के कारण होने वाली HIV जैसी कई गंभीर बीमारियों के जोखिम के बारे में भी पता चलता है।
  9. समाज में बढ़ रही यौन हिंसात्मक गतिविधियों को कम करने के लिए या उन्हें समाज से ख़त्म करने के लिए सेक्स एजुकेशन बहुत जरुरी है।
  10. दो अलग लिंग के बीच होने वाले आकर्षण को समझने के लिए यौन शिक्षा जरुरी है।
  11. प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) से जुडी जानकारी के लिए यौन शिक्षा जरुरी है।
  12. माहवारी अर्थात पीरियड्स से सम्बंधित जागरूकता फैलाने के लिए बच्चो के लिए Sex Education बहुत जरुरी है।
  13. किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों को समझने के लिए बच्चो के लिए Sex Education बेहद जरुरी है।
  14. प्रजनन से जुड़ी सभी जानकारी बच्चो को यौन शिक्षा के द्वारा ही दी जा सकती है।
  15. सेक्स एजुकेशन में सेक्स संयम से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी प्रदान की जाती है।

यौन शिक्षा का महत्व – Sex Education Ka Mahatva

यौन शिक्षा सेक्स और कामुकता के बारे में अच्छा ज्ञान और विचारों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इस शिक्षा के द्वारा असुरक्षित यौन संबंध को कम किया जा सकता है। साथ ही यौन संचारित रोग और एड्स को रोकने के लिए यह शिक्षा जरुरी है। यौन शिक्षा के प्रति सामाजिक जागरूकता फैलाकर यौन शोषण को कम किया जा सकता है।

किशोरअवश्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों के बारे में समाज में जागरूकता फैलाने के लिए यौन शिक्षा का महत्व बहुत जरुरी है। एक स्वस्थ सम्भोग क्रिया के लिए यह शिक्षा जरुरी है। बच्चो को असुरक्षित यौन संबंध बनाने से रोकने के लिए उन्हें सेक्स एजुकेशन का महत्व बताना जरुरी है।

गर्भ निरोधकों का सही ज्ञान यौन शिक्षा का महत्व बताकर ही बच्चो को दिया जा सकता है। बच्चो के साथ होने वाले यौन शोषण को कम करने के लिए बच्चो को सेक्स एजुकेशन का महत्व बताकर उन्हें जागरूक करना बेहद जरुरी है।

युवाओं को यौन शिक्षा की आवश्यकता क्यों है ?

जब बाल्यावस्था से किशोरावस्था में प्रवेश करते है, तब युवाओ में एक अलग तरह का आकर्षण होता है। उस समय उनमें  सेक्स के बारे में भ्रमित और गलत जानकारी होती है। इसी वजह से युवाओं को यौन शिक्षा की आवश्यकता है। लिंग आधारित हिंसा, लिंग असमानता, प्रारंभिक और अनपेक्षित गर्भधारण, HIV और अन्य यौन संचारित संक्रमण अभी भी उत्पन्न होते हैं।

जिन्हे रोकने के लिए युवाओं को यौन शिक्षा की जरूरत पड़ेगी। यौन शिक्षा की कमी बच्चों और युवाओं को हानिकारक यौन व्यवहार और यौन शोषण की चपेट में छोड़ सकती है। यौन शिक्षा बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य और भलाई को संबोधित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यौन शिक्षा न केवल बच्चों और युवाओं को मानव अधिकार, लिंग समानता, रिश्तों, प्रजनन, यौन व्यवहार के जोखिमों और बीमार स्वास्थ्य की रोकथाम पर आयु-उपयुक्त शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि लैंगिकता को प्रस्तुत करने का अवसर भी प्रदान करता है। एक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ, सम्मान, समावेश, गैर-भेदभाव, समानता, सहानुभूति, जिम्मेदारी और पारस्परिकता जैसे मूल्यों पर जोर देता है।

सेक्स एजुकेशन ( यौन शिक्षा ) से संबंधित समस्याएँ

  1. माता-पिता द्वारा सही मार्गदर्शन का अभाव होने से बच्चो को सही दिशा देने में असफल हो जाते है। जिस वजह से बच्चो का मानसिक विकास अधूरा रह जाता है।
  2. कुछ बच्चे ऐसे होते है, जो अपने माता-पिता के साथ में नहीं रहते है या फिर कुछ बच्चे अनाथ होते है, जिस वजह से ऐसे बच्चो तक यौन शिक्षा का महत्व नहीं पहुँच पाता है। इन बच्चो का सामाजिक बुराईयों में लिप्त होने का खतरा ज्यादा रहता है।
  3. ग़लत स्रोतों से जानकारी मिलना भी खतरा है। आज का युवा ज्यादातर सेक्स के बारे में जानकारी इंटरनेट या फिर दोस्तों से प्राप्त करता है, जिससे उसे लगता है कि उसे सेक्स के बारे में सब कुछ पता है। जिस वजह से वह यौन शिक्षा का महत्व नहीं समझ पाता है।
  4. बहुत सारे माता-पिता अपने बच्चो के सामने सेक्स एजुकेशन के बारे में बात नहीं करना चाहते है। वे लोग से गन्दा विषय मानते है। ऐसे में बच्चो का भविष्य खतरे में रहता है। इसलिए बच्चो का भविष्य उनके माता-पिता से मिलने वाली अच्छी यौन शिक्षा पर निर्भर करता है।
  5. स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में यौन शिक्षा का अनुचित है। स्कूली पाठ्यक्रम की कमी यौन शिक्षा की समस्या को बढ़ाती है। कई संस्थान इसका विरोध भी करते है।
  6. समाज के द्वारा यौन शिक्षा का विरोध किया जाता है। वे लोग यौन शिक्षा में विश्वास नहीं करते है। यौन शिक्षा को पाठ्यक्रम में जोड़ने के लिए अक्सर राजनीतिक दलों द्वारा कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ता है। जो कहते है कि यौन शिक्षा बच्चो का सही से मार्गदर्शन नहीं करेगी।
  7. समाज में फैली अशिक्षा भी सेक्स एजुकेशन को बढ़ावा देने से रोकती है।

बच्चों को सेक्स एजुकेशन कैसे दें ? यौन शिक्षा देने का तरीका

घर से देना शुरू करे यौन शिक्षा

अपने बच्चो को सेक्स एजुकेशन के बारे में जागरूक करने के सबसे अच्छा तरीका घर ही है। आप अपने बच्चो के साथ कम उम्र से ही यौन शिक्षा पर खुलकर बात करें। इससे आपको भी कम हिचकिचाहट होगी और बच्चे भी खुलकर आपसे बात कर सकेंगे।

वैसे भी बच्चे की प्रथम पाठशाला घर और प्रथम गुरु माँ ही होती है। हमारी जिंदगी से जुड़ी बातों में यौन शिक्षा के महत्त्व व बातों को ढूंढें और उन अवसरों पर बच्चों से बात करें। प्रतिदिन अपने बच्चों के साथ कुछ समय बिताए और उनके विचारो को जानने की कोशिश करें। साथ ही उन्हें समझने की कोशिश भी करें।

बच्चों द्वारा सेक्स सम्बंधित सवाल पूछने पर उन्हें बिल्कुल भी हतोत्साहित न करें, बल्कि सहजता से उन सवालों का जवाब दें। यदि किसी सवाल का जवाब आपके पास नहीं हो, तो उसके बारे में जानकारी प्राप्त करें। फिर अपने बच्चे को उस सवाल का जवाब दें।

यौन शोषण और समलैंगिकता जैसे सहनशील मुद्दों पर बात करते समय बच्चों से बहुत प्यार से बात करें। इन मुद्दों को आसन तरीके से बच्चों को समझाने की कोशिश करें।  टीवी पर दिखने वाले विज्ञापन जैसे- सेनेटरी पैड्स और कंडोम के विज्ञापन आने पर बच्चों से उनके बारे में बात करें।

स्कूलों द्वारा सेक्स एजुकेशन देना

स्कूली पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा को जोड़ना चाहिए ताकि बच्चो को सेक्स एजुकेशन के बारे में सही जानकारी मिल सके। सभी स्कूलों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए ताकि प्रत्येक बच्चे को सेक्स के बारे में सही जानकारी मिल सके। स्कूल स्तर पर आधारित यौन शिक्षा युवाओं के ज्ञान, दृष्टिकोण और व्यवहार को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण और प्रभावी तरीका हो सकता है

विज्ञापन के द्वारा सेक्स एजुकेशन देना

आजकल का युवा वर्ग और बच्चे TV व इंटरनेट का उपयोग करते है। टीवी व इंटरनेट पर विज्ञापन आते रहते है। विज्ञापन के द्वारा बच्चो में यौन शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ायी जा सकती है।

विज्ञापन यौन शिक्षा से संबंधित जानकारी के प्रसार के लिए बहुत शक्तिशाली स्रोत हो सकते हैं। ​​एक किशोर के दिमाग को मार्गदर्शन करने के लिए सेक्स और कामुकता के बारे में जिम्मेदार विज्ञापन व मीडिया अभियान निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम दे सकते हैं।

बच्चों को सेक्स एजुकेशन कब में देनी चाहिए

Bachcho Ko Sex Ki Jankari Kab Deni Chahiye _ 5 साल की उम्र से ही बच्चों को यौन शिक्षा देना शुरू कर देना चाहिए। ताकि आगे आपको यौन शिक्षा जैसे विषय पर चर्चा करने पर हिचकिचाहट न हो। बच्चों की उम्र के हिसाब से ही इस बात का निर्धारण करना चाहिए कि बच्चे को कब और किस उम्र में कितनी जानकारी देना उचित है।

5 साल से 19 साल तक आप सेक्स एजुकेशन का ज्ञान अपने बच्चो देते रहे। यह कोई ऐसा विषय नहीं है, जिसे एक दिन में समझाकर खत्म किया जा सके। उम्र के हर पड़ाव के साथ अलग-अलग तरीकों से बच्चों के व्यस्क होने तक यौन शिक्षा देना जारी रखना आवश्यक है।

यौन शिक्षा में यौन क्रियाओं के बारे में जानकारी

यौन शिक्षा में यौन सम्बन्ध की जानकरी दी जाती है, जिसे सेक्स,संभोग जैसे नामों से जाना जाता है। दो लोगों की इच्छा से उनके बीच उनके जननांगो में होने वाले इंटरकोर्स को सेक्स या सम्भोग कहते हैं। दो लोगों के बीच होने वाले शारीरिक संबंध को सेक्स कहते हैं।

पुरुषों में यौन समस्या क्या है ?

पुरुषों में यौन समस्या कई बार प्रकार की होती हैं। यह समस्या छोटी भी हो सकती है और बड़ी भी। स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, धात रोग, शुक्राणुओं की कमी जैसी बीमारियां पुरुषों में हो सकती है। यदि आपको यौन से जुड़ी किसी प्रकार की गंभीर समस्या है तो आप डॉक्टर से सलाह ले।

हस्तमैथुन क्या है ?

आजकल युवाओ द्वारा हस्तमैथुन करना एक तरह से सामान्य बात हो गई है। हस्तमैथुन को मास्टरबेशन के नाम से भी जाना जाता है। अपनी कामोतेजना को शांत करने के लिए मास्टरबेशन सुरक्षित, और आनंददायक उपाय होता है। यह तनाव को कम करता है और इसका कोई बुरा दुष्प्रभाव भी नहीं है।

यह सबसे सुरक्षित है। यदि आपको पता चले कि आपके बच्चे हस्तमैथुन कर रहे हैं, तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। हस्तमैथुन यौन भावना को संतुष्ट कर सकता है। पुरुषों के अलावा महिलाएं भी अपनी कामेच्छा पूर्ति के लिए लिए मास्टरबेशन करती हैं।

यौन शोषण क्या है ?

बालिग या नाबालिग बच्चों से अश्लीलता से बात करना, उनके शरीर के प्राइवेट पार्ट को छुना, अपने शारीरिक सुख के लिए कोई गलत कार्य कराना, गलत इशारा करना या फिर उन्हें डरा धमका कर सम्भोग करना यौन शोषण कहलाता है। आज के समय में यौन शोषण बहुत हो रहा है, जो कि सेक्स एजुकेशन की कमी से हो रहा है।

यौन उत्पीड़न क्या है ?

अपने शारीरिक सुख के लिए किसी की मजबूरी का फायदा उठाकर सम्भोग करना (Sex), शारीरिक और मानसिक रूप से दबाव डालकर सम्भोग करने को यौन उत्पीड़न कहते हैं।

बलात्कार क्या है ?

किसी की इच्छा के विरुद्ध जाकर अपनी ताकत के बल पर उसके साथ सम्भोग करना बलात्कार या रेप कहलाता है। यह कानूनन अपराध है।सेक्स चाहे Anal Sex हो या Oral Sex हो बिना इच्छा के किया गया Sex बलात्कार कहलाता है। जबरदस्ती से अपने पेनिस या कोई भी अन्य वस्तु को महिला के जननांग में बल पूर्वक डालना भी बलात्कार कहलाता है। यह एक दंडनीय अपराध है।

एनल सेक्स (Anal Sex) क्या है ?

एनल सेक्स यानि कि गुदा मैथुन भी एक सम्भोग क्रिया है। गुदा काफी संवेदनशील हिस्सा होता है। क्योंकि इसमें काफी नसों के सिरे मौजूद होते हैं। आपको एनल सेक्स करते समय साफ-सफाई और कुछ खास सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इससे कई प्रकार के संक्रामण होने की संभावना होती है।

ओरल सेक्स (Oral Sex) क्या है ?

ओरल सेक्स का अर्थ है अपने पार्टनर को अपने मुंह, जीभ, होंठ से उसके जननांगों और बाकी संवेदनशील शारीरिक अंगो को उत्तेजित करना होता है। ओरल सेक्स में ओरल एक्टिविटी के साथ पार्टनर के पेनिस, वजायना या एनस के साथ रोमांस किया जाता है।

सामाजिक सेक्स एजुकेशन क्या है?

सामाजिक सेक्स एजुकेशन में नीचे दी गई बातें शामिल हैं। जो इस प्रकार है।

  1. लेस्बियन (Lesbian) – जब किसी महिला की रूचि पुरुष में न होकर बल्कि महिला में होती है, तो उन्हें लेस्बियन कहते हैं। इसमें एक महिला दूसरी महिला के साथ सम्भोग करती है।
  2. बाईसेक्शुअल (Bisexual) – जब किसी पुरुष या महिला की रुचि महिला पुरुष दोनों में होती है। तो उसे बाइसेक्शुअल कहते हैं।
  3. गे (Gay) – जब किसी पुरुष की रूचि महिला में न होकर बल्कि पुरुष में होती है, तो उन्हें गे कहते हैं। समाज में इस श्रेणी के लोग बहुत है।
  4. ट्रांसजेंडर – जिनकी एक लिंग पहचान या अभिव्यक्ति उस लिंग से अलग होती है, जो उन्हें उनके जन्म के समय दी गई होती है। अर्थात जो लोग आप लिंग बदल लेते है। जैसे एक पुरुष एक महिला का लिंग धारण कर लेता है

क्या सम्भोग करने के लिए पार्टनर की सहमति जरुरी है ?

जी हाँ , म्भोग करने के लिए पार्टनर की सहमति जरुरी है। फिर चाहे आप सेक्स के लिए तैयार हो, तो भी आपको अपने पार्टनर से सम्भोग के लिए सहमति लेनी होगी। आप बिना अपने पार्टनर की सहमति से सेक्स नहीं कर सकते है। पति-पत्नि के रिश्ते में भी अपने पार्टनर की इच्छा का सम्मान करना चाहिए। बिना उसकी इच्छा के सेक्स नही करना चाहिए।

निष्कर्ष

इस लेख को पढ़ने के बाद आपको समझ में आ गया होगा कि सेक्स एजुकेशन बच्चो के लिए क्यों जरुरी है ? (Sex Education in hindi) सामाजिक यौन उत्पीड़न, यौन शोषण, बलात्कार, अवांछनीय यौन क्रियाओ को रोकने के लिए बच्चो के लिए यौन शिक्षा बहुत जरुरी है। आशा करता हूँ आपको यह लेखा Sex Education in hindi अच्छा लगा होगा। इस लेख से सम्बंधित आप comment box में अपने विचार रख सकते है।

FAQ

Q : बच्चो के लिए यौन शिक्षा क्यों जरुरी है ?
Ans. : शारीरिक विकास के साथ साथ मानसिक विकास के लिए और समाज में हो रहे यौन शोषण, यौन उत्पीड़न, बलात्कार, अवांछनीय यौन क्रियाओ को रोकने के लिए बच्चो के लिए यौन शिक्षा बहुत जरुरी है।

Q : माता-पिता अपने बच्चों को यौन शिक्षा किस तरह से दे सकते है ?
Ans. : लगभग 5 साल कि उम्र से ही आप अपने बच्चो को यौन शिक्षा देना शुरू करें ताकि आगे चलकर आपको हिचकिचाहट न हो। जब भी आपको इस विषय पर चर्चा करने का अवसर मिले, आप चर्चा करे। प्रतिदिन अपने बच्चों के साथ कुछ समय बिताए और उनके विचारो को जानने की कोशिश करें। साथ ही उन्हें समझने की कोशिश भी करें। टीवी पर दिखने वाले विज्ञापन जैसे- सेनेटरी पैड्स और कंडोम के विज्ञापन आने पर बच्चों से उनके बारे में बात करें।

Q : बच्चो को यौन शिक्षा देने का तरीका क्या है ?
Ans. : बच्चो को यौन शिक्षा देने का सबसे अच्छा तरीका घर और स्कूल है। घर से माता-पिता अपने बच्चो को यौन क्रियाओ के बारे में जागरूक कर सकते है। जबकि स्कूली पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा को जोड़कर शिक्षा दी जा सकती है।

Q : युवाओं को यौन शिक्षा की जरूरत क्यों है ?
Ans. : समाज में यौन सम्बंधित गंदगी को समाप्त करने के लिए युवाओ का जागरूक होना बहुत जरुरी है। लिंग आधारित हिंसा, लिंग असमानता, प्रारंभिक और अनपेक्षित गर्भधारण, HIV और अन्य यौन संचारित संक्रमण अभी भी उत्पन्न होते हैं। जिन्हे रोकने के लिए युवाओं को यौन शिक्षा की जरूरत पड़ेगी। यौन शिक्षा की कमी बच्चों और युवाओं को हानिकारक यौन व्यवहार और यौन शोषण की चपेट में छोड़ सकती है। यौन शिक्षा बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य और भलाई को संबोधित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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