डॉ विवेक बिन्द्रा की सफलता की कहानी -Life story of dr. Vivek Bindra
इस लेख में डॉ विवेक बिंद्रा की सफलता की कहानी हिंदी में जानेंगे। डॉ विवेक बिंद्रा कौन है ? डॉ विवेक बिंद्रा की सफलता की कहानी क्या है ? कैसे वह बिज़नेस कोच , मोटिवेशनल स्पीकर , बिज़नेस ट्रेनर, youtuber बने ? उन्हें बच्चपन में किन किन समस्याओ का सामना करना पड़ा ?इस लेख में हम डॉ विवेक बिंद्रा की जीवनी और सक्सेस स्टोरी के बारे में जानेंगे।
डॉ विवेक बिंद्रा वह इंसान है जिन्होंने बाधाओ के सामने कभी घुटने नहीं टेके। समस्याओ का मजबूती से मुकाबला किया और कभी हार नहीं मानी । डॉ विवेक बिंद्रा हमेशा हार्डवर्क करते है। समय के बहुत पाबन्दी है। अपना समय फालतू के काम में बर्बाद नहीं किया। कभी अपनी समस्याओ को लेके रोना नहीं रोया। आज बहुत से लोग है जो अपनी समस्याओ का रोना रोते है। आज हर सफल इंसान डॉ विवेक बिंद्रा को अपना आइडियल मानते है। बहुत से लोग उनसे मोटीवेट होकर अपने बिज़नेस को बड़ा रहे है।
आज डॉ विवेक बिंद्रा अपनी मेहनत और लगन के बदौलत एक सफल बिज़नेस कोच , मोटिवेशनल स्पीकर , youtuber हैं । चलिए इनके बारे में थोड़ा विस्तार से जानते है।
डॉ. विवेक बिंद्रा का जन्म और शिक्षा – Birth and education of dr. vivek bindra
डॉ विवेक बिंद्रा का जन्म 05 अप्रैल 1982 को दिल्ली में हुआ था। जब वह 2.5 साल का था तब डॉ विवेक बिंद्रा के पिता की मृत्यु हो गयी थी। इस मुश्किल समय में इनकी माँ ने भी डॉ विवेक बिंद्रा को छोड़ दिया और दूसरी शादी कर ली। 2.5 साल की उम्र में ही इनके सर से माँ -बाप का साया छूट गया था। डॉ विवेक बिंद्रा का पालन पोषण उनके दादा और चाचा ने किया और उन्हें पढ़ाया भी।
डॉ विवेक बिंद्रा शुरू से ही पढ़ाई में अच्छे और तेजस्वी थे। बच्चपन से ही वह हार्डवर्क करता था। उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा अपने शहर से ही ली थी। उन्होंने अपना स्कूल St. Xavier school से किया था। कॉलेज की पढ़ाई Amity business college नॉएडा से MBA किया था डॉ विवेक बिंद्रा खेलो में भी रूचि रखते थे। डॉ विवेक बिंद्रा जब खेल में हार जाते थे तब वह खेल में वापसी करते थे और जीत की भावना रखते थे। डॉ विवेक बिंद्रा का जीवन चुनोतियो से भरा हुआ था।
डॉ विवेक बिंद्रा ने अपना खर्चा और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के लिए 16-17 साल की उम्र में कोचिंग पढ़ाना शुरू कर दिया था। उन्होंने कुछ समय के लिए बुक्स भी बेचीं थे। इन सब से जो रुपये प्राप्त होते उनसे वह अपनी कॉलेज की फीस भरते थे। डॉ विवेक बिंद्रा का सपना था की वह लंदन में पढ़ाई करे। उस समय उनका लंदन के एक कॉलेज में एडमिशन भी हो गया था। लेकिन पैसो की तंगी की वजह से उनका यह सपना पूरा ना हो सका। डॉ विवेक बिंद्रा को खेलो में भी रूचि थी। इन्होने नेशनल बेस्ट स्कॉटलैंड एथलीस्ट का खेल जीता और 100 से ज्यादा मेडल्स प्राप्त किये
डॉ विवेक बिंद्रा की सफलता की कहानी-Biography of dr. vivek bindra
डॉ विवेक बिंद्रा का जीवन संघर्ष – Life struggle of dr. vivek bindra
डॉ विवेक बिंद्रा का जीवन बच्चपन से ही सरल नहीं था। इन्होने सफलता प्राप्त करने से पहले बहुत सी बाधाओ का सामना किया था। आये जानते है डॉ विवेक बिंद्रा की सफलता की कहानी हिंदी में।
1 सन्यासी जीवन :- एक बार वह इतने हताश और निराश हो गए थे कि उन्होंने सन्यासी का वेश धारण कर लिया था खुद को अकेला महसूस करने की वजह से उन्होंने सन्यासी बनना और उनकी तरह जीवन व्यापन करने का निर्णय लिया। वह सन्यासी का वेश धारण कर वृंदावन चले गए थे। अपना काम खुद करते थे और लोगो की भी सहायता करते थे। सन्यासी वाला खाना खाते और जमीन पर सोते। एक बार
वह उदास बैठे थे। तब उनके गुरु ने उनको भगवत गीता का अध्ययन करने को कहा और भगवत गीता भी दी। डॉ विवेक बिंद्रा रोज भगवत गीता का अध्ययन करते और उसे अपने जीवन में अपनाते थे। डॉ विवेक बिंद्रा बताते है कि भगवत गीता ने ही उनका जीवन बदला है। भगवत गीता एक धार्मिक पुस्तक नहीं है बल्कि यह जीवन जीने की कला सिखाती है। सन्यासी के वेश में उन्होंने 3-4 साल बिताये। और भगवत गीता का अध्ययन करने के बाद उनका जीवन ही बदल गया और कुछ बनने की ठानी।
2.सफलता के लिए संघर्ष :- खुद को मोटीवेट करने के बाद डॉ विवेक बिंद्रा सफलता प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। वह बच्चो को कोचिंग पढ़ाते थे। और एक स्टेशनरी की दुकान बुक्स बेचा करते थे। इन सब से जो भी पैसा प्राप्त होता उसे अपनी पढ़ाई पर खर्च करते थे। जैसे तैसे करके उन्होंने अपना MBA पूरा किया। इन्होने जब अपना ऑफिस खोला था तब इन्हे बहुत सारी मुस्किलो का सामना करना पड़ा था। शुरू में इनके पास ज्यादा क्लाइंट्स नहीं थे। बहुत सारी कम्पनीज ने डॉ विवेक बिंद्रा को रिजेक्ट कर दिया था। इसीलिए वह अपना ऑफिस चलlने में भी बहुत मुस्किलो का सामना कर रहे थे।
डॉ विवेक बिंद्रा एक interview में बताते है कि एक बार उनके पास अपने Employees को सैलरी देने के भी पैसे नहीं थे। वह अपना सारा काम खुद करने लग गए थे। इस मुश्किल समय में वह अपना टॉयलेट खुद साफ़ करते थे। ऑफिस क्लीन करते थे। । डॉ विवेक बिंद्रा बच्चपन से ही हार्डवर्क किया करते थे। इसीलिए वह बड़ी से बड़ी मुस्किलो को आसानी से पार कर जाते थे और कभी हार नहीं मानते थे। परन्तु कहते है ना मेहनत करने वाले कि कभी हार नहीं होती है। मात्र भगवत गीता का अध्ययन करने और उसे अपने जीवन में अपनाने से उनकी जिंदगी बदल रही थी। डॉ विवेक बिंद्रा अपने सेमिनार और ट्रेनिंग मीटिंग अक्सर भगवत गीता का जिक्र करते रहते है।
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डॉ विवेक बिंद्रा चाहते तो सरकारी नौकरी की तैयारी कर के नौकरी कर सकते थे परन्तु उन्होंने कुछ अलग करने की और बिज़नेस करने की ठानी। डॉ विवेक बिंद्रा ने देश के व्यापारियों को घाटे से निकलने और अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए उन्हें ट्रेनिंग देते। और जगह जगह सेमिनार करते। आज लाखो लोग इनसे ट्रैनिग लेते है। बड़ी बड़ी कम्पनिया इनकी क्लाइंट्स है। टॉप कम्पनियो के सीईओ इनके पास ट्रेनिंग लेने आते है।
3. you tube पर वीडियो बनाना – दिसंबर 2013 को डॉ विवेक बिंद्रा मोटिवटीनल स्पीकर के नाम से डॉ विवेक बिंद्रा ने अपना चैनल बनाया। जिस पर डॉ विवेक बिंद्रा ज्यादातर इंग्लिश में वीडियो बनाते थे। जिससे लोगो को कम समझ में आते थे। वीडियो इंग्लिश में होने की वजह से इन्हे व्यूज कम मिल रहे थे और डॉ विवेक बिंद्रा को ज्यादा सफलता नहीं मिली। फिर वापस डॉ विवेक बिंद्रा ने 2016 में हिंदी में वीडियो बनाना शुरू किया। इस बार इनके वीडियो तेजी से लोगो तक पहुंचने लगे और बहुत वायरल भी हुए। डॉ विवेक बिंद्रा को हिंदी वीडियो के माद्यम से लोगो के द्वारा अच्छा रेस्पोंस मिला। लोग इनसे मोटीवेट हो कर अच्छा काम कर रहे थे। इस समय इनके मेंबर्स और फोल्लोवेर्स बढ़ रहे थे। आज इनके चैनल पर 16.6 Millions से भी ज्यादा subcribers है। अपने इस चैनल के माद्यम से डॉ विवेक बिंद्रा देश – विदेश के लोगो को मोटीवेट कर रहे है।
इन सब चुनौतियों का सामना कर डॉ विवेक बिंद्रा ने अपनी सफलता हासिल की है। आज डॉ विवेक बिंद्रा सफल मोटिवेशनल स्पीकर , बिज़नेस कोच , you tuber है। आज डॉ विवेक बिंद्रा बहुत सारी companies के सीईओ को ट्रेनिंग देते है। देश में जगह जगह इनके सेमीनार और बाउंस बैक प्रोग्राम होते रहते है। ‘बाउंस बैक ‘ इनका बेस्ट वर्ड है। डॉ विवेक बिंद्रा बाउंस बैक के बारे में कहते है कि एक बार हार जाने से हार नहीं माननी चाहिए। वापिस प्रयास करना चाहिए बाउंस बैक करना चाहिए। डॉ विवेक बिंद्रा को बहुत सारे अवार्ड मिले है। डॉ विवेक बिन्द्रा के youtube पर 450 से भी ज्यादा वीडियोस है । इनके वीडियोस अक्सर यूटुब पर आते रहते है ।
डॉ विवेक बिन्द्रा कौन है ? – who is dr. vivek bindra
डॉ विवेक बिंद्रा की आयु 40 वर्ष है । डॉ विवेक बिंद्रा एक successful Founder Global ACT an author, motivational speaker, business coach and life consultant, corporate trainer है। वह badabusiness.com के founder and CEO है ।
डॉ विवेक बिंद्रा के अवार्ड्स- Dr. Vivek Bindra’s awards
- Awarded as The Game Changer of the Year 2019 by Economic Times.
- Educational Entrepreneur of the Year Award 2019
- Best Leadership Trainer in Asia by World HRD Congress.
- Conferred upon with “India’s Greatest Brands and Leaders –Pride of the Nation” award, process reviewed by PricewaterhouseCooper
- Honored as “Best CEO Coach in India” by Times of India –Speaking Tree
- Best Corporate Trainer In India by Maruti Suzuki
- He has been crowned as Think Tank of Corporate Asia by World Leadership Federation.
- Published High Power Motivational Self Help Books
- His name got encrypted in Golden Book of World’s Record for Training the Largest Gathering of HR Professionals under One Roof – “Can HR become a CEO”
- Best Motivational Speaker 2019 at International Glory Awards
डॉ विवेक बिन्द्रा के अनमोल विचार-Precious thoughts of dr vivek bindra
1. मैं कभी हारता नहीं…या तो जीतता हूं…या सीखता हूं।
2. जिम्मेदारी दी नहीं जाती ली जाती है।
3. कुछ लोग कहते हैं जो भी मेरे पास है सब बकवास है, और कुछ लोग कहते हैं जो भी मेरे पास है सब खास है।
4. आप परिस्थिति को दोष देते.. हैं और मनः स्थिति में सुधार नहीं लाते…।
5. अपनी मनःस्थिति बदलिए….परिस्थिति खुद-ब-खुद बदल जाएगी।
6. ताउम्र यही गलती करता रहा ग़ालिब, धूल तो चेहरे पर थी,मै आईना साफ करता रहा।
7. अगर फल चाहिए तो पहले ..रास्ता ठीक करो।
8. अपने कल के रिकॉर्ड को आज तोड़ दूंगा
9. आपका पहला प्रोडक्ट सफल होने के लिए नहीं बनता है, पहला प्रोडक्ट केवल टेस्ट करने के लिए बनता है।10.
10. बिजनेसमैन का काम माल बेचना नहीं है। उनका काम अपने कस्टमर के बिजनेस को सफल बनाना है।
11. मेरे देश की जिम्मेदारी नहीं है, मुझे आगे बढ़ाने की बल्कि यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने देश को आगे बढ़ाऊंगा।
12. इस दुनिया में दो प्रकार के लोग हैं: पहला – जो इतिहास रटने में अपना समय बिताते हैं। दूसरा -जो इतिहास रचने में अपना समय बिताते हैं।
13. आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं; तो ठीक है। अगर सोशल मीडिया आपका इस्तेमाल कर रहा हैं तो गलत है।
14. आज का जमाना physical नहीं रहा; आज का जमाना digital हो गया है।
15. जब हमारी तरक्की हमारी सोच से कहीं ज्यादा होने लगती है…. तो इसे ही कहते हैं कि सही ढंग से मार्केट को समझना। लोगों की जरूरतों को समझना और मार्केट के adoption curve को समझना।
16. बुद्धिमान आदमी इतिहास नहीं रचता,बुद्धिमान लोग इतिहास पढ़ते हैं, इतिहास तो पागल लोग रचते हैं।
17. Passion वो चीज है, जिसके लिए आपको तनख्वाह ना दी जाए। फिर भी आप उसे करने के लिए तैयार रहते हो।
18. सपने देखने वालों के लिए रात छोटी पड़ जाती है। जबकि सपना पूरा करने वालों के लिए दिन छोटा पड़ जाता है।
19. TV आपको वो दिखाता है, जो वो दिखाना चाहते हैं।
20. अगर पहले prepare नहीं किया तो बाद में जिंदगी भर repair करते रहना।
21. अगर आप काम ना करने के बहाने ढूंढ सकते हो… तो काम करने के बहाने भी ढूंढ सकते हो।
22. जो भी आप काम करना चाहते हैं….क्या उस काम को करने के लिए अगर आपको पैसा नहीं मिले तो भी आप उस काम को करने के लिए तैयार है?
डॉ विवेक बिन्द्रा का व्यवहार- Behavior of dr. vivek bindra
डॉ विवेक बिंद्रा का व्यवहार बहुत अच्छा है। वह बहुत ही सरल स्वभाव के हैं। वह बहुत दयालु है। वह अपनी आय का कुछ भाग दान कर देते है। वह एक प्रतिभाशाली और हसमुख इंसान है। डॉ विवेक बिंद्रा सबसे प्यार से बात करते है और बड़े ही आराम से सबकी समस्याओ को सुलझाते है। वह चतुर ,सहनशील ,मेहनती व्यक्ति है। मैं भी इनसे एक बार एक सेमिनार में मिल चूका हूँ । मुझे इनसे मिलकर बहुत प्रशन्नता मिली। मैंने यह ब्लॉग उनसे प्रेरित हो कर ही बनाया है।
फ्रेंड्स ये थी डॉ विवेक बिंद्रा की सफलता की कहानी और डॉ विवेक बिंद्रा की जीवनी। इस लेख में कोई कमी हो या फिर कोई इनफार्मेशन गलत हो या कुछ ऐड करना हो तो कमेंट बॉक्स में बताये।
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मेरा नाम गोविन्द प्रजापत है। मैं talentkiduniya.com का फाउंडर हूँ। मुझे स्कूल के समय से ही हिंदी में लेख लिखने और अपने अनुभव को लोगो से शेयर करने में रूचि रही है। मैं इस ब्लॉग के माध्यम से अपनी नॉलेज को हिंदी में लोगो के साथ शेयर करता हूँ।
nice success story
really sir aapne bahut hi accha motivational artical likha hai
thanks brother
Nice motivational story
Thanks you for your feedback
Nice success story
Thanks you for your feedback