Virya kaise banta hai Aur Kitne din me banta hai ? :- Hello friends, आशा करता हूँ आप सब ठीक होंगे। आज मैं आपको एक ऐसे टॉपिक के बारे में बताऊंगा जिसके बारे में हर कोई सोचता है। अक्सर लोगो के मन में सवाल होता है कि वीर्य कैसे बनता है ?, वीर्य कितने दिन में बनता है ?, वीर्य को गाढ़ा कैसे करे ? वीर्य बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए ?, Virya kaise badaye ? ऐसे ही कुछ सवाल लोगो के मन में चलते रहते है। इसके बारे में लोग इंटरनेट पर भी बहुत सर्च करते है।
Virya kaise banta hai Aur Kitne din me banta hai ?
पुरुषों में प्रजनन के लिए वीर्य एक बहुत ही आवश्यक पदार्थ है। इसके बिना संतान की उत्पत्ति नहीं कर सकते है। यह एक बहुमूल्य तत्व है जो प्रजनन के लिए जरुरी होता है। लेकिन क्या आप जानते है कि वीर्य कैसे बनता है और कितने दिन में बनता है ? वीर्य पुरुषों के अंडकोष और अंग के मार्ग में मौजूद प्रोस्टेट, सैमाइनल वैसिकल और यूरेथल नामक ग्रंथियों से निकलने वाले रसों से बनता है। वीर्य में लगभग 60% सैमाइनल वैसिकल, 30% प्रोस्ट्रैट ग्रंथि का रिसाव और 10% अंडकोष में बने शुक्राणु यानी वीर्य उपस्थित होता है। पुरुष जनांग के अंडकोष यानी शुक्राशय में शुक्राणु बनते है। इसीलिए शुक्राणु बनने के लिए शरीर से कुछ कम तापमान की आवश्यकता होती है।
वीर्य क्या है ? Virya Kya Hai ?
वीर्य को सेमिनल फ्लुइड भी कहा जाता है। यह एक तरल पदार्थ होता है। इसमें शुक्राणु कोशिकाए होती हैं। यह मादा के अंडों को फर्टिलाइज (निषेचित) करने में सक्षम होता हैं। वीर्य में तरल पदार्थ भी होता हैं जो सेमिनल प्लाज्मा बनाने के लिए गठबंधन करता हैं। यह शुक्राणु कोशिकाओं को जीवित रखने में सहायक होता है। पुरुषों में स्पर्म कोशिकाएं टेस्टिस से बनती हैं। यह कुल वीर्य का लगभग 2 से 5% ही बनाते हैं। स्खलन के दौरान वीर्य निकलता है। सामान्य वीर्य की मात्रा 2 से 5 मिली प्रति स्खलन तक होती है।
वीर्य किस उम्र में बनना शुरू होता है ?
Virya kab banna shuru hota hai : – यह एक अच्छा सवाल हैं कि वीर्य किस उम्र में बनना शुरू होता है ? अक्सर यह सवाल लोगो के मन में आता रहता हैं – वीर्य कब बनता हैं ?, वीर्य कैसे बनता हैं ? शुक्राणु कैसे बनते हैं ? आइये जानते हैं इन सवालो का जवाब। 12 से 13 साल की उम्र में शुक्राशय में शुक्राणुओं का निर्माण शुरू हो जाता हैं। 17-18 साल की उम्र में इस प्रक्रिया में तेजी आ जाती है।
शुक्राणु अंडकोष से निकलकर इसके ऊपरी हिस्से में लगभग एक महीने तक सक्रिय रहकर इकट्ठा रह सकते हैं। शुक्राणुओं के बनने की पूरी प्रक्रिया में लगभग 72 दिन का समय लग जाता है। यानि कि शुक्राणु किशोरवस्था से बनना शुरू होते हैं और जिंदगीभर बनते रहते हैं। शुक्राणुओं के निर्माण में हमारे मस्तिष्क के पिट्यूटरी ग्रंथि, FSH हार्मोन व टैस्टीज से निकले टैस्ट्रोस्ट्रान हार्मोन आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए इन हार्मोन्स की कमी होने पर शुक्राणु नहीं बन पाते हैं।
वीर्य बनने में कितने दिन लगते हैं ?
पुरुषों का शरीर लाखों सूक्ष्म शुक्राणुओं का उत्पादन करने के लिए लगातार काम करता रहता हैं। हर शुक्राणु का एकमात्र उद्देश्य डिंब की ओर तैरकर आना और उसमें मिल जाना होता है। शुक्राणुओं के बनने का समय शुरू से अंत तक देखे तो एक नये शुक्राणु कोशिका के बनने में लगभग 2-3 महीनों का समय लग जाता है। एक औसत शुक्राणु का औसत उम्र पुरुषों के शरीर में केवल कुछ ही हफ्तों का होता है।
हरेक वीर्यपात के साथ कम से कम चार करोड़ शुक्राणु बाहर आते हैं। महिलाओं में ओव्यूलेशन को नियंत्रित करने वाले हॉर्मोन ही पुरुषों में वीर्य के निर्माण की प्रक्रिया को उत्तेजित करते हैं। पुरुषों में शुक्राणुओं के उत्पादन के लिए टेस्टोस्टीरोन हॉर्मोन ही जिम्मेदार होता है। शुक्राणुओं का निर्माण वीर्यकोष में ही शुरू होता है।
वीर्यकोष लिंग के नीचे अंडकोषीय थैली में दो ग्रंथियां में होते हैं। वीर्यकोष शरीर के बाहर लटके होते हैं। क्योंकि ये तापमान के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। स्वस्थ शुक्राणुओं के निर्माण के लिए अंडकोष का तापमान 34 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। यह शरीर के सामान्य तापमान से लगभग 4 डिग्री अधिक ठंडा होता है।
वीर्य कैसे बनता है ? Virya kaise banta hai ?
सेमिनल वेसिकल मूत्राशय के नीचे और वास डेफेरेंस के बगल में स्थित कॉएल्ड ग्लैड्स की एक जोड़ी होती है। यहां से वीर्य का 70% भाग बनता है। वेसिकल से निकलने वाले द्रव में प्रोटीन, एस्कॉर्बिक एसिड, अमीनो एसिड, फॉस्पोरस, पोटेशियम, एल-कार्निटाइन, अन्य पोषक तत्व होते हैं। लेकिन यह मुख्य रूप से फ्रक्टोज़ शुगर से बना होता है। यह शुक्राणुओं को ऊपर की ओर यात्रा करने के लिए आवश्यक ऊर्जा देता है।
इसके अलावा प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने स्थित होती है। इससे उत्सर्जित द्रव से लगभग 25% वीर्य बनता है। प्रोस्टेट से निकलने वाला द्रव एसिड फॉस्फेट, सिट्रिक एसिड, कैल्शियम, जिंक और मैग्नीशियम से बना होता है। इनमें से जिंक सबसे प्रचुर और सबसे महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि यह शुक्राणु के DNA को स्थिर करने में सहायक होता है। यहीं से वीर्य को अपना रंग और स्वाद मिलता है
जब एक पुरुष को यौनक्रिया के लिए उत्तेजित किया जाता है, तो शुक्राणु वीर्य बनाने के लिए वीर्य द्रव के साथ मिश्रित होते हैं। एक सफेद तरल जो वीर्य पुटिकाओं और प्रोस्टेट ग्रंथि द्वारा निर्मित होता है। उत्तेजना के दौरान वीर्य को मूत्रमार्ग के माध्यम से लिंग से बाहर धकेल दिया जाता है। इस दौरान 500 मिलियन तक शुक्राणु बाहर निकलते हैं।
वीर्य को गाढ़ा कैसे करें ?
अत्यधिक हस्तमैथुन करने से या गलत खान-पान से वीर्य पतला हो जाता हैं। आज के टाइम में कई लोगों को यह समस्या हैं। जिसका समाधान जल्दी से नहीं हो पाता हैं। कुछ लोग गलत तरीके से इस समस्या को सुलझाना चाहते हैं, जिसका परिणाम हानिकारक होता हैं। लेकिन आप इस तरह की समस्या को अपनी लाइफ-स्टाइल को बदलकर भी ठीक कर सकते हैं। आइये जानते हैं अपनी लाइफ-स्टाइल को बदलकर वीर्य को गाढ़ा कैसे करें ?
धूम्रपान व शराब का सेवन न करें
लगातार धूम्रपान करने से और शराब का सेवन करने से शुक्राणुओं की संख्या में कमी आती हैं। तंबाकू या अन्य नशीले पदार्थो का सेवन करने से वीर्य पतला हो जाता हैं। साथ ही शुक्राणुओं की संख्या भी कम हो जाती हैं। यदि आप अपना वीर्य गाढ़ा करना चाहते हैं तो नशीले पदार्थो का सेवन करना बंद कर दे। अत्यधिक शराब और नशीली दवाओं के सेवन से बचें।
पर्याप्त नींद ले और योगा करें
अपर्याप्त नींद और अधिक मोटापे से भी वीर्य पतला पड़ जाता हैं। योगा करके और मोटापे को कम करके आप अपना वीर्य गाढ़ा कर सकते हैं। साथ ही एक अच्छी नींद लेने से भी यह समस्या दूर हो जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में वृद्धि हो सकती हैं।
ज्यादा दवाओं के सेवन से बचें
कुछ दवा ऐसी होती हैं जो शुक्राणुओं के उत्पादन और विकास को अस्थायी रूप से कम कर देती हैं। जैसे एनाबॉलिक स्टेरॉयड दवा बंद करने के बाद 1 साल तक शुक्राणुओं की संख्या को प्रभावित कर सकती है। यदि को दवा शुक्राणुओं की संख्या को कम कर रही है या प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर रही है, तो उसे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
कुछ एंटीबायोटिक्स, एंटी-एण्ड्रोजन, सूजन रोधी दवा, मनोविकार नाशक दवा, अफीम, एंटीडिप्रेसेंट, पूरक टेस्टोस्टेरोन, मेथाडोन, ये कुछ ऐसी दवाएं हैं जो पुरुषो में शुक्राणुओं की संख्या को कम कर सकती हैं। ख़राब शुक्राणुओं के उपचार के लिए मेथी का सेवन करना चाहिए। यह शुक्राणुओं की संख्या में सुधार कर सकती हैं। मेथी के बीज से विकसित किए गए पेटेंट-लंबित यौगिक फ़्यूरोसैप ने समग्र वीर्य की गुणवत्ता और शुक्राणुओं की संख्या में काफी सुधार किया हैं।
अश्वगंधा का सेवन करें
वीर्य को गाढ़ा बनाने के लिए अश्वगंधा एक अच्छा उपाय हैं। इसके सेवन से पुरुषो में प्रजनन क्षमता बढ़ती हैं। अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक औषधि हैं, जिसका उपयोग प्राचीन समय से किया जा रहा हैं। यह कई आयुर्वेदिक औषधियों में प्रयुक्त की जाती हैं। अश्वगंधा का उपयोग करने वाले पुरुषो में शुक्राणुओं की संख्या में 67% की वृद्धि देखी गई। अश्वगंधा का सेवन कैसे करें और अश्वगंधा के फायदे जानने के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
सफ़ेद मूसली का सेवन करें
सफ़ेद मूसली एक अच्छा विकल्प हैं। इससे कामोतेजना बढ़ती हैं। साथ ही वीर्य की मात्रा भी बढ़ती हैं और शुक्राणुओं में काफी बढ़ोतरी होती हैं। वीर्य के उपचार के लिए एक यह एक अच्छी औषधि हैं। सेक्सुअल कमजोरी को दूर करने के लिए और सेक्स स्टैमिना बढ़ाने के लिए आप सफ़ेद मूसली का सेवन कर सकते हैं। सफ़ेद मूसली का सेवन कैसे करें और सफ़ेद मूसली के फायदे जानने के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
सफ़ेद मूसली के फायदे,नुकसान और उपयोग पुरुषो और महिलाओं के लिए
अधिक एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाना खाये
वीर्य की मात्रा और उसका स्वास्थ्य आपके खान-पान पर भी निर्भर करता हैं। कई विटामिन और खनिज एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करते हैं। एंटीऑक्सिडेंट युक्त खाना खाने से शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि होती हैं। बीटा कैरोटीन, बीटा-क्रिप्टोक्सैंथिन, ल्यूटिन, विटामिन सी, विटामिन डी जैसे एंटीऑक्सिडेंट का सेवन करके आप वीर्य को गाढ़ा कर सकते हैं।
स्वस्थ वसा का सेवन करें
शुक्राणु झिल्ली के स्वस्थ विकास के लिए पॉली अनसैक्चुरेटेड फैट बहुत जरुरी है। इस तरह की वसा में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 पाया जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड के पूरक वाले बांझपन से ग्रसित पुरुषों में शुक्राणुओं की गतिशीलता और एकाग्रता में महत्वपूर्ण सुधार करता हैं।हानिकारक वसा का सेवन कम करें। हानिकारक वसा का सेवन करने से शुक्राणुओं की संख्या मे कमी होती हैं।
सोया और एस्ट्रोजेन युक्त खाना न खाये
कुछ खाद्य पदार्थ जैसे सोया उत्पादों में प्लांट एस्ट्रोजन होता है। यह टेस्टोस्टेरोन बंधन और शुक्राणुओं की संख्या मे कमी कर सकता है। पुरुषों के वीर्य में एस्ट्रोजन की उच्च सांद्रता का मतलब हैं – कम गुणवत्ता वाला शुक्राणु होना। एस्ट्रोजेन के सिंथेटिक रूप कई डिब्बाबंद और प्लास्टिक उत्पाद में भी उच्च मात्रा में पाया जाता है।
वीर्य की भूमिका
शुक्राणु के निर्मित हो जाने के बाद यह दोनों वीर्यकोषों के अधिवृषण में इकट्ठा हो जाता है। अधिवृषण एक 6 मीटर लंबी लच्छेदार नलिका होती है। वीर्य के निकलने से ठीक पहले शुक्राणु ऊपर की तरफ आकर वीर्य में मिल जाते हैं। वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या लाखों में होती है लेकिन प्रत्येक वीर्यपात में केवल एक शुक्राणु ही हर अंडे को निषेचित कर सकता है।
वीर्य में मौजूद शुक्राणु ही आपके शिशु का लिंग निर्धारण करते हैं और यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका कौन-सा शुक्राणु पहले डिंब से मिलता है। Y गुणसूत्र वाले शुक्राणु से बेटे का जन्म होगा और X गुणसूत्र वाले शुक्राणु से बेटी का जन्म होता है।
वीर्य और शुक्राणु से जुड़े रोचक तथ्य
- वीर्य का एक स्खलन लगभग आधा चम्मच होता है, जिसमें लगभग 500 मिलियन शुक्राणु (स्पर्म) होते हैं।
- शुक्राणु योनि के अंदर 5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं।
- पुरुष का शरीर प्रति सेकंड लगभग 1500 शुक्राणु बनाता है।
- मेनोपॉज के बाद महिलाओं में अंडे बनना बंद हो जाते हैं, लेकिन पुरुषों में आखिरी सांस तक शुक्राणु बनते रहते हैं।
- वीर्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें न केवल प्रजनन करने वाली शुक्राणु कोशिकाएं होती हैं, बल्कि फ्रक्टोज, अमीनो एसिड, एंजाइम, सिट्रिक एसिड, प्रोटीन, फॉस्फोरिलकोलिन, विटामिन सी, जिंक, मैग्नीशियम, फॉस्पोरस, पोटेशियम, विटामिन B-12, नाइट्रोजन और कैल्शियम भी होते हैं।
- कुछ महिलाओं को वीर्य से एलर्जी भी होती है। उस एलर्जी को सेमिनल प्लाज्मा हाइपरसेंसिटिविटी कहा जाता है। योनि क्षेत्र में लालिमा, सूजन, खुजली और जलन इसके कुछ लक्षण हैं।
क्या वीर्य और शुक्राणु एक ही चीज़ हैं ?
नहीं, वीर्य और शुक्राणु एक दूसरे से बिलकुल अलग हैं। शुक्राणु एक सूक्ष्म कोशिका है जो वीर्य का एक भाग है। शुक्राणु नंगी आंखों से दिखाई नहीं देते हैं और सेक्स के दौरान महिला के शरीर के अंदर अंडे को निषेचित करते हैं। जबकि वीर्य एक तरल पदार्थ है जिसमें स्पर्म कोशिकाएं होती हैं। यह सफेद, पीले या हल्के भूरे रंग का गाढ़ा और चिपचिपा तरल पदार्थ होता है जो लिंग से बाहर निकलता है।
क्या वीर्य की मात्रा बढ़ाया जा सकता है ?
गोलियों को पॉप करके वीर्य की मात्रा बढ़ाने का शायद कोई तरीका नहीं है। इसके अलावा, अधिकांश पुरुष अपने वास्तविक वीर्य की मात्रा को भी माप नहीं सकते। कुछ डॉक्टर बताते है कि पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ के सेवन वीर्य की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन यह वृद्धि भी सामान्य सीमा के अंदर ही होती है।
शुक्राणु से महिला कैसे प्रेगनेंट होती है ?
सेक्स के दौरान योनि के अंदर वीर्य का स्खलन होने से महिला प्रेगनेंट हो सकती है। वीर्य में लाखों शुक्राणु होते हैं लेकिन किसी भी महिला को प्रेगनेंट करने के लिए केवल एक शुक्राणु ही काफी होता हैं। जब शुक्राणु योनि के द्वारा गर्भाशय में प्रवेश करता है, तो यह गर्भाशय ग्रीवा और गर्भ के माध्यम से फैलोपियन ट्यूब तक जाता है।
वहां यह अंडाशय से निकले मैच्योर अंडे या डिंब से मिलता है। पीरियड्स शुरू होने से 12-16 दिन पहले ओव्यूलेशन होता है। इस दौरान अंडाशय एक या एक से अधिक अंडे छोड़ते हैं। इसीलिए जब महिला ओवुलेट कर रही होती है या ओव्यूलेट होने वाली होती है, तो उस दौरान गर्भधारण की संभावना अधिक होती है।
निष्कर्ष
इस लेख में वीर्य के बारे में बताया गया है। यदि आप आपका virya पतला पड़ गया है तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह ले। इस लेख में Virya निर्माण के बारे में बताया गया है। आपको यह लेख कैसा लगा, comment box में अपने विचार बताये। उम्मीद करता हूँ आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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मेरा नाम गोविन्द प्रजापत है। मैं talentkiduniya.com का फाउंडर हूँ। मुझे स्कूल के समय से ही हिंदी में लेख लिखने और अपने अनुभव को लोगो से शेयर करने में रूचि रही है। मैं इस ब्लॉग के माध्यम से अपनी नॉलेज को हिंदी में लोगो के साथ शेयर करता हूँ।