सफ़ेद मूसली एक भारतीय औषधि है जिसका आयुर्वेद में बखूबी विवरण मिलता है अर्थात आयुर्वेद में सफ़ेद मूसली को स्वास्थय वर्धक माना गया है। प्राचीन समय से ही इसका उपयोग अनेक रोगो व पौरुषत्व को बढ़ाने में किया गया है। क्या आप जानते है सफ़ेद मूसली के फायदे,नुकसान,उपयोग क्या क्या होते है। इसमें कौन कौन से पोषक तत्व होते है ? इसका उपयोग कैसे किया जाता है। हम सफ़ेद मूसली कैसे और कितनी मात्रा में खा सकते है ? यदि आप सफ़ेद मूसली के फायदे के बारे में जानना चाहते है तो आपको यह लेख पूरा पढ़ना होगा। यहाँ मै आपको सफ़ेद मूसली के पूरी जानकारी दूँगा। एक्चुअली सफ़ेद मूसली का उपयोग मैंने खुद भी किया है। इसीलिए मै यहाँ अपना पर्सनल अनुभव भी आपके साथ शेयर करूँगा मुझे इसके अमेजिंग फायदे मिले थे। आइये जान लेते है सफ़ेद मूसली के फायदे नुकसान बारे में। लेकिन इससे पहले हम जान लेते है कि सफ़ेद मूसली क्या होती है ? इसमें कौन कौन से पोषक तत्व होते है।
सफ़ेद मूसली क्या होती है ?
सफ़ेद मूसली एक प्राकृतिक भारतीय जड़ी-बूटी है। जिसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। सफ़ेद मूसली एक जंगली पौधा होता है। परन्तु इसके आयुर्वेदिक फायदे होने के कारण इसका व्यापारिक स्तर पर खेती की जाती है। यह एक प्रकार से नगदी फसल है। इसमें सफ़ेद रंग के फूल आते है। इसके बीज और जड़े भी आयुर्वेद में अनेक औषधियों के निर्माण में काम आती है। इसकी जड़े गुच्छे के रूप में होती है। यह दुर्लभ जड़ी-बूटी है। जिसका उपयोग यौन स्वास्थय व वियाग्रा जैसी दवाईयाँ बनाने में किया जाता है।अतः यह प्रजाति धीरे धीरे लुप्त हो रही है। इसीलिए इसे दुर्लभ औषधियों में रखा गया है।
सफ़ेद मूसली का प्राचीन समय से ही पुरुर्षों में सेक्स पावर बढ़ाने ,नपुसंकता दूर करने,व अन्य यौन विकारो को दूर करने और महिलाओ में ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने में इसका उपयोग किया जाता है। इसीलिए सफ़ेद मूसली को आयुर्वेद में वाइट गोल्ड या दिव्य औषधि के रूप में जाना जाता है। कई वर्षो पहले आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों तथा उनके औषधीय गुणों पर एक ग्रंथ लिखा गया था – राज निघंटु। इस ग्रंथ में सबसे पहले सफ़ेद मूसली के बारे में ही लिखा गया था।
सबसे मजेदार बात यह है कि यह औषधि केवल भारत में ही पायी जाती है। किसी अन्य देश में इसकी खेती नहीं होती है। इसीलिए यह पुरे विश्व में प्रसिद्ध भारतीय आयुर्वेदिक औषधि है। वियाग्रा के निर्माण में इसका उपयोग होता है। परन्तु वियाग्रा के बहुत सारे दुष्परिणाम ( साइड इफेक्ट्स ) होते है। इसीलिए वियाग्रा के स्थान पर सफ़ेद मूसली खाना एक अच्छा फायदेमंद होता है। इसका किसी प्रकार का साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। साथ में इसके सेवन से अनेक लोगो के निदान में भी सहायता मिलती है। और अब विज्ञानं भी आयुर्वेदिक औषधी के फायदों को अपनाने लगा है।
सफ़ेद मूसली के आयुर्वेदिक गुण
सफेद मूसली की जड़ें गुच्छेदार होती है। इसमें फूल होते है जो आयुर्वेद के अनुसार एक रामबाण औषधि के रूप काम आते है। अतः सफ़ेद मूसली के फूल, जड़े व बीज का उपयोग औषधि के रुप में अनेक रोगो के निदान में किया जाता है। इसमें अनेक गुणकारी पोषक तत्व होते है। जो शारारिक दक्षता बढ़ाने का काम करते है। सफेद मूसली का उपयोग ज्यादातर सेक्स पावर बढ़ाने,नपुंसकता दूर करने,आर्थराइटिस,कैंसर, डायबिटीज (मधुमेह),जैसी समस्याओ को दूर करने में किया जाता है। यह शाररिक कमजोरी दूर करने में सक्षम एक प्रसिद्ध भारतीय आयुर्वेदिक औषधि है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी का गुण होते हैं। इसमें सेक्स हार्मोन को बढ़ाने का शक्तिशाली गुण होता है। यह टेस्टोस्टोरेन हार्मोन के स्तर को बढ़ाकर सेक्स स्टैमिना को मजबूत बनाता है । आयुर्वेद में मूसली का यूज़ ब्रिहाना थेरेपी में किया जाता है। डाइबिटीज़,ऑस्टियो,आर्थराइटिस, मांसपेशियों की कमजोरी दूर करने में, थकान, बॉडी बिल्डिंग आदि बीमारियों के उपचार में किया जाता है।
सफ़ेद मूसली में कौन कौन से पोषक तत्व होते है ?
पोषक तत्व वो होते है जो शरीर के विकास के लिए जरुरी होते है। जो शरीर को मजबुत बनाते है और रोगो से लड़ने की ताकत देते है। सफ़ेद मूसली में भी कुछ पोषक तत्व होते है जो शरीर स्टैमिना को बढ़ाते है। आयुर्वेद की माने तो सफ़ेद मूसली की जड़े ज्यादा गुणकारी होती है। साथ में इसके बीजो का भी बहुत ज्यादा फायदा है। सफ़ेद मूसली की जड़े विटामिन व खनिज पदार्थो से भरपूर होती है। इसकी जड़ो में फाइबर,कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन,सैपोनिंस,कैल्शियम,मैग्नीशियम,पोटैशियम,जिंक,आदि खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते है।
सफ़ेद मूसली के पोषक तत्व Nutrition Value
कार्बोहाइड्रेट 35-45%
प्रोटीन 5-10%
फाइबर 25-35%
सेपोनिन्स 2-6 %
एक्लॉइड 15-25%
सफ़ेद मूसली के अन्य नाम
सफ़ेद मूसली को अलग अलग भाषा में अलग अलग नाम से जाना जाता है। आइये जानते है सफ़ेद मूसली के अन्य कौन कौन से नाम है
सफ़ेद मूसली in Hindi – श्वेत मूसली
सफ़ेद मूसली in Sanskrit- बल्यकंदा, धवलमूली
सफ़ेद मूसली in marathi- कुलई
सफ़ेद मूसली in Malayalam- सहेदेवेली
सफ़ेद मूसली in Telugu- श्र्वेत मूसली
सफ़ेद मूसली in English- इंडियन स्पाईडरी प्लांट
सफ़ेद मूसली in Arabic- शुकाकुले हिंदी
सफ़ेद मूसली in Persian- शुकाकुल
सफ़ेद मूसली in Tamil – तनीरवीथंग
सफ़ेद मूसली in gujarat- सफेद मूसली
सफ़ेद मूसली in Urdu- मूसली सफेद
सफ़ेद मूसली in Kannada- श्र्वेत मूसली
पुरुषो और महिलाओं के लिए सफ़ेद मूसली के फायदे
पुरुषो और महिलाओं में इसके फायदे कुछ सीमा तक समान होते है तथा महिलाओं में कुछ अलग तरह से भी कम करती है। आइये जान लेते है पुरुषो और महिलाओं में सफ़ेद मूसली के फायदे।
पुरुषो के लिए सफ़ेद मूसली के फायदे
सफ़ेद मूसली एक भारतीय आयुर्वेदिक औषधि है जो केवल इण्डिया में ही पायी जाती है। पुरुषो में इसके बहुत से फायदे होते है आइये जानते है
1. सेक्स पावर बढ़ाने में (सफ़ेद मूसली के फायदे ) –
आजकल की युवा पीढ़ी को स्मोकिंग, एल्कोहॉल, फ़ास्ट फ़ूड,ऑयली खाना खाना पसंद है। जिससे बॉडी को नुकसान पहुँचता है। जिसके परिणामस्वरूप लिंग में ब्लड का प्रवाह सही से नहीं हो पाता है। और सेक्स पावर कम हो जाती है। इस वजह से पुरुष अपनी महिला पार्टनर को चरम सुख नहीं दे पाते है। जिसकी वजह से रिलेशनशिप ख़राब हो जाता है। ऐसे विकारो को दूर करने का सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपाय सफ़ेद मूसली है जिसके किसी प्रकार के साइड इफेक्ट्स नहीं है। सफ़ेद मूसली टेस्टोस्टोरेन हार्मोन्स के स्तर को बढ़ाती है। जो लिंग की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। साथ ही यह शुक्राणुओं की मात्रा को भी बढ़ाता है। इसके सेवन से सेक्स इच्छा में बढ़ोतरी होती है। अतः सफ़ेद मूसली के सेवन आप अपनी सेक्सुअल लाइफ को आनंदमय बना सकते हो।
2. स्वपनदोष ( Nightfall ) के उपचार में सफ़ेद मूसली का उपयोग –
वैसे यह समस्या आमतौर पर सबको होती है। परन्तु यह उन लोगो में ज्यादा देखने को मिलती है जिनका ध्यान ज्यादातर पोर्न चीजों के तरफ होता है। यदि नाईट फॉल सप्ताह में 4 -5 बार होता है तो यह एक गंभीर समस्या हो सकता है। आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा आप सफ़ेद मूसली के सेवन इसे कुछ हद तक कम कर सकते हो। आपको बता दे नाईट फॉल सबको होता है इसे रोका नहीं जा सकता है। परन्तु नाईट फॉल के बाद जो कमजोरी शरीर में आती है उसे आप सफ़ेद मूसली के सेवन से दूर क्र सकते है।
3. नपुंसकता के उपचार में सफ़ेद मूसली का उपयोग –
जिन लोगो में शुक्राणुओं की कमी और वीर्य की गुणवत्ता कमजोर होती है उन लोगो में नपुंसकता देखने को मिलती है। सफ़ेद मूसली के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। सफ़ेद मूसली में वीर्य की गुणवत्ता सुधारने व शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और वीर्य का उत्पादन करने की क्षमता होती है। यदि आप इसके साथ में शतावरी , कौंच का भी सेवन करते है तो इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।
4. शुक्राणुओं की संख्या तथा गुणवत्ता में सफ़ेद मूसली का उपयोग –
अभी तक इस बात की वैज्ञानिक स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है कि यह शुक्राणु बढ़ाने व उसकी गुणवत्ता सुधारने में प्रयोग किया जाता है। परन्तु कुछ विशेषज्ञों के अनुसार सफेद मूसली शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने तथा गुणवत्ता के सुधर में यह काम करती है।
5. शीघ्रपतन के उपचार में (सफ़ेद मूसली के फायदे ) –
आजकल कि युवा पीढ़ी में यह समस्या भी आम हो गयी है। सेक्स के दौरान वीर्य का समय से पहले निकलना अर्थात शीघ्रपतन बहुत लोगो की की प्रॉब्लम बन गयी है। लज्जा की वजह से लोग डॉक्टर के पास नहीं जाते है। और ऑनलाइन नेट पर इसका इलाज खोजते है। ऐसे लोगो के लिए शिलाजीत एक रामबाण इलाज है। जिसका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है। यह तरीका मैंने भी यूज़ किया है मुझे इसका 100 % परिणाम मिला है।
6. आर्थराइटिस के इलाज में सफ़ेद मूसली के लाभ –
जंक फ़ूड व रिफाइंड ऑयल के यूज़ से और तेल में तली हुई चीजे खाने से हड्डीके जॉइंट से चिकनाई खत्म होने लगती है। जिसे जोडो मे दर्द होने लगता है। आजकल ये समस्या 35 की उम्र पर करते ही ज्यादातर लोगो में देखने को मिलती है। इस प्रकार की समस्या आर्थराइटिस कहलाती है। ये बीमारी बुजुर्गो में ज्यादा देखने को मिलती है।अतः सफेद मूसली के सेवन से आर्थराइटिस में होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन से छुटकारा पाया जा सकता है।
7. डाइबिटीज़ के उपचार में ( सफ़ेद मूसली के लाभ )
डाइबिटीज़ एक गंभीर समस्या हो गयी है। डॉक्टर्स इस बीमारी पर लगातार रिसर्च कर रहे है। परन्तु इसका अभी तक स्थायी इलाज नहीं मिला है। सफ़ेद मूसली में कुछ ऐसे गुण होते है जो डाइबिटीज़ को नियंत्रित करते है। सफ़ेद मूसली इन्सुलिन के उत्पादन को बढ़ाती है और साथ में ब्लड में शुगर को कंट्रोल करती है। अतः सफ़ेद मूसली के सेवन से इसे काफी कंट्रोल में किया जा सकता है। यदि डाइबिटीज़ मरीज सफ़ेद मूसली का यूज़ करते है तो उन्हें सेक्स करने में काफी आसानी रहती है।
8. वजन कम करने में सफ़ेद मूसली के फायदे –
जंक फ़ूड की वजह से बहुत से लोग आज मोटापे का शिकार हो गए है। सफ़ेद मूसली की सहायता से आप शरीर में बड़ी हुई अतिरिक्त चर्बी को कम कर सकते है इसका सेवन करने से भूख कम लगती है। और यह शरीर को भरपूर ऊर्जा प्रदान करती है। अतः यह बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में उपयोगी है। वजन को कम करने के लिए हलके गर्म पानी में इसका सेवन करना चाहिए। और वजन को बढ़ाने के लिए हल्के गर्म दूध में इसका सेवन करना चाहिए।
9. बॉडी बिल्डिंग में सफ़ेद मूसली का लाभ –
आजकल बॉडी बिल्डिंग का चस्का सभी को लगा है। हर कोई एक अच्छी बॉडी और फिट शरीर चाहता है। यदि आप जिम करने के बाद इसका सेवन करते है। तो यह शारीरिक कमजोरी को दूर करके आपके शरीर को मजबूत बनाती है। यह शरीर में एक सप्लीमेंट की तरह कार्य करती है। इसकी सहायता से आप एक सुडोल और फिट बॉडी के मालिक बन सकते है।
10. इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने के लिए सफ़ेद मूसली के फायदे –
प्राचीन समय में लोगो के इम्युन सिस्टम बहुत मजबूत हुआ करते थे उस समय उन लोगो का खाना एकदम शुद्ध हुआ करता था। उनके खाने में किसी प्रकार की मिलावट नहीं हुआ करती थी। वे लोग बीमार बहुत कम होते थे। परन्तु आजकल का खाना मिलावटी पूर्ण हो गया है। लोग जंक फ़ूड का उपयोग ज्यादा करने लगे है। जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गयी है। ऐसे लोग जल्दी बीमार हो जाते है। ऐसे लोगो को सफ़ेद मूसली का सेवन करना चाहिए। यह इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाने में सहायक होती है।
11. मूत्र संबंधी रोगों के उपचार में सफ़ेद मूसली का लाभ-
अधिक चटपटा खाना खाने से मूत्र सम्बंधित विकार पैदा हो जाते है। बार बार पेशाब जाना , पेशाब करते समय मूत्र नलिका में जलन होना। ऐसे विकारो को दूर करने के लिए सफ़ेद मूसली का यूज़ किया जा सकता है।
12. मानसिक तनाव को दूर करने में –
आजकल लोग ज्यादा काम की वजह से डिप्रेशन में रहते है। जो लोग मानसिक तनाव से ग्रस्त है उन लोगो को सफ़ेद मूसली का यूज़ करना चाहिए। कुछ वैज्ञानिक रिसर्च से पता चला है की इसमें मानसिक तनाव को कम करने वाले गुण होते है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है।
महिलाओं के लिए सफ़ेद मूसली के फायदे –
13. महिलाओं के श्वेत पदर रोग के उपचार में
ल्यूकोसफेद पानी की समस्या महिलाओं में एक आम विकार है। यह समस्या किसी भी महिला को हो सकती है। ल्यूकोरिया में महिला के गुप्तांग से एक सफ़ेद तरल पानी निकलता है। जिसमे एकरिया या अजीब बदबू आती है। वैसे तो डॉक्टर्स के पास इसका इलाज है परन्तु आप सफ़ेद मूसली के सेवन से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है। ल्यूकोरिया की समस्या में यह बहुत फायदेमंद होती है। यह कुछ ही दिनों इस समस्या से निजात दिला देती है।
14. गर्भावस्था में सफ़ेद मूसली के फायदे –
गर्भावस्था का समय महिलाओं के लिए बहुत सावधानी बरतने वाला समय होता है। इस दौरान महिलाओं को अपने खाने पीने का विशेष ध्यान रखें होता है। क्योकि शिशु का विकास महिला के खान पान पर ही निर्भर करता है। सफ़ेद मूसली के सेवन के बहुत फायदे होते है। यह माता व बच्चे दोनों को स्वस्थ रखता है। शिशु के विकास के लिए जितने खनिज व विटामिन्स चाहिए होते है वो इससे प्राप्त हो जाते है। प्रसव के बाद भी यह काफी फायदेमंद होती है। यह शिशु जन्म के बाद आयी कमजोरी को दूर करने में भी सहायक होती है। इस अवस्था में इस औषधि का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करे।
15. बांझपन और नपुंसकता में सफेद मूसली का उपयोग-
एक महिला के लिए बाँझपन होना जिन्दालाश होने के समान होता है। समाज में यूज़ अनेक तने सुनने पड़ते है। यही स्थति पुरुष के साथ भी होती है। वह भी नपुंसकता का शिकार हो सकता है। आयुर्वेद में प्राचीन समय से ही इसका उपचार रहा है। आयुर्वेद में बहुत सी जड़ी-बूटियां है जिनके सेवन से बांझपन और नपुंसकता से छुटकारा पाया जा सकता है। सफ़ेद मूसली भी इनमे से एक औषधि है , जिसका उपयोग गर्भधारण के लिए किया जा सकता है। चूहों पर किये गए शोध से पता चला है की सफ़ेद मूसली में एंटीऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है। जो प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके अलावा यह शुक्राणुओं की संख्या को भी बढ़ाता है।
16. ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने में सफ़ेद मूसली का उपयोग –
शिशु जन्म के बाद कई महिलाओं के स्तनों में दूध का निर्माण नहीं होता है। जो की शिशु पालन के लिए जरुरी होता है। यदि डॉक्टर की सलाह से इस अवस्था में सफ़ेद मूसली का सेवन किया जाये तो स्तनों में दूध का निर्माण होने लगता है। ब्रॉउन शुगर या जीरे के साथ इसका सेवन करने से अधिक मात्रा में ब्रैस्टमिल्क का निर्माण होता है।
17. मासिक धर्म को संतुलित करने में सफ़ेद मूसली का उपयोग-
जिन महिलाओं में कमजोरी होती है उनके मासिक धर्म असंतुलित होने का खतरा रहता है। इस दौरान महिलाओं को पेट दर्द , ऐंठन, भारी रक्त स्राव से गुजरना पड़ता है। अतः सफ़ेद मूसली के सेवन से पेट दर्द , ऐंठन, भारी रक्त स्राव को कम किया जा सकता है। साथ ही इसके सेवन से गर्भधारण की सम्भावना को बढ़ाया जा सकता है। इसके सेवन से गर्भाशय को मजबूत व स्वस्थ रखने में सहायता मिलती है।
18. यूरिन की समस्या को दूर करने में –
यूरिन मार्ग में जलन या दर्द कई महिलाओं को यह समस्या रहती है। ऐसा कम पानी पीने या ख़राब जीवन शैली की वजह से हो सकती है। सफ़ेद मूसली के सेवन से इसका समाधान किया जा सकता है। इलायची वाले दूध में इसका सेवन करने से इस समस्या से रहत मिलती है। अतः सफ़ेद मूसली के सेवन से महिलाओं में यूरिन से सम्बंधित समस्याओ को दूर किया जा सकता है।
19 स्त्रिगुप्त रोगो के उपचार में –
आजकल सभी महिलाओं को किसी न किसी समस्या से गुजरना पड़ता है। महिलाओं में इस तरह के विकार उत्पन होना आम हो गया है। गुप्तांगो के स्वास्थय के लिए आप सफ़ेद मूसली का सेवन कर सकते हो। इसके सेवन से सेक्सुअल समस्याओ से छुटकारा पाया जा सकता है। इसमें ऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व होते है जो यौन स्वास्थय को ठीक करते है। ।
Also read :- शिलाजीत खाने के फायदे और नुकसान-Benefitis and side effects of shilajit
20 महिलाओं के लिए सफ़ेद मूसली के अन्य फायदे –
प्राचीन समय से ही महिलाओं को शिशु जन्म के बाद उनके बॉडी में आयी कमजोरी ठीक करने लिए कुछ न कुछ पौष्टिक आहार देते थे। जिसे माता व बच्चे दोनों स्वस्थ है। यदि आप सफ़ेद मूसली का सेवन करते है तो आपको अनेक पोषक तत्व व विटामिन्स मिलत्ते है। ब्रेस्टमिल्क में बढ़ोतरी होती है। यह औषधि महिलाओं के लिया बहुत ही गुणकारी व स्वास्थय लाभदायक है। सफेद मूसली में मौजूद खनिज पदार्थ रक्त उत्पादन की क्षमता को उत्तेजित करने में सहायता करते हैं। सफेद मूसली में जिंक, मैग्नीशियम , कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होती है जो रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ्य रखता है और उचित रक्त प्रवाह में मदद करता है।
जब बॉडी की चयापचय क्रियाएं कमजोर हो जाती है तो बॉडी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसका मुख्य कारण मानसिक तनाव तथा कम नींद लेना है। जिससे चयापचय क्रियाएं कमजोर जाती है। महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हार्मोन्स बदलने लगते है। इस तरह हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव के कारण मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। जिससे बॉडी में पोषक तत्वो का अवशोषण कम हो जाता है। सफ़ेद मूसली के सेवन से इन सब का उपचार किया जा सकता है। महिलाओं के लिए इसके बहुत सारे फायदे है।
इसके अलावा सफ़ेद मूसली के सेवन से महिलाओं की सेक्सुअल लाइफ में भी सुधार किया जा सकता है।
सफ़ेद मूसली के नुकसान
वैसे तो सफ़ेद मूसली एक आयुर्वेदिक औषधि है। अतः इसके किसी प्रकार के साइड इफेक्ट्स नहीं है। आप यह तो जानते ही है यह कि किसी चीज की ज्यादा मात्रा बॉडी को नुकसान पहुँचा सकती है। यदि आप सफ़ेद मूसली की ज्यादा मात्रा यूज़ करते है तो आपको इसके कुछ नुकसान भी झेलने पड़ सकते है। आइये जानते है इसके क्या क्या नुकसान हो सकते है।
1 यदि आपको कफ आने की समस्या है तो आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए। चूँकि सफेद मूसली की तासीर ठंडी होती है। अतः यह शरीर में कफ को बढ़ाती है। यदि आप इस स्थिति में सफ़ेद मूसली का सेवन करते है तो आपको कफ आने की समस्या से ओर अधिक झूझना पड़ सकता है। अतः ऐसी स्थिति में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
2 सफ़ेद मूसली का पाचन धीरे होता है। चूँकि यह ऊर्जा का भंडार होती है शरीर को जितनी ऊर्जा चाहिए होती है उतनी इससे मिल जाती है। जिससे कारण भूख कम लगती है। अतः डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही इसका निश्चित मात्रा में सेवन करना चाहिए
3 यदि आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो यह आपके पाचन तंत्र से सम्बंधित बीमारी उत्पन कर सकती है। क्योकि सफ़ेद मूसली का पाचन धीरे होता है। अतः ऐसी स्थिति में इसके सेवन से परहेज करे। यदि आप इसका सेवन करना ही चाहते है तो डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन कर सकते है
4 गर्भस्था में इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही करे।
सफ़ेद मूसली का सेवन कैसे करे
अपने सफ़ेद मूसली के फायदे तो जान लिए है। अब बात आती है ,सफ़ेद मूसली का सेवन कैसे करे। इसका सेवन करने के बहुत तरीके है। आयुर्वेद के अनुसार सफ़ेद मूसली पाक या सफ़ेद मूसली चूर्ण खाने की सलाह दी जाती है। आपको इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए। इसकी ज्यादा मात्रा में सेवन करने से आपको अनेक समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है।
यदि आप सुबह शाम इसका सेवन करना चाहते है तो गुनगुने दूध में दो से चार ग्राम पॉवडर ले सकते है। भूख कम लगने पर आप इसकी मात्रा कम कर दे। यदि आप वजन कम करना चाहते है तो हल्का गर्म पानी के साथ इसका सेवन करे। सफ़ेद मूसली का सेवन उम्र के हिसाब से अलग अलग मात्रा में किया जाता है। इसके बेहतर परिणाम के लिए आप अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेके इसका उपयोग करे।
अलग अलग उम्र के लोगों के लिए सफेद मूसली खाने की विधि
छोटे बच्चे एक बार में 1 ग्राम से कम
बच्चे (13 -19 साल) 1.5 से 2 ग्राम
जवान (19 से 60 साल) 3 से 6 ग्राम
बुजुर्ग (60 साल से ज्यादा) 2 से 3 ग्राम
गर्भावस्था में 1 से 2 ग्राम
दूध पिलाने वाली माँ 1 से 2 ग्राम
अधिकतम खुराक 12 ग्राम (3-4 बार में)
इसके अलावा यदि आप सफ़ेद मूसली कैप्सूल का यूज़ करते है तो इसे आप दूध के साथ सुबह शाम ले सकते है। सफ़ेद मूसली चूर्ण को आप शहद में मिलाकर भी ले सकते है।
सफ़ेद मूसली के पौधे की पहचान कैसे करे
यह एक कंदीय व तना रहित पौधा होता है। जिसकी जेड गुच्छे के रूप में बेलनाकार होती है। अतः इसकी जड़ो को फिंगर कहा जाता है। इनकी संख्या 100 के आसपास होती है और पकने के बाद इन फिंगर की लंबाई 10 सेंटीमीटर हो जाती है। इसकी पत्तियाँ चक्राकार, चपटी, रेखीय व नुकीले शीर्ष वाली होती है। पत्तियों की निचली सतह खुरदुरी होती है। सफ़ेद मूसली के फूल तारे की आकृति व सफेद और बाह्यदल नुकीले होते है। पराग केशर, तंतु से बड़े एवं हरे या पीले रंग के होते हैं। जुलाई-दिसम्बर माह में इसमें फल व फूल लगते है। सफ़ेद मूसली की जड़े मांसल और रेशेदार गोल होती है और कंद जमीन के अंदर में 10 इंच गहराई तक रहती है। इसकी अधिकतम ऊचाई 1-1.5 फीट तक होती है। इसके बीज बहुत छोटे व काले रंग के होते है। जिस वजह से इनका वजन कम होता है। सफ़ेद मूसली के बीजो में छेड़ भी होता है।
मेरा नाम गोविन्द प्रजापत है। मैं talentkiduniya.com का फाउंडर हूँ। मुझे स्कूल के समय से ही हिंदी में लेख लिखने और अपने अनुभव को लोगो से शेयर करने में रूचि रही है। मैं इस ब्लॉग के माध्यम से अपनी नॉलेज को हिंदी में लोगो के साथ शेयर करता हूँ।