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Bipin Rawat Biography in Hindi सी.डी.एस बिपिन रावत का जीवन परिचय

Bipin Rawat Biography in Hindi - सी.डी.एस बिपिन रावत का जीवन परिचय

इस लेख में आपको सी.डी.एस बिपिन रावत का जीवन परिचय ( CDS Bipin Rawat ka jiwan parichay ), CDS बिपिन रावत की जीवनी( CDS Bipin Rawat ki jiwani ), जन्म, शिक्षा, परिवार, हेलीकॉप्टर दुर्घटना, मृत्यु ( CDS Bipin Rawat Success Story In Hindi ) ( Bipin Rawat Biography in Hindi, CDS Bipin Rawat Education, Family, Wife, Son, Daughter, birth, Caste, Age, Death ) के बारे में जानकारी दी जा रही है।

बिपिन रावत भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सी.डी.एस ) थे। सी.डी.एस का कार्यभार सँभालने से पहले वे चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के 57 वें (27 सितंबर 2019 – 31 दिसंबर 2019) और 26 वें (31 दिसंबर 2016 – 31 दिसंबर 2019) थल सेनाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था। उन्होंने 37वें (1 सितंबर 2016 – 31 दिसंबर 2016) थल सेना के उप प्रमुख  के रूप में भी कार्य किया है।

1 जनवरी 2020 को बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat Biography) भारत के पहले CDS अधिकारी (चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ ) बने थे। उन्होंने इस पद पर अपनी मृत्यु तक कार्य किया था। भारतीय इतिहास में चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ का पद बिपिन रावत के अलावा किसी को नहीं मिला है। सी.डी.एस के रूप में बिपिन रावत का कार्य थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनो के बीच तालमेल बैठाना होता है।

सी.डी.एस रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकारों में शामिल होता है। यह तींनो सेनाओं को निर्देशित करता है, लेकिन सैन्य एक्टिविटी में किसी प्रकार से दखल नहीं देता है। उन्होंने पूरी ईमानदारी व मेहनत से देश की सेवा की। रावत जी के निर्देशन कई सैन्य ऑपरेशन सफलतापूर्ववक पुरे किये गए है।

8 दिसंबर 2021 को बिपिन रावत तमिलनाडु के कुन्नूर में अपनी पत्नी, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह और अन्य कर्मचारियों के साथ हेलीकाप्टर में जा रहे थे। लेकिन रास्ते में ही उनका हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकाप्टर में सवार सभी लोगो की मृत्यु हो गई थी। देश के लिए यह एक बहुत ही बुरी घटना रही है। आइए जानते है- सी.डी.एस बिपिन रावत का जीवन परिचय (CDS Bipin Rawat Biography in Hindi )

सी.डी.एस बिपिन रावत का जीवन परिचय- CDS Bipin Rawat Biography in Hindi

नाम बिपिन रावत
जन्म 16 मार्च 1958
जन्म स्थान पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड , भारत
निवास नई दिल्ली, भारत
पिता का नाम लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत
पत्नी का नाम मधुलिका रावत
बेटियाँ कृतिका और तारिणी
शैक्षिक योग्यता 1.      रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (DSSC), वेलिंगटन से MPhill की डिग्री

2.      मद्रास विश्वविद्यालय से प्रबंधन और कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा

3.      वर्ष 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी

स्कूल 1.      कैम्ब्रियन हॉल स्कूल, देहरादून,

2.      सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला

कॉलेज 1.      भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून

2.      रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (DSSC), वेलिंगटन

3.      यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड और जनरल स्टाफ कॉलेज, फोर्ट लीवेनवर्थ, कंसास

4.      मद्रास विश्वविद्यालय

5.      चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ

जाति गढ़वाली राजपूत (क्षत्रिय)
धर्म हिन्दू
वेतन 500,000/माह + अन्य भत्ते
राष्ट्रीयता भारतीय
उम्र 63 साल
कार्यकाल 16 दिसंबर 1978 – 8 दिसंबर 2021 (मृत्यु तक)
पद CDS अधिकारी (जनरल)
रेजिमेंट्स 5/11 गोरखा राइफल्स
कद (लम्बाई) 5 फीट 8 इंच
बालों का रंग काला
आंखों का रंग गहरा भूरा रंग
मृत्यु 8 दिसंबर 2021
मृत्यु की जगह कुन्नूर, तमिलनाडु
मृत्यु की वजह हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त
दाह संस्कार 10 दिसंबर 2021 (शुक्रवार)
दाह संस्कार स्थल दिल्ली छावनी बरार स्क्वायर श्मशान घाट
पुरस्कार परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल

जनरल बिपिन रावत का जन्म और परिवार

जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958  को साइना गांव, लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड में हुआ था। बिपिन रावत के पिताजी का नाम लक्ष्मण सिंह रावत है। इनके पिताजी भी एक फ़ौज हुआ करते थे। वे सेना लेफ्टिनेंट जनरल थे। (Bipin Rawat Biography in hindi)

उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत के नाम से जाना जाता था। बिपिन रावत की माँ उत्तरकाशी जिले से थी। वह उत्तरकाशी के पूर्व विधायक किशन सिंह परमार की बेटी थीं।अतः एक फौजी परिवार से तलूक रखने की वजह से बिपिन जी का बचपन फौजियों के बीच ही गुजरा है।

जनरल बिपिन रावत की पत्नी का नाम मधुलिका रावत है। इन दोनों से दो बेटियाँ कृतिका और तारिणी है। बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत भी आर्मी वाइफ्लस वेल्फेयर असोसिएशन (AWAA) की अध्यक्ष थी। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी की पढ़ाई की थी।

इसके अलावा वह सोशल वर्क भी करती थी। वह कैंसर पीड़ितों के लिए कार्य किया करती थी। मधुलिका रावत का मायका मध्य प्रदेश के शहडोल में है और वह स्वर्गवासी राजनेता मृगेंद्र सिंह की पुत्री थी। बिपिन जी के परिवार के ज्यादातर लोग भारतीय सेना में सेवा कर चुके है।

CDS बिपिन रावत की शिक्षा (Bipin Rawat Biography & Education)

बिपिन रावत ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कैम्ब्रियन हॉल स्कूल, देहरादून से पूरी की। इसके बाद आगे की पढ़ाई उन्होंने सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला से पूरी की। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में एडमिशन लिया। यहाँ बिपिन रावत को उनके जीवन के पहले सम्मान पत्र “स्वॉर्ड ऑफ ऑनर” से सम्मानित किया गया था।

फिर उन्होंने अमेरिका में पढाई करने की इच्छा प्रकट की और अमेरिका चले गये। यहाँ से बिपिन रावत ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC), वेलिंगटन और यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड में हायर कमांड कोर्स और फोर्ट लीवेनवर्थ, कंसास में जनरल स्टाफ कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।

आगे उन्होंने रक्षा अध्ययन में Mphill की पढ़ाई पूर्ण की और डिग्री प्राप्त की। इसके अलावा रावत जी ने मद्रास विश्वविद्यालय से प्रबंधन और कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा की पढ़ाई भी की थी। वर्ष 2011 में सैन्य मीडिया सामरिक अध्ययन पर शोध के लिए बिपिन रावत को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया।

बिपिन रावत का मिलिट्री करियर- Bipin Rawat Biography in hindi

अमेरिका से अपनी पढ़ाई पूर्ण करके भारत आने पर उन्होंने आर्मी में रहकर देश की सेवा करने का निर्णय लिया। चूँकि उनके पिताजी व चाचाजी पहले से ही आर्मी में थे। इसीलिए देश प्रेम की भावना उनमें बचपन से ही थी। रावत जी ने अपनी मेहनत से 16 दिसंबर 1978 को गोरखा 11 राइफल्स की 5वीं बटालियन में भर्ती हुए। इसी यूनिट में रावत जी के पिताजी भी थे।

रावत जी का यही से सैन्य सफर शुरू हुआ था। गोरखा 11 राइफल्स की 5वीं बटालियन में बिपिन रावत को सेना के अनेक नियमों को सिखने का मौका मिला। साथ ही टीम वर्क करना भी सीखा। उन्होंने बताया की उनकी जिंदगी में उन्होंने गोरखा में रहते हुए जो भी कुछ सीखा वो कहीं और सिखने को नहीं मिला है। 10 साल तक उन्होंने आतंकवादी विरोधी अभियानों का संचालन किया।

बिपिन रावत ने एक मेजर के रूप में जम्मू-कश्मीर के उरी में एक कंपनी की कमान संभाली। इसके बाद कर्नल के रूप में रावत जी ने किबिथू में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी सेक्टर में 5वीं बटालियन गोरखा-11 राइफल्स की कमान संभाली। उसके बाद रावत जी ब्रिगेडियर के पद पर प्रमोट कर दिए गए। एक ब्रिगेडियर के रूप में सोपोर में राष्ट्रीय राइफल्स के 5 सेक्टर की कमान संभाली।

इसके बाद उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (MONUSCO) में एक अध्याय VII मिशन में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली। यहाँ पर उन्हें दो बार फोर्स कमांडर की प्रशस्ति से सम्मानित किया गया। इसके बाद बिपिन रावत को  ब्रिगेडियर से मेजर जनरल के पद पर प्रमोट किया गया। मेजर जनरल बिपिन रावत ने 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन (उरी) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में कार्यभार संभाला था।

उन्होंने सैन्य सचिव की शाखा में सैन्य सचिव और उप सैन्य सचिव और जूनियर कमांड विंग में वरिष्ठ प्रशिक्षक के रूप में देश सेवा की। रावत जी ने एक लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में पुणे में दक्षिणी सेना को संभालने से पहले दीमापुर में मुख्यालय III कोर की कमान संभाली और पूर्वी कमान के मेजर जनरल जनरल स्टाफ (MGGS) के रूप में भी काम किया है।

उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी (देहरादून) में एक अनुदेशात्मक कार्यकाल, सैन्य संचालन निदेशालय में जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2, मध्य भारत में एक पुनर्गठित आर्मी प्लेन्स इन्फैंट्री डिवीजन (RAPID) के लॉजिस्टिक्स स्टाफ ऑफिसर, कर्नल सहित स्टाफ असाइनमेंट भी कार्य किया और देश सेवा की।

इसके बाद उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सेना कमांडर ग्रेड के पद पर प्रमोट किया गया। सेना कमांडर ग्रेड में प्रोमोसन मिलने के बाद रावत जी ने 1 जनवरी 2016 को जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C) दक्षिणी कमान का पद ग्रहण किया। एक छोटे से कार्यकाल के बाद 1 सितंबर 2016 को उन्होंने थल सेना के उप प्रमुख का पद भी ग्रहण किया।

17 दिसंबर 2016 को भारत सरकार ने बिपिन रावत को 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया था और उन्होंने जनरल दलबीर सिंह सुहाग की सेवानिवृत्ति के बाद 31 दिसंबर 2016 को 27वें COAS के रूप में सेनाध्यक्ष का पद संभाला था। इसके अलावा उन्होंने भारतीय सेना के चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के 57 वें और अंतिम अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है। (Bipin Rawat Biography in hindi)

31 दिसंबर 2019 को जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया और इसके बाद जनरल बिपिन रावत को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सी.डी.एस) के रूप में नियुक्त किया गया। जनरल बिपिन रावत ने 1 जनवरी 2020 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद ग्रहण किया था।

गोरखा में रहते हुए रावत जी ने आर्मी की अनेक पदों जैसे Crops , GOC-C , SOUTHERN  COMMAND, IMA DEHRADUN , MILLTERY OPREATIONS DIRECTORET में LOGISTICS STAFF OFFICER पर भी कार्य किया। जनरल बिपिन रावत फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद गोरखा ब्रिगेड के थल सेनाध्यक्ष बनने वाले 3th अधिकारी हैं। वे नेपाली सेना के मानद जनरल भी थे।

बिपिन रावत की अंतराष्ट्रीय स्तर पर सैन्य सेवाएँ

कांगो का UN Mission :- रावत जी ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी कार्य किया है। उन्होंने भारत में भी अनेक सैन्य एक्टिविटी की है। उन्होंने कांगो के UN Mission में सक्रिय भागीदारी निभाकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर सेवायें प्रदान की। यहाँ पर उन्होंने 7000 लोगों की जान बचाई थी। इसके अलावा वे नेपाल, भूटान, कजाकिस्तान आदि देशों में अपनी सेवा दे चुके है।

भारत-चीन झड़प (वर्ष1987 में ) :- वर्ष 1987 में सुमदोरोंग चू घाटी में भारत-चीन झड़प के वक्त कर्नल बिपिन रावत की बटालियन को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के खिलाफ तैनात किया गया था। वर्ष 1962 के युद्ध के बाद विवादित मैकमोहन रेखा पर यह पहला सैन्य टकराव था। (Bipin Rawat Biography)

म्यांमार स्ट्राइक्स (वर्ष 2015 में ) :- जून 2015 में मणिपुर में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ वेस्टर्न साउथ ईस्ट एशिया से संबंधित आतंकवादियों ने भारतीय सेना पर हमला कर दिया था। जिसमें 18 आर्मी के जवान शहीद हो गए थे। भारतीय सेना ने इस हमले का जवाब घर में घुस कर दिया। इस ऑपरेशन द्वारा पैराशूट रेजिमेंट की 21 वीं बटालियन की यूनिट ने म्यांमार में NSCN-K बेस पर हमला किया था। यह ऑपरेशन दीमापुर स्थित 3 कोर के संचालन नियंत्रण के तहत किया गया था। इस ऑपरेशन की अध्यक्षता बिपिन रावत ने की थी।

बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक :- जब पुलवामा के आतंकी हमले में 40 से अधिक भारतीय सैनिक के शहीद हो गए थे, तब जनरल बिपिन रावत ने सेना प्रमुख के रूप में वर्ष 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ट्रेनिंग सेंटर को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमलों का निरीक्षण किया था।

जनरल बिपिन रावत को मिले पुरुस्कार (Bipin Rawat’s Awards)

जैसा की आप सब जानते है कि बिपिन रावत का परिवार शुरू से ही आर्मी में शामिल है और देश सेवा कर रहे है। बिपिन रावत ने भी अपने आर्मी करियर (Bipin Rawat Biography) में देश की सेवा की और कई बड़े बड़े ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूर्ण किये है। सी.डी.एस बिपिन रावत ने अपने 43 वर्षों के मिलिट्री करियर में वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए कई पदक और सम्मान प्राप्त किए हैं। जो इस प्रकार है—

उत्तम युद्ध सेवा पदक                       अति विशिष्ट सेवा पदक
     युद्ध सेवा पदक                             सेना पदक         विशिष्ट सेवा पदक
घाव पदक सामान्य सेवा पदक विशिष्ट सेवा पदक ऑपरेशन पराक्रम पदक
सैन्य सेवा पदक उच्च तुंगता सेवा पदक विदेश सेवा पदक आजादी की 50वीं वर्षगांठ पदक
30 वर्ष लम्बी सेवा पदक 20 वर्ष लम्बी सेवा पदक 9 वर्ष लम्बी सेवा पदक संयुक्त राष्ट्र शांतिस्थापन (मोनुस्को)

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बिपिन रावत की मृत्यु (CDS Bipin Rawat death)

8 दिसम्बर 2021 को जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और उनके निजी स्टाफ़ के अन्य सदस्यों सहित कुल 10 यात्री और चालक दल के 4 सदस्य भारतीय वायुसेना के Mi-17 हेलीकॉप्टर में सवार थे। वे सुलुरु वायुसेना हवाई अड्डे से वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ़ कॉलेज में स्टाफ कोर्स संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए दौरे पर जा रहे थे।

लेकिन दोपहर 12:10 बजे के लगभग नीलगिरि जिले के कुन्नूर क्षेत्र के आसपास  Mi-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिस जगह पर हेलिकॉप्टर को उतरना था, वह उससे 10 km पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित अन्य 11 साथियों के शहीद होने की पुष्टि भारतीय वायुसेना द्वारा की गयी।

परन्तु इस दुर्घटना में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह एकमात्र जीवित बचने वाले व्यक्ति थे। उनका इलाज बैंगलोर के सैन्य कमान अस्पताल में चल रहा था। लेकिन कुछ समय बाद उनका भी देहांत हो गया। इस तरह जनरल बिपिन रावत 63 वर्ष की उम्र में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हो गए। (Bipin Rawat Biography in hindi)

10 दिसंबर 2021 को बिपिन रावत और उनकी पत्नी का दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर श्मशान में पूरे सैन्य सम्मान और 17 तोपों की सलामी के साथ हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया था। शहीद बिपिन रावत का दाह संस्कार उनकी बेटियों ने किया था। अपने माता-पिता की हस्तियों को हरिद्वार ले गईं और 12 दिसंबर को हर की पौड़ी घाट पर गंगा में विसर्जित कर दी।

जनरल बिपिन रावत की सैलरी

चूँकि आर्मी जवानो के लिए सैलरी से पहले देशप्रेम आता है। एक फौजी मातृभूमि की रक्षा के लिए फ़ौज में जाता है। वह अपने पीछे परिवार छोड़ के जाता है। भारत सरकार जवानों को देशसेवा के लिए सैलरी देती है। जनरल  बिपिन रावत ने अपने जीवन में अनेक बड़े बड़े सैन्य अभियान किये है। सेना में उनका पद भी बड़ा था।

रावत जी के कंधो पर सम्पूर्ण देश की रक्षा का जिम्मा था। वे रक्षा मंत्री के सलाहकार थे। अतः उन्हें इस कार्य के लिए सैलरी के रूप में 2,50,000 रूपये प्रतिमाह मिलते थे। इसके अलावा रावत जी को अनेक प्रकार के भत्ते भी मिलते थे। कोरोना काल में रावत जी ने अपनी सैलरी में से 50,000 रूपये हर महीने PM फण्ड में देने की बात कही थी।

जनरल बिपिन रावत से जुड़े विवाद (Bipin Rawat Biography in hindi)

  1. वर्ष 2017 में कश्मीर में पथराव करने वालों के खिलाफ बिपिन रावत ने कहा था कि मैं चाहता हूँ कि ये लोग हम पर पत्थर फेंकने के बजाय हम पर हथियार चलाये। तब मुझे खुशी होती, तब मैं वह करता था जो मैं करना चाहता था। रावत जी के इस तरह के बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया था ।
  2. एक इंटरव्यू में उनसे युद्ध में महिलाओं की भूमिका के बारे में पूछा गया तो उन्होंने एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि लड़ाकू भूमिका में महिलाएं कपड़े बदलते समय पुरुषों के तंबू में झाँकने की शिकायत कर सकती हैं। वह कहेगी कि कोई झाँक रहा है, इसलिए हमें उसके चारों ओर एक चादर देनी होगी।
  3. भारतीय सेना के दिग्गजों ने रावत जी के सुझाव की आलोचना उस समय की, जब उन्होंने सेवानिवृत्त सैनिकों को नियंत्रित करने वाली आचार संहिता का सुझाव दिया। हालाँकि बाद में सेना मुख्यालय ने अपना सुझाव पेश किया था कि वह ऐसी किसी भी आचार संहिता का समर्थन नहीं करता।
  4. वर्ष 2017 में उग्रवाद विरोधी अभियानों में “निरंतर प्रयासों” के लिए मेजर लीतुल गोगोई को सेनाध्यक्ष के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करने के लिए उनकी आलोचना की गई थी। गोगोई ने 2017 में अपनी जीप के आगे एक कश्मीरी नागरिक को बांधकर पत्थरबाजों को उनके काफिले को निशाना बनाने से रोकने के लिए यह प्रयास किया था।
  5. दिसंबर 2019 में रावत ने भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में संबंधित हिंसक विरोध प्रदर्शनों की सार्वजनिक रूप से निंदा करके एक विवाद को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि यह नेतृत्व लोगों को आगजनी और हिंसा करने के लिए मार्गदर्शन करने के बारे में नहीं था।बिपिन जी ने विपक्षी नेताओं और वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारियों की भी तीखी आलोचना की थी।
  6. दिसंबर 2018 में विकलांगता पेंशन के संबंध में उनके सुझाव ने विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने उन सैनिकों पर निशाना साधकर कहा कि कुछ सैनिक खुद को विकलांग बताते हैं और विकलांगता पेंशन के माध्यम से अतिरिक्त पैसा कमाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई सैनिक वास्तव में विकलांग है, तो हम उन पर विशेष ध्यान देंगे और उनकी पूरी मदद करेंगे। लेकिन जो खुद को झूठा विकलांग बताते हैं और अपनी विकलांगता को पैसा कमाने का माध्यम बनाते हैं, मैं उन्हें चेतावनी दे रहा हूँ कि आप अपने तरीके से सुधार जाये अन्यथा कुछ दिनों में आपको सेना मुख्यालय से विशेष निर्देश प्राप्त हो सकते हैं। जो आपके लिए अच्छी खबर नहीं होगी।

बिपिन रावत से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  1. बिपिन रावत भारतीय सेना के फोर स्टार जनरल थे जो 31 दिसंबर 2019 को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ चुने गए थे।
  2. उनका जन्म उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल के एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत भारतीय सेना में अपनी सेवा दे चुके थे। बिपिन रावत अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी से ताल्लुक रखते थे, जो भारतीय सेना में शामिल होने जा रहे थे।
  3. बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत उन्हें बचपन से ही बहुत होशियार लड़का बताते थे। उनके चाचा कहते थे कि “अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी से ही बिपिन रावत यह मुकाम हासिल कर पाए हैं। हमें पूरा यकीन था कि वह बड़ी सफलता हासिल करेगा और उसने हमें सही साबित किया है।
  4. बिपिन रावत ने अपनी स्कूली शिक्षा कैम्ब्रियन हॉल स्कूल, देहरादून और सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला में की थी।
  5. बिपिन अपने पुराने सहयोगी लेफ्टिनेंट कर्नल ओंकार सिंह दीकृत से इनपुट लेते थे। वे उन्हें बचपन से जानते थे और 2/11 गोरखा राइफल्स में उनके पिताजी से वरिष्ठ थे।
  6. अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में शामिल हो गए। यहाँ उन्हें “स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर” से सम्मानित किया गया था।
  7. 16 दिसंबर 1978 को रावत जी ने 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में भर्ती हुए।
  8. सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना में शामिल होने पर रावत जी ने अपना सैन्य कौशल दिखाया और उच्च स्तरीय युद्ध में काफी अनुभव प्राप्त किया। उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों का संचालन करते हुए भारतीय सेना में 10 साल बिताए।
  9. रावत जी ने एक मेजर के रूप में जम्मू और कश्मीर के उरी में एक कंपनी की कमान संभाली। कर्नल के रूप में उन्होंने किबिथू में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी सेक्टर में 5वीं बटालियन 11 गोरखा राइफल्स की कमान संभाली।
  10. ब्रिगेडियर के पद पर प्रमोट होने पर उन्होंने सोपोर में राष्ट्रीय राइफल्स के 5 सेक्टर की कमान संभाली।
  11. कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (MONUSCO) में अध्याय VII मिशन में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान के लिए रावत को दो बार ‘फोर्स कमांडर कमेंडेशन’ से सम्मानित किया गया था।
  12. मेजर जनरल के रूप में उन्हें 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन (उरी) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में पदभार संभाला था।
  13. लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में रावत जी ने पुणे में दक्षिणी सेना का कमान संभालने से पहले दीमापुर में मुख्यालय III कोर की कमान संभाली थी।
  14. 1 जनवरी 2016 को बिपिन रावत को सेना कमांडर ग्रेड के रूप में नियुक्त किया गया था
  15. बिपिन रावत ने दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C) के रूप में भी पद ग्रहण किया था और एक छोटे से कार्यकाल के बाद उन्होंने 1 सितंबर 2016 को वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पद ग्रहण किया।
  16. 17 दिसंबर 2016 को भारत सरकार ने बिपिन जी को 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया था।
  17. बिपिन जी फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद गोरखा ब्रिगेड से थल सेनाध्यक्ष बनने वाले तीसरे अधिकारी थे।
  18. 37 वर्षों के उनके आर्मी करियर के वक्त उनकी विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक सहित विभिन्न वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
  19. बिपिन रावत नेपाली सेना के मानद जनरल भी थे।
  20. फरवरी 2019 में रावत ने एयरो इंडिया 2019 बेंगलुरु में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में एक उड़ान भरी थी।
  21. बिपिन रावत अपने गृहनगर के बहुत नजदीक थे और अक्सर वे अपने व्यस्त जीवन के दौरान भी अपने पैतृक गांव का दौरा करते थे।
  22. 8 दिसंबर 2021 को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में बिपिन रावत व इनकी पत्नी सहित अन्य 11 साथी शहीद हो गए।

आशा करता हूँ आपको जनरल बिपिन रावत की जीवनी ( CDS Bipin Rawat ki jiwani ), सी.डी.एस बिपिन रावत का जीवन परिचय ( CDS Bipin Rawat ka jiwan parichay ), लेख अच्छा लगा होगा। मेरे द्वारा दी गई Bipin Rawat Biography ( CDS Bipin Rawat ka jiwan parichay ) में किसी प्रकार की त्रुटि मिलने पर हमें कमेंट करके बताये। मैं उसमे सुधर करने की कोशिश करूंगा।

FAQ

Q : जनरल बिपिन रावत का जन्म कब हुआ था ?
Ans : 16 मार्च 1958

Q :  बिपिन रावत का जन्म कहाँ हुआ था ?
Ans :  पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड , भारत

Q :  जनरल बिपिन रावत के पिता का नाम क्या था ?
Ans :  लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत

Q :  बिपिन रावत के पिता आर्मी में किस पद पर कार्यरत थे ?
Ans :  लेफ्टिनेंट जनरल

Q :  भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) कौन थे?
Ans :  जनरल बिपिन रावत

Q :  जनरल बिपिन रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) कब बनाया गया था?
Ans :  1 जनवरी 2020

Q :  बिपिन रावत को कितनी सैलरी मिलती है ?
Ans :  2,50,000 रूपये प्रतिमाह साथ में अन्य भत्ते भी

Q :  बिपिन रावत का निधन कब हुआ ?
Ans :  08 दिसंबर 2021

Q :  बिपिन रावत का निधन कैसे हुआ ?
Ans :  नीलगिरि जिले के कुन्नूर क्षेत्र के आसपास Mi-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने से रावत जी व उनकी पत्नी के साथ अन्य 11 सदस्यों की मृत्यु हो गयी थी।

Q : बिपिन रावत की पत्नी का नाम क्या था ?
Ans :  मधुलिका रावत

Q :  बिपिन रावत की कितनी बेटियां है और क्या नाम है ?
Ans :  2 बेटियाँ है- बड़ी बेटी का नाम कृतिका रावत और छोटी बेटी का नाम तारिणी रावत है।

Q :  जनरल बिपिन रावत का अंतिम संस्कार किसने किया था ?
Ans :  बिपिन रावत की बेटियों ने

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