Ratan Tata Success Story in Hindi – रतन टाटा का जीवन परिचय, जीवनी, सफलता की कहानी, शिक्षा, जन्म, माता-पिता, परिवार, नागरिता, जाती,आयु, करियर, कुल संपत्ति, अनमोल वचन, विवाद, अवार्ड्स और उपलब्धियाँ – Ratan Tata Biography in Hindi, Ratan Tata Success Story In Hindi, Birth, Age, Education, Family, Mother-Father, Citizenship, Caste, Career, Net worth, Precious Words, Controversy, Awards And Achievement .
रतन टाटा भारत के प्रसिद्ध उघोगपतियों में से एक है। जिन्हे भारत का हर नागरिक एक उघोपगति के रूप में जानता है। इस लेख में आपको रतन टाटा की सफलता की कहानी (Ratan Tata Success Story In Hindi) बताई जा रही है। हर बिजनेसमैन रतन जी की तरफ सफल बिजनेसमैन (Success Businessman) बनना चाहता है। रतन टाटा ने सफलता कैसे प्राप्त की और इतने बड़े बिजनेसमैन कैसे बने ? इसके बारे में इस लेख में चर्चा करेंगे।
Ratan Tata Success Story in Hindi
रतन टाटा कॉरपोरेट जगत का बादशाह भी कहा जाता हैं। रतन जी एक सफल उघोगपति होने के साथ साथ दानवीर भी है। वे अक्सर गरीबो में कुछ न कुछ दान करते रहते है। रतन जी टाटा ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष है। टाटा ग्रुप भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक ग्रुप है। टाटा ग्रुप की स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी और रतन टाटा ने इस ग्रुप को सफलता की उंचाईयों तक पहुँचाया है। Ratan Tata Biography in Hindi
रतन जी साल 1991 से साल 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रहे है। 28 दिसंबर 2012 को उन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया लेकिन वे टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बने हुए हैं। वे टाटा ग्रुप की सभी प्रमुख कम्पनियों जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा टी, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने सफलता की ऊंचाइयों को छुआ है और ग्रुप का राजस्व भी कई गुना बढ़ा है।
रतन टाटा का जीवन परिचय : Ratan Tata Biography in Hindi
पूरा नाम | रतन नवल टाटा |
उपनाम | आर. एन. टी |
जन्म | 28 दिसंबर 1937 |
जन्म स्थान | सूरत (गुजरात) |
गृहनगर | मुंबई, भारत |
राशि | मकर |
उम्र | 86 Years |
धर्म | पारसी |
व्यवसाय | बिजनेसमैन |
स्कूल | कैंपियन स्कूल, मुंबई, भारत
कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई, भारत |
कॉलेज | कॉर्नेल विश्वविद्यालय, इथाका, न्यूयॉर्क, सयुंक्त राज्य अमेरिका
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, बोस्टन, मैसाचुसेट्स, सयुंक्त राज्य अमेरिका |
शिक्षा | बी.एस. डिग्री संरचनात्मक इंजीनियरिंग के साथ वास्तुकला में
उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
व्यवसाय की शुरूआत | 1962 |
नागरिकता | भारतीय |
पुरस्कार | 1. वर्ष 2000 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
2. वर्ष 2008 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 3. वर्ष 2016 में, उन्हें फ्रांसीसी सरकार द्वारा “Commander of the Legion of Honour” पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 4. इसके अलावा उनके पास कई पुरस्कार, सम्मान और उपलब्धियां हैं। |
शौंक | चित्रकारी करना, पियानो बजाना, ड्राइविंग करना, जेट विमान उड़ाना, नौका विहार करना |
विवाद | वर्ष 1997 में, इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार रितु सरीन के द्वारा उनका नाम एक टेप स्कैंडल में संलिप्त पाया गया। वर्ष 2010 में, उन्हें अपने नैनो कार के कारखाने के लिए सिंगूर, पश्चिम बंगाल में स्थानीय प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। |
कार संग्रह | फ़रारी कैलिफ़ोर्निया, होंडा सिविक, लैंड रोवर फ्रीलैंडर, मासेराटी क्वाट्रोपोर्ट, कैडिलैक एक्सएलआर, मर्सिडीज बेंज 500 एसएल, क्रिसलर सेब्रिंग, मर्सिडीज बेंज एस-क्लास, जगुआर एफ-टाइप, जगुआर एक्सएफ-आर |
संपत्ति (लगभग) | $1 बिलियन (₹6748 करोड़) |
रतन टाटा की शारीरिक संरचना |
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लम्बाई | 5 फीट 10 इन्च |
वजन | 80 kg |
आँखों का रंग | हल्का भूरा |
बालों का रंग | काला – सफ़ेद |
रतन टाटा का परिवार – Ratan Tata Family |
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पिता का नाम | नवल टाटा |
माता का नाम | सोनू टाटा , सिमोन टाटा (सौतेली माँ) |
दादा का नाम | श्री जमशेदजी टाटा |
भाई | नोएल टाटा (सौतेला भाई) |
बहन | कोई नहीं |
पत्नी | कोई नहीं |
बच्चे | कोई नहीं |
रतन टाटा की पसंदीदा चीजें |
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पसंदीदा भोजन | पारसी व्यंजन, इड़ा चटनी पेटिस, पटरानी मच्छी |
पसंदीदा कार | फ़रारी |
पसंदीदा रंग | लाल |
पसंदीदा व्यवसायी | जे. आर. डी. टाटा |
रतन टाटा का जन्म और परिवार – Ratan Tata Life Story in Hindi
भारत के प्रसिद्ध उघोगपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को गुजरात के सूरत शहर में हुआ था। रतन टाटा के पिता का नाम नवल टाटा है। रतन जी की माता का नाम सोनू टाटा है। उनके पिता नवल टाटा को नवजबाई टाटा ने गोद लिया था। नवजबाई टाटा के पति का निधन हो गया था, जिसके बाद वह अकेली पड़ गई। इसलिए उन्होंने नवल टाटा को गोद लिया।
जब रतन टाटा 10 साल के और उनके छोटे भाई जिमी टाटा 7 साल के थे, तो उनके माता-पिता 1940 में एक-दूसरे से अलग हो गए थे। इसलिए दोनों भाईयों को भी अलग होना पड़ा था। लेकिन उनकी दादी नवजबाई ने दोनों पोतो का पालन-पोषण करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। वो अनुशासन को लेकर जितनी सख्त थी, उतनी ही नरम भी थी। Ratan Tata Success Story in Hindi
रतन टाटा का एक सौतेला भाई भी है जिसका नाम है नोएल टाटा। बचपन से ही नोएल टाटा को पियानों सीखने का और क्रिकेट खेलने का काफी शौक था। उनके दादा का नाम श्री जमशेदजी टाटा था। रतन टाटा की एक सौतेली माँ भी है, जिसका नाम सिमोन टाटा हैं। Ratan Tata Biography in Hindi
रतन टाटा की शिक्षा – Ratan tata Education
रतन टाटा ने अपनी 8वीं कक्षा तक की शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से प्राप्त की थी। इसके बाद रतन जी ने मुंबई के ही कैथेड्रल और एंड जॉन कॉनन स्कूल से हाईस्कूल और शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की पूर्ण की। साल 1962 में उन्होने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी लंदन से आर्किटेक्चर एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में बी.एस की डिग्री प्राप्त की। Ratan Tata Success Story in Hindi
साल 1975 में हार्वर्ड बिज़नस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम का अभ्यास किया। रतन जी को प्रतिष्टित कंपनी आईबीएम से नौकरी का बढ़िया प्रस्ताव मिला था। लेकिन उन्होंने उस प्रस्ताव को ठुकराकर अपने पुश्तैनी बिजनेस को ही आगे बढ़ाने की ठानी। Ratan Tata Biography in Hindi
रतन टाटा का करियर – Ratan Tata Career in Hindi
भारत में वापसी करने से पहले रतन टाटा ने लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में जोन्स एंड एमोंस में थोड़े समय के लिए काम किया। लेकिन अपनी दादी की बिगड़ती तबीयत को देखकर उन्हें भारत वापिस आना पड़ा। रतन जी को अपनी दादी से काफी लगाव था। भारत आने के बाद उन्होंने आईबीएम के साथ कुछ समय के लिए काम किया। लेकिन जेआरडी टाटा को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने रतन टाटा को टाटा ग्रुप के साथ काम करने का अवसर दिया।
इसके बाद रतन जी ने अपने करियर की असली नींव रखी। साल 1961 में उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ काम करना शुरू किया। शुरूआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया। उसके बाद वे धीरे-धीरे टाटा ग्रुप की और कंपनियों के साथ जुड़ गए। साल 1971 में उन्हें राष्ट्रीय रेडियों और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में डायरेक्टर इंचार्ज के रूप में चुना गया।
साल 1981 में रतन जी को टाटा ग्रुप का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उस समय कंपनी काफी घाटे में चल रही थी और बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी सिर्फ 2% थी। कंपनी 40% घाटे में चल रही थी। कुछ साल बाद रतन टाटा ने कंपनी को काफी मुनाफा दिया। इसीलिए साल 1991 में उन्हें टाटा ग्रुप का उत्तराधिकारी बनाया गया। Ratan Tata Biography in Hindi
रतन टाटा के इस पद को संभालने के बाद टाटा ग्रुप की किस्मत ही बदल गई। उनके कार्यकाल में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया। जिसके बाद टाटा मोटर्स को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टड किया गया। साल 1998 में टाटा ने अपनी पहली भारतीय कार बनाई, जिसका नाम टाटा इंडिका था। इसके बाद टाटा ने टेटली, टाटा मोटर्स ने जैगुआर लैंड रोवर और टाटा स्टील ने कोरस को तैयार किया।
इसके बाद भारतीय उघोग की लिस्ट में टाटा का नाम दर्ज हुआ। दुनिया की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो भी रतन टाटा की सोच का एक हिस्सा थी। टाटा नैनो को लोगों ने काफी पसंद किया था। रतन टाटा एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं जो कभी भी झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं रखता। उन्हें अपने काम से काफी लगाव रहा है।
रतन टाटा 28 दिसंबर 2012 को टाटा ग्रुप की सभी कार्यकारी जिम्मेदारियों से रिटायर हो गए। उनका यह पद 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री को दिया गया था। लेकिन रतन टाटा ने इस पद को देने से पहले उनके सामने एक शर्त रखी और इस शर्त के अनुसार उन्हें 1 साल तक रतन टाटा के साथ काम करना था। साइरस मिस्त्री ने रतन जी की इस शर्त को स्वीकार कर लिया। सायरस मिस्त्री पलौनजी मिस्त्री के छोटे बेटे हैं। Ratan Tata Success Story in Hindi
वे शपूरजी-पलौनजी के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं। सायरस मिस्त्री ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज और लंदन बिजनेस स्कूल से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। सायरस मिस्त्री साल 2006 से टाटा ग्रुप के साथ काम कर रहे है। हालाँकि रतन जी टाटा ग्रुप से रिटायर हो गए है, लेकिन इसके बाद भी को कामकाज में लगे हुए हैं। हाल ही में उन्होंने भारत की इ-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में इंवेस्ट किया।
इसके अलावा अर्बन लैडर और चाइनीज मोबाइल कंपनी जिओमी में भी इंवेस्ट किया। टाटा ग्रुप से रिटायर होने के बाद भी वे अभी तक टाटा संस के 2 ट्रस्टों के चेयरमैन बने हुए है। रतन टाटा ने भारत के अलावा कई देशों के संगठनों में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। वह प्रधानमंत्री की व्यापार उघोग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्प्रर्धात्मकता परिषद के सदस्य भी हैं। इसके साथ ही रतन जी कई कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर भी हैं।
रतन टाटा का संघर्ष – Ratan Tata Struggle in hindi
साल 1971 में रतन जी को नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी का डायरेक्टर इंचार्ज चुना गया। उस समय तक कंपनी घाटे में चल रही थी। कुछ साल बाद रतन जी ने कंपनी को मुनाफे में पहुँचाया और मार्केट में Company की हिस्सेदारी 20% तक बढ़ा दी। इंदिरा गाँधी की सरकार द्वारा आपातकालीन लागु करने के बाद Company को ज्यादा घाटा हुआ। Ratan Tata Success Story in Hindi
रतन जी को यूनियन की हड़ताल का सामना करना पड़ा, जिसके बाद नेल्को कंपनी को बंद करना पड़ा। कुछ समय बाद रतन टाटा को एक कपड़ा मिल (Empress Mills) सँभालने की जिम्मेदारी दी गयी। टाटा ग्रुप की यह कंपनी भी घाटे का सामना कर रही थी। रतन टाटा ने इसे काफी संभालने की कोशिश की। लेकिन उन्हें किसी कारण कंपनी की हालत सुधारने के लिए 50 लाख रुपयों की जरुरत पड़ी। लेकिन वो पैसे उन्हें नहीं मिल पाए और अंत में इस कंपनी को बंद करन पड़ा।
कुछ सालो बाद उनकी दूरदर्शिता पहचानते हुए इन्हे जेआरडी टाटा ने टाटा ग्रुप का उत्तरादिकारी बनाने की घोषणा कर दी और 1991 में टाटा ग्रुप में रहते हुए जेआरडी टाटा के उत्तराधिकारी बने। टाटा ग्रुप की कमान सँभालते ही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया और टाटा मोटर्स को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किया Ratan Tata Biography in Hindi
सन 1998 में टाटा मोटर्स ने पहली भारतीय यात्री कार टाटा इंडिका मार्केट में लॉन्च की। उन्होंने साल 2000 में लंदन में मौजूद टेटली टी कंपनी को ख़रीदा। उसके बाद साल 2004 में उन्होंने दक्षिण कोरिया के देवू मोटर्स के ट्रक बनाने वाली कंपनी को ख़रीदा। उसके 3 साल बाद ही टाटा ग्रुप ने 2007 में स्टील बनाने वाली कंपनी एंग्लो-डच को ख़रीदा। रतन टाटा की कमान में टाटा ग्रुप दुनिया का 5th सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कम्पनी बनी।
रतन टाटा का रिटायरमेंट
21 सालो तक रतन टाटा ने टाटा कम्पनी की कमान संभाली। 75 वर्ष की उम्र में रतन टाटा ने 28 दिसंबर 2012 को टाटा ग्रुप से इस्तीफा दे दिया। उनके बाद साइरस मिस्त्री , शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप के पल्लोनजी मिस्त्री के 44 वर्षीय बेटे को टाटा ग्रुप की कमान सँभालने के लिए चुना। Ratan Tata Success Story in Hindi
लेकिन साल 2016 में साइरस मिस्त्री को किसी कारणवस कंपनी से निकाल दिया गया। फिर से रतन टाटा ने साल 2016 से 2017 तक टाटा ग्रुप की कमान सँभालने की जिम्मेदारी अपने कंधो पर ली। साल 2017 में नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी सौंपी गयी जिसे वे अभी तक संभाल रहे है।
रतन टाटा की प्रेम कहानी – Ratan Tata Love Story
रतन टाटा की प्रेम कहानी बहुत कम लोग जानते है। रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की ? इसका जवाब उनकी प्रेम कहानी से जुड़ा हुआ है। एक इंटरव्यू में रतन टाटा ने अपनी प्रेम कहानी के बारे में बताया। जब रतन टाटा ने अपना ग्रेजुएशन पूरा तब रतन जी को अपनी बीमार दादी को देखने के लिए कुछ समय के लिए भारत आना था।
रतन टाटा ने अपनी प्रेमिका से वादा किया था कि वे केवल उनसे ही शादी करेंगे। इसके बाद वे भारत आ गए। लेकिन साल 1962 में भारत और चीन के बिच जंग छिड़ गई। भारत चीन की जंग से रतन टाटा जल्दी लोस एन्जोलिस नहीं पहुँच पाए। Ratan Tata Success Story in Hindi
रतन टाटा की प्रेमिका के माता पिता ने इस जंग को मुद्दा बनाते हुए इस रिश्ते को ठुकरा दिया और उसकी शादी किसी और के साथ करवा दी। रतन टाटा अपने वचन पर अडिग रहे और आज तक शादी नहीं की। इसीलिए रतन टाटा ने आज तक शादी नहीं की। Ratan Tata Biography in Hindi
रतन टाटा को मिले सम्मान और पुरस्कार
साल 2000 में पद्म भूषण और साल 2008 में पद्म विभूषण से भारत सरकार ने रतन टाटा को सम्मानित किया था। इसके अलावा उन्हें अन्य कई संस्थाओ द्वारा सम्मानित किया गया है। उनको मिले अन्य पुरस्कार इस प्रकार हैं। Ratan Tata Biography in Hindi
साल | अवॉर्ड | संगठन |
2001 | बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर | ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी |
2004 | उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक | उरुग्वे की सरकार |
2004 | प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर | एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
2005 | साइंस की मानद डॉक्टर | वारविक विश्वविद्यालय |
2006 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास |
2007 | मानद फैलोशिप | अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल |
2007 | परोपकार की कार्नेगी पदक | अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट |
2008 | लीडरशिप अवार्ड | लीडरशिप अवार्ड |
2008 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2008 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई |
2008 | मानद नागरिक पुरस्कार | सिंगापुर सरकार |
2008 | मानद फैलोशिप | इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान |
2009 | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर | यूनाइटेड किंगडम |
2009 | 2008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कार | इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी |
2009 | इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के “ग्रैंड अधिकारी” का पुरस्कार | इटली की सरकार |
2010 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2010 | हैड्रियन पुरस्कार | विश्व स्मारक कोष |
2010 | शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार | शांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार |
2010 | लीडरशिप अवार्ड में लीजेंड | येल विश्वविद्यालय |
2010 | कानून की मानद डॉक्टर | पेपरडाइन विश्वविद्यालय |
2010 | इस साल के बिजनेस लीडर | एशियाई पुरस्कार |
2012 | मानद फैलो | इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी |
2012 | व्यापार मानद डॉक्टर | न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय |
2013 | विदेश एसोसिएट | नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग |
2013 | अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंट | अर्न्स्ट एंड यंग |
2013 | व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर | कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय |
2013 | डॉक्टरेट की मानद उपाधि | एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय |
2014 | व्यापार के मानद डॉक्टर | सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी |
2014 | सयाजी रत्न पुरस्कार | बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन |
2014 | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस | यूनाइटेड किंगडम |
2014 | कानून की मानद डॉक्टर | न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा |
2015 | ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टर | क्लेमसन विश्वविद्यालय |
2015 | मानद | एचईसी पेरिस |
2016 | कमांडर ऑफ ऑनर | फ्रांस की सरकार |
रतन टाटा के अनमोल विचार – Ratan Tata Precious Thoughts
- सत्ता और धन मेरे दो प्रमुख सिद्धांत नहीं हैं।
- जिस दिन मैं उड़ान नहीं भर पाऊंगा, वो मेरे लिए एक दुखद दिन होगा।)
- आगे बढ़ने के लिए जीवन में उतर-चढ़ाव बहुत ज़रूरी हैं, क्योंकि ईसीजी में भी एक सीधी लाइन का मतलब होता है कि हम जिंदा नहीं हैं।
- यदि ये सार्वजानिक जांच की कसौटी पर खरा उतरता है तो इसे करो…लेकिन ये सार्वजानिक जांच की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है तो इसे मत करो।
- मैं निश्चित रूप से राजनीति में शामिल नहीं होऊंगा। मैं एक साफ़-सुथरे बिजनेसमैन के रूप में याद किया जाना पसंद करूँगा, जिसने सतह के नीचे की गतिविधियों में भाग नहीं लिया और जो काफी सफल रहा है।
- अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए। लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए।
- मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूँ और फिर उसे सही साबित कर देता हूँ। Ratan Tata Success Story in Hindi
- ऐसी कई चीजें हैं, अगर मुझे दोबारा जीने के मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूँगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर ये नहीं देखना चाहूँगा कि मैं क्या नहीं कर पाया।
- कोई लोहे को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी जंग कर सकती है! उसी तरह कोई किसी इंसान को बर्बाद नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी मानसिकता कर सकती है।
- पीपल’स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना का पोलिटिकल सिस्टम चीजों को आसान बना सकता है। निर्णय तेजी से लिए जाते हैं और परिणाम भी जल्दी आते हैं। दूसरी तरफ, हमारे लोकतंत्र में ऐसी चीजें बहुत कठिन हैं।
टाटा ग्रुप की सभी कम्पनियाँ
Sr.No | Companies |
1 | Tata Steel |
2 | Tata Motors |
3 | Tata Consultancy Service |
4 | Tata Chemicals |
6 | Tata Company |
7 | Tata Power |
8 | trend Limited |
9 | Tata communication |
10 | Tata consumer product |
11 | Tata Steel long product |
12 | nalco |
13 | Tata coffee |
14 | Tata Investment Corporation Limited |
रतन टाटा से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- रतन टाटा किसी प्रकार का कोई नशा नहीं करते है। Ratan Tata Biography in Hindi
- साल 1940 के दशक में जब रतन टाटा के माता-पिता अलग हो गए थे, तब उनका पालन-पोषण उनकी दादी नवाज़बाई टाटा ने किया था।
- रतन टाटा कुत्तों से बहुत प्यार करते है। उनके पास दो पालतू कुत्ते हैं- मैक्सिमस और टीटो।
- साल 1961 में रतन जी टाटा ग्रुप में शामिल हुए और उनका सबसे पहला काम चूने के पत्थरों को तोड़ना और विस्फोटक भट्टी को संभालना था।
- साल 1991 में रतन जी टाटा ग्रुप के अध्यक्ष बने। जब जे.आर.डी टाटा ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।
- उनकी अध्यक्षता में टाटा ग्रुप को पुरस्कृत किया गया, जिसके चलते ग्रुप के राजस्व में 40 गुना वृद्धि हुई और 50 प्रतिशत लाभ बढ़ा।
- उन्हें प्लेन उड़ाने का भी काफी शौक है, जिसका उनके पास लाइसेंस भी है। वे एक प्रशिक्षित पायलट भी हैं और 8 फरवरी 2007 को उन्होंने F-16 की उड़ान भरी थी। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय हैं।
- रतन टाटा के व्यवसायिक कौशल ने टाटा ग्रुप को स्थानीय ब्रांड से एक वैश्विक ग्रुप में बदल दिया।
- 8 दिसंबर 2008 को उन्होंने साइरस मिस्त्री को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया। Ratan Tata Success Story in Hindi
- 23 मार्च 2009 को उन्होंने टाटा नैनो कार को लॉन्च किया और जिसकी कीमत ₹1 लाख रूपये रखी। जो दुनिया की सबसे सस्ती कार मानी जाती है।
- इसके अलावा पुलिस, रेलवे कर्मचारी, यात्री जिनका टाटा ग्रुप से कोई लेना देना नहीं था, उन लोगों को भी टाटा ग्रुप ने 6 महीने के लिए 10-10 हज़ार देने का वादा किया था।
- 26/11 के हमले में अपने ताज होटल के पास के एक वेंडर की पोती को चार गोली लग गई थी। रतन टाटा ने उस लड़की को मुंबई के बड़े हॉस्पिटल में भर्ती करवाया और लाखो रूपये खर्च कर उस लड़की को ठीक करवाया।
- रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत ब्लू कॉलर कर्मचारी के रूप में की थी। नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (NELCO) का चेयरमैन चुने जाने से पहले इस Compnay का राजस्व काफी गिर चूका था। लेकिन रतन जी ने इस कंपनी को सफलता की बुलंदियों तक पहुँचाया है।
- साल 1998 में टाटा इंडिका लांच हुई थी। शुरुआत में टाटा इंडिका का प्रदर्शन अच्छा नहीं था। जिस वजह से रतन जी को सलाह मिली कि टाटा इंडिका को फोर्ड को बेच दे। साल 1999 में रतन जी अपनी टीम सहित इंडिका को बेचने के लिए फोर्ड (अमेरिका) के पास पहुँच गए थे। लेकिन फोर्ड ने इंडिका कंपनी की बेइज्जती कर दी और रतन जी अपनी टीम सहित वापिस भारत आ गए। इसके बाद रतन जी ने उस कंपनी को बेचने का इरादा कैंसिल कर दिया और उसको सफल बनाया।
- साल 2008 की आर्थिक मंदी में फोर्ड की सेल्स 50,000 यूनिट से नीचे पहुँच चुकी थी और कंपनी दिवालिया होने की स्थिति में आ गयी थी। 2008 में टाटा मोटर्स ने फोर्ड खरीद कर जेगुआर लैंड रोवर को उदारता दिखाई।
- एक बार NELCO के सीनियर ऑफिसर्स की टीम और रतन जी मुंबई से नासिक जा रहे थे। आधे रास्ते में उनकी कार का एक टायर फट गया था। सभी ऑफिसर्स गाड़ी से नीचे उतर गए और ब्रेक का आनंद लेने के लिए एक तरफ चले गए और सिगरेट जलाकर टाइम पास करने लगे। कुछ देर बाद उन्हें पता लगा कि रतन जी उनके साथ नहीं है। उनको लगा शायद कहीं चाय पिने या किसी से बात करने के लिए कही रुक गए होंगे।
- लेकिन जब उन्होंने देखा कि रतन टाटा ने अपने दोनों हाथों की बाहे ऊपर कर रखी हैं और टाई को गले से कंधे पर डाल रखा हैं। माथे से पसीने की बूंदे टपक रही है और हल्की मुस्कान के साथ जैक से स्पैनर को घुमा रहे हैं। ये घटना उन सभी ऑफिसर्स के लिए एक प्रेरणा की थी, जो उस वक्त रतन जी के साथ यात्रा कर रहे थे।
- टाटा सूमो कार का नाम तो आपने जरूर सुना होगा। मार्केट में यह काफी बिकी थी। क्या आप जानते पता हैं कि सूमो का अर्थ क्या हैं ? सूमो उनके पूर्व एमडी का शोर्ट नाम हैं। पूर्व एमडी सुमंत मुलगावकर के नाम पर ‘सूमो’ एक कार का नाम रख दिया। यह कार मार्केट में खूब जमकर चली और टाटा के लिए लकी रही थी।
- एक बार रतन जी अपने किसी फेक्ट्री में काम करने वाले मजदूर के घर चले गए थे, जो कि पिछले दो वर्षों से बीमार चल रहा था। रतन टाटा ने न केवल उसके इलाज के लिए पैसे दिए बल्कि उसके सम्पूर्ण परिवार की जिम्मेदारी उठाई।
- 26/11 मुंबई के हमले में टाटा ग्रुप के कर्मचारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। रतन जी ने अपने कर्मचारियों के घर-घर जाकर उनको हर संभव सहायता की। मात्र 20 दिनों के अन्दर मुआवजा राशि प्रदान करवाई। इतना ही नहीं जो लोग उनकी कंपनी में काम नहीं करते थे, उन लोगो को भी रतन टाटा ने आर्थिक सहायता प्रदान की। आतंक से पीड़ित 46 बच्चों की शिक्षा का जिम्मा उठाया।
- टाटा ग्रुप 100 Companies के साथ पूरे विश्व में पांचवी सबसे बड़ी कंपनी है। जिसमें टाटा चाय, 5 स्टार होटल, स्टील, कार और हवाई जहाज शामिल हैं।
- रतन टाटा को पालतू जानवर काफी पसंद हैं। उन्होंने अपना मुंबई वाला बंगाला जिसकी कीमत 400 करोड़ है वो पालतू कुत्तों की देखभाल के लिए दिया हुआ है।
- रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को 21 साल दिए और इन्हीं 21 सालों में उन्होंने अपनी कंपनी को शिखर तक पहुँचाया है। आज इस कंपनी की वैल्यू करीबन 50 गुना बढ़ गई है।
रतन टाटा की कुल संपत्ति – Ratan Tata Net Worth
टाटा चैरिटेबल ट्रस्ट भारत के इतिहास का सबसे बड़ा ट्रस्ट है। रतन टाटा अपनी कुल सम्पति का 65% हिस्सा इस ट्रस्ट में दान कर देते है। इसी कारण वे दुनिया के अमीर व्यक्तियों में शामिल नहीं है। लेकिन लोग उन्हें दिल का बहुत अमीर मानते हैं। अगर इस 65% को टाटा की मूल सम्पति में जोड़ दिया जाए तो रतन टाटा दुनिया के सबसे अमीर इन्सांन होंगे। Ratan Tata Biography in Hindi
टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों की मार्केट वैल्यू लगभग 17 लाख करोड़ रुपये होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 117 बिलियन डॉलर यानी करीबन 8.25 लाख करोड़ है। वे टाटा स्टील, टीसीएस, टाटा पॉवर, इंडियन होटल्स सहित 30 कंपनियों के मालिक हैं। 2021 के आंकड़ों के अनुसार रतन टाटा की कुल सम्पति 1 बिलियन डॉलर हैं।
रतन टाटा ‘रतन टाटा हाउस’ मुंबई में रहते हैं। उन्होंने यह लक्ज़री हाउस 2015 में खरीदा था। रतन टाटा हाउस की कीमत लभग 150 करोड़ है। इसके अलावा रतन टाटा कई सम्पतियों के मालिक हैं। इसके अलावा उन्होंने अपना मुंबई वाला बंगाला जिसकी कीमत 400 करोड़ है वो पालतू कुत्तों की देखभाल के लिए दिया हुआ है। Ratan Tata Biography in Hindi
निष्कर्ष
आशा करता हूँ कि आपको Ratan Tata Biography in Hindi – रतन टाटा का जीवन परिचय लेख अच्छा लगा होगा। इस लेख में रतन टाटा के जीवन से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा कि गई है। रतन टाटा को पूरे भारत में सभी लोग बखूबी से जानते हैं। रतन जी अपनी कमाई का आधा हिस्सा दान कर देते हैं। Ratan Tata Biography in Hindi
टाटा ग्रुप को ऊंचाइयों तक ले जाने में रतन जी का अहम् योगदान रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक हार्परकॉलिंस ने रतन टाटा के जीवन पर आधारित बायोग्राफी छापने की डील पर साइन किया है। ये भारत के इतिहास की सबसे बड़ी नॉन-फिक्शन बायोपिक की डील है। इस किताब में उनके जीवन के कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में बताया गया है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
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FAQ
Q : रतन टाटा का जन्म कब हुआ था?
Ans. 28 दिसम्बर 1937
Q : रतन टाटा के माता – पिता कौन है ?
Ans. रतन टाटा के पिता का नाम नवल टाटा है। रतन जी की माता का नाम सोनू टाटा है।
Q : टाटा ग्रुप की स्थापना कब हुई ?
Ans. टाटा ग्रुप की स्थापना 1868 में हुई थी।
Q : रतन टाटा को भारत सरकार की और से किन पुस्कारों से सम्मानित किया गया था ?
Ans. साल 2000 में पद्म भूषण और साल 2008 में पद्म विभूषण से भारत सरकार ने रतन टाटा को सम्मानित किया था।
Q : रतन टाटा दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में क्यों शामिल नहीं है ?
Ans. Ratan Tata अपनी कमाई का आधा हिस्सा गरीबो में दान कर देते हैं।
Q: टाटा बिरला के पास कितना पैसा है ?
Ans- टाटा बिरला के पास लगभग 7500 करोड़ रुपये है।
Q : रतन टाटा की उम्र कितनी हैं ?
Ans. 86 Years
Q : रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की ?
Ans. रतन टाटा ने अपनी प्रेमिका से वादा किया था कि वे केवल उसी से शादी करेंगे। लेकिन रतन टाटा के भारत आने के बाद उनकी प्रेमिका के माता पिता ने उसकी शादी किसी और से करा दी। अपने वादे की मर्यादा रखते हुए रतन टाटा ने शादी नहीं करने का निर्णय लिया।
मेरा नाम गोविन्द प्रजापत है। मैं talentkiduniya.com का फाउंडर हूँ। मुझे स्कूल के समय से ही हिंदी में लेख लिखने और अपने अनुभव को लोगो से शेयर करने में रूचि रही है। मैं इस ब्लॉग के माध्यम से अपनी नॉलेज को हिंदी में लोगो के साथ शेयर करता हूँ।